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निजी स्कूल की मनमानी से अधर में लटका छात्र का भविष्य, कलेक्टर से लगाई न्याय की गुहार

छतरपुर में एक निजी स्कूल की मनमानी के चलते एक छात्र को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. छात्र का सरकारी योजना आरटीई के तहत शहर के महर्षि स्कूल में दाखिला हुआ था, लेकिन अब स्कूल उसे निकाल रहा है, जिसकी शिकायत वह कलेक्टर से भी कर चुका है.

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Published : Jan 10, 2020, 3:25 PM IST

private school
निजी स्कूल

छतरपुर। शहर में एक निजी स्कूल की मनमानी से एक छात्र अपनी पढ़ाई के लिए परेशान हो रहा है. मोनू बर्मन नाम के छात्र का तीन साल पहले आरटीई के तहत शहर के महर्षि स्कूल में दाखिला हुआ था, लेकिन अब स्कूल प्रशासन उसे निकालने की बात कह रहा है. स्कूल प्रबंधन ने छात्र के पिता पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है, वहीं छात्र के पिता ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

छतरपुर में एक निजी स्कूल की मनमानी से छात्र परेशान

छात्र मोनू और उसके पिता लगातार शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं. छात्र का कहना है कि वह कलेक्ट्रेट कार्यालय, जनसुनवाई, शिक्षा विभाग जैसे तमाम कार्यालयों में आवेदन दे चुका है, लेकिन जिला प्रशासन उसकी कोई मदद नहीं कर रहा, मोनू का कहना है कि कुछ समय बाद उसकी वार्षिक परीक्षाएं भी है अगर ऐसा ही रहा तो वह परीक्षाओं में भी नहीं बैठ पाएगा.

पिता का कहना है कि उसके बेटे का आरटीई के तहत महर्षि स्कूल में दाखिला हुआ था. मेरा परिवार गरीब है और हम इस स्थिति में नहीं हैं कि महर्षि स्कूल अब जितने पैसे मांग रहा है, उतने पैसे दे पाए. यही वजह है कि स्कूल प्रबंधन ने मेरे बेटे को वहां पढ़ाने से इनकार कर दिया,.

स्कूल प्रबंधन ने छात्र के पिता पर लगाए धोखाधड़ी के आरोप
मामले में जब स्कूल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई, तो महर्षि स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि वह इस मामले में किसी भी तरह की कोई बात नहीं करना चाहते. छात्र का दाखिला उनके स्कूल में फर्जी तरीके से किया गया है और वह बच्चे और उसके पिता पर मामला दर्ज कराएंगे.

वहीं मामले में डीपीसी आरपी लखेरे का कहना है कि महर्षि स्कूल के प्रिंसिपल से मेरी बात हुई है, लेकिन अब तक बच्चे और उसके पेरेंट्स से कोई बात नहीं हुई है. अगर महर्षि स्कूल के प्रबंधन ने बच्चे एवं उसके पिता के साथ ऐसा व्यवहार किया है, तो निश्चित तौर पर यह निंदनीय है, हम स्कूल प्रबंधन को एक नोटिस जारी करके जवाब मांग रहे हैं.

छतरपुर। शहर में एक निजी स्कूल की मनमानी से एक छात्र अपनी पढ़ाई के लिए परेशान हो रहा है. मोनू बर्मन नाम के छात्र का तीन साल पहले आरटीई के तहत शहर के महर्षि स्कूल में दाखिला हुआ था, लेकिन अब स्कूल प्रशासन उसे निकालने की बात कह रहा है. स्कूल प्रबंधन ने छात्र के पिता पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है, वहीं छात्र के पिता ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

छतरपुर में एक निजी स्कूल की मनमानी से छात्र परेशान

छात्र मोनू और उसके पिता लगातार शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं. छात्र का कहना है कि वह कलेक्ट्रेट कार्यालय, जनसुनवाई, शिक्षा विभाग जैसे तमाम कार्यालयों में आवेदन दे चुका है, लेकिन जिला प्रशासन उसकी कोई मदद नहीं कर रहा, मोनू का कहना है कि कुछ समय बाद उसकी वार्षिक परीक्षाएं भी है अगर ऐसा ही रहा तो वह परीक्षाओं में भी नहीं बैठ पाएगा.

