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श्मशान और कब्रिस्तान के बीच में स्थापित है यह मंदिर, नवरात्रि पर उमड़ती है भक्तों की भीड़ - श्मशान और कब्रिस्तान के बीच

छतरपुर का विख्यात मरई माता मंदिर श्मशान और कब्रिस्तान के बीचो-बीच मौजूद है. भक्तों की मान्यता है, कि यहां आने वाले हर भक्तों की मुराद पूरी हो जाती है.

मरही माता
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Published : Oct 1, 2019, 12:36 PM IST

Updated : Oct 1, 2019, 4:21 PM IST

छतरपुर। नवरात्र में शहर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. शहर का मरई माता मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है, जिससे इसकी प्रसिद्धि दूर- दूर तक फैली हुई है. मरई माता का यह मंदिर श्मशान और कब्रिस्तान के बीचो- बीच मौजूद है. भक्तों का की मान्यता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी हो जाती है.

श्मशान और कब्रिस्तान के बीच में स्थापित मंदिर

इस मंदिर में स्थानीय लोगों के अलावा अन्य शहरों से भी लोग पूजा अर्चना करने आते हैं. यहां आने वाले भक्तों का कहना है, कि इस मंदिर में कई चमत्कार हो चुके हैं, यहां तक कि माता के चमत्कार से सत्तर साल की महिला को भी संतान सुख की प्राप्ति हो चुकी है.

वैसे तो इस मंदिर में भक्त आते ही रहते हैं, लेकिन नवदुर्गा के समय इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. लोगों की मान्यता है कि माता अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं.

छतरपुर। नवरात्र में शहर के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. शहर का मरई माता मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है. यह मंदिर सैकड़ों साल पुराना है, जिससे इसकी प्रसिद्धि दूर- दूर तक फैली हुई है. मरई माता का यह मंदिर श्मशान और कब्रिस्तान के बीचो- बीच मौजूद है. भक्तों का की मान्यता है कि यहां आने वाले हर भक्त की मुराद पूरी हो जाती है.

श्मशान और कब्रिस्तान के बीच में स्थापित मंदिर

इस मंदिर में स्थानीय लोगों के अलावा अन्य शहरों से भी लोग पूजा अर्चना करने आते हैं. यहां आने वाले भक्तों का कहना है, कि इस मंदिर में कई चमत्कार हो चुके हैं, यहां तक कि माता के चमत्कार से सत्तर साल की महिला को भी संतान सुख की प्राप्ति हो चुकी है.

वैसे तो इस मंदिर में भक्त आते ही रहते हैं, लेकिन नवदुर्गा के समय इस मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ती है. लोगों की मान्यता है कि माता अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं.

Intro: वैसे तो नवरात्रों में माता के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है इन 9 दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों को पूछते हुए मां से लोग विभिन्न प्रकार की मन्नतें मांगते हैं छतरपुर जिले में एक ऐसा मंदिर मौजूद है जो ना सिर्फ सैकड़ों वर्ष पुराना है बल्कि उसकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक है!


Body: छतरपुर जिले में मरही माता के नाम से जाना जाने वाला मंदिर शायद एकमात्र ऐसा मंदिर होगा जो श्मशान एवं कब्रिस्तान के बीचो बीच मौजूद थे यही वजह है कि लोग इसे मरही माता के नाम से जानते हैं लोगों का कहना है कि यह मंदिर लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना है और माता यहां आने वाले हर भक्त की मुराद कुछ ही दिनों में पूरी कर देती हैं इस मंदिर की खासियत यह भी है कि जब भी कोई भक्त इस मंदिर में मनोकामना मांगता है!

तो उसकी एक मनोकामना माता कुछ ही दिनों में पूरी कर देती हैं लोगों की माने तो यहां सैकड़ों चमत्कार हो चुके हैं और मां आदि शक्ति यहां मरही माता के रूप में विराजमान हैं!

यहां आने वाले लोगों की माने तो माता के चमत्कार से एक 70 वर्ष की बुजुर्ग महिला को भी संतान सुख की प्राप्ति हुई थी!

नवरात्रों में हर वर्ष यहां सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोगों के अलावा अन्य शहरों से भी लोग पूजा अर्चना करने आते हैं

बाइट_मन्नू तिवारी
बाइट__सूरज बलि तिवारी पुजारी
बाइट_हीरा लाल भक्त



Conclusion: नवरात्रों के समय इस मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ मौजूद रहती है दूर-दूर से लोग इस मंदिर में माता के दर्शन करने के लिए आते हैं!
Last Updated : Oct 1, 2019, 4:21 PM IST
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