पिता का कहना है कि उसके बेटे का आरटीई के तहत महर्षि स्कूल में दाखिला हुआ था. मेरा परिवार गरीब है और हम इस स्थिति में नहीं हैं कि महर्षि स्कूल अब जितने पैसे मांग रहा है, उतने पैसे दे पाए. यही वजह है कि स्कूल प्रबंधन ने मेरे बेटे को वहां पढ़ाने से इनकार कर दिया,.

स्कूल प्रबंधन ने छात्र के पिता पर लगाए धोखाधड़ी के आरोप
मामले में जब स्कूल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की गई, तो महर्षि स्कूल के प्रिंसिपल का कहना है कि वह इस मामले में किसी भी तरह की कोई बात नहीं करना चाहते. छात्र का दाखिला उनके स्कूल में फर्जी तरीके से किया गया है और वह बच्चे और उसके पिता पर मामला दर्ज कराएंगे.

वहीं मामले में डीपीसी आरपी लखेरे का कहना है कि महर्षि स्कूल के प्रिंसिपल से मेरी बात हुई है, लेकिन अब तक बच्चे और उसके पेरेंट्स से कोई बात नहीं हुई है. अगर महर्षि स्कूल के प्रबंधन ने बच्चे एवं उसके पिता के साथ ऐसा व्यवहार किया है, तो निश्चित तौर पर यह निंदनीय है, हम स्कूल प्रबंधन को एक नोटिस जारी करके जवाब मांग रहे हैं.

Intro: छतरपुर जिले रहने वाला 7 साल का मोनू इन दिनों अपनी पढ़ाई को लेकर परेशान है जिसकी वजह निजी स्कूल की लापरवाही है मोनू बर्मन 3 साल से छतरपुर जिले के महर्षि स्कूल में पढ़ रहा है लेकिन अब महर्षि स्कूल उसे अपने स्कूल में रखने को तैयार नहीं है!

यही वजह है कि 7 साल का मोनू भ्रमण अपने पिता के साथ लगातार शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है मोनू का कहना है कि वह कलेक्ट्रेट कार्यालय जनसुनवाई शिक्षा विभाग जैसे तमाम कार्यालयों में आवेदन दे चुका है लेकिन जिला प्रशासन उसकी कोई मदद नहीं कर रहा है मोनू का कहना है कि कुछ समय बाद उसकी सालाना परीक्षाएं है और अगर ऐसा ही रहा तो वह परीक्षाओं में भी नहीं बैठ पाएगा!


Body:छतरपुर जिले की डेरी रोड में रहने वाला मोनू बर्मन अपने पिता के साथ शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है मोनू बर्मन का 3 साल पहले आरटीई के तहत महर्षि स्कूल में दाखिला हुआ था 3 साल तक मोनू स्कूल में पढ़ता रहा लेकिन अब अचानक स्कूल प्रबंधन उसे बाहर निकालने की बात कह रहा है मोनू एवं उसके पिता का कहना है कि वह पिछले 3 सालों से उसी स्कूल में पढ़ रहा है अगर किसी प्रकार की कोई समस्या थी इन 3 सालों में होनी चाहिए थी और अब जब परीक्षाएं नजदीक हैं ऐसे में उसके बेटे को स्कूल से भगा दिया गया है यही वजह है कि मोनू अपने पिता के साथ अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है!

मोनू के पिता राजेश बर्मन का कहना है कि उसके बेटे का आरटीई के तहत महर्षि स्कूल में दाखिला हुआ था क्योंकि मेरा परिवार गरीब है और हम इस स्थिति में नहीं है कि महर्षि स्कूल अब जितने पैसे मांग रहा है उतने पैसे हम स्कूल को दे पाए और यही वजह है कि स्कूल प्रबंधन ने मेरे बेटे को वहां पढ़ाने से इनकार कर दिया!

बाइट_राजेश (पिता)

वही मोनू बर्मन ने ईटीवी भारत के माध्यम से कलेक्टर एसपी शिक्षा अधिकारी जैसे तमाम अधिकारियों से गुहार लगाई है कि उसे आगे पढ़ने दिया जाए ताकि वह अपने भविष्य को उज्जवल बना सके!

बाइट_मोनू बर्मन

आपको बता दें कि आरटीई सरकार की एक योजना है जिसके तहत गरीब बच्चों को अच्छी से अच्छी स्कूल में पढ़ने का मौका मिलता है आरटीई के तहत बच्चे ऑनलाइन अपना फार्म भरते हैं और लकी ड्रा के सिस्टम से उन्हें सरकारी या प्राइवेट अच्छे स्कूल मुहैया कराए जाते हैं और उसका सारा पैसा सरकारी खजाने से भरा जाता है! और इस योजना के तहत लाभ लेने वाले विद्यार्थियों को लेकर सरकार स्कूलों को सख्त निर्देश दे चुकी है कि जिन बच्चों का भी डाकला इस योजना के तहत किया जाए उन बच्चों एवं उनके माता-पिता से पैसों से संबंधित किसी भी प्रकार की कोई बात ना की जाए यहां तक कि बच्चों को इस बात का कभी आभास भी ना हो कि वह इस स्कूल में मुफ्त में पढ़ रहे हैं लेकिन महर्षि स्कूल ने ना सिर्फ बच्चे को अपमानित किया बल्कि उसके पिता पर एफ आई आर करने की धमकी भी दे रहे हैं!

हमने जब स्कूल प्रबंधन से बात करने की कोशिश की कि स्कूल प्रबंधन के प्रिंसिपल का कहना है कि वह इस मामले में किसी भी प्रकार से कोई बात नहीं करना चाहते हैं मोनू बर्मन का दाखिला उनके स्कूल में फर्जी तरीके से किया गया है और वह बच्चे एवं उसके पिता पर कानूनी कार्यवाही करते हुए मामला दर्ज कराएंगे!


वहीं मामले में डीपीसी आरपी लखेरे का कहना है कि महर्षि स्कूल के प्रिंसिपल से मेरी बात हुई है मैंने उनसे बोला है कि बच्चे एवं उसके पेरेंट्स से किसी प्रकार की कोई बात ना करें अगर महर्षि स्कूल के प्रबंधन ने बच्चे एवं उसके पिता के साथ इस प्रकार का व्यवहार किया है तो निश्चित तौर पर यह निंदनीय है हम स्कूल प्रबंधन को एक नोटिस जारी करके जवाब मांग रहे हैं!

बाइट_आरपी लखेरे डीपीसी








Conclusion: स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के चलते एक होनहार छात्र अपने पिता के साथ लगातार शासकीय कार्यालयों के चक्कर लगा रहा है दूसरी ओर स्कूल प्रबंधन बच्चे के पिता पर ही मामला दर्ज कराने की बात कह रहा है वही डी पी सी आर पी लखेरे का कहना है कि महर्षि स्कूल प्रबंधन का रवैया बेहद निंदनीय है जिस तरीके से स्कूल प्रबंधन बच्चे एवं उसके पिता के साथ व्यवहार कर रहा है इस प्रकार का व्यवहार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा शासन की सख्त निर्देश हैं जिस बच्चे का आरटीई के तहत दाखिला हुआ हो उससे स्कूल प्रबंधन पैसे के लिए नहीं बोल सकता है और अगर इसके बाद भी स्कूल प्रबंधन नहीं मानता है तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी!
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