ETV Bharat / state

कचरे के ढेर में तब्दील हुई बावड़ी, पर्यटन विभाग नहीं दे रहा ध्यान

जिले के खजुराहो में बनी पुरानी बावड़ी पर्यटन विभाग की लापरवाही से कचरे के ढेर में तब्दील हो रही है.

author img

By

Published : Sep 2, 2019, 10:52 AM IST

कचरे के ढेर में तब्दील हुई बावड़ी

छतरपुर। एक ओर जहां विश्व पर्यटन स्थल खजुराहो में बने तमाम मंदिरों और अन्य पुरानी चीजों पर बेहद ध्यान दिया जाता है. वहीं दूसरी और वेस्टर्न ग्रुप मंदिरों के बीच में मौजूद 200 वर्ष पुरानी बावड़ी पर्यटन विभाग और कर्मचारियों की लापरवाही से कचरे के ढेर में तब्दील होती जा रही है.

कचरे के ढेर में तब्दील हुई बावड़ी

मंदिरों के बीच बनी बावड़ी बेहद खूबसूरत है और बारिश के दिनों में बावड़ी पानी से लबालब भरी रहती है. लेकिन वर्तमान में यह बावड़ी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है मंदिरों में घूमने आने वाले देसी और विदेशी पर्यटकों ने इस बावड़ी को न सिर्फ गंदा कर दिया है, बल्कि इसके अंदर पानी की प्लास्टिक बोतलों के अलावा गुटकों के पाउच भी डाल दिए हैं, जिस वजह से या खूबसूरत बावड़ी कचरे के ढेर में तब्दील होती जा रही है.
अगर पर्यटन विभाग ध्यान देता तो इस बावड़ी को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाकर वेस्टर्न ग्रुप समूह में बने मंदिरों की खूबसूरती में चार चांद लग सकती है मगर पर्यटन विभाग की लापरवाही के चलते धीरे-धीरे यह बाबरी अपने अस्तित्व को खो रही है.

छतरपुर। एक ओर जहां विश्व पर्यटन स्थल खजुराहो में बने तमाम मंदिरों और अन्य पुरानी चीजों पर बेहद ध्यान दिया जाता है. वहीं दूसरी और वेस्टर्न ग्रुप मंदिरों के बीच में मौजूद 200 वर्ष पुरानी बावड़ी पर्यटन विभाग और कर्मचारियों की लापरवाही से कचरे के ढेर में तब्दील होती जा रही है.

कचरे के ढेर में तब्दील हुई बावड़ी

मंदिरों के बीच बनी बावड़ी बेहद खूबसूरत है और बारिश के दिनों में बावड़ी पानी से लबालब भरी रहती है. लेकिन वर्तमान में यह बावड़ी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है मंदिरों में घूमने आने वाले देसी और विदेशी पर्यटकों ने इस बावड़ी को न सिर्फ गंदा कर दिया है, बल्कि इसके अंदर पानी की प्लास्टिक बोतलों के अलावा गुटकों के पाउच भी डाल दिए हैं, जिस वजह से या खूबसूरत बावड़ी कचरे के ढेर में तब्दील होती जा रही है.
अगर पर्यटन विभाग ध्यान देता तो इस बावड़ी को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाकर वेस्टर्न ग्रुप समूह में बने मंदिरों की खूबसूरती में चार चांद लग सकती है मगर पर्यटन विभाग की लापरवाही के चलते धीरे-धीरे यह बाबरी अपने अस्तित्व को खो रही है.

Intro:[EXCLUSIVE]

[ मंदिरों के अंदर माइक आईडी ले जाना मना है इसलिए इस खबर को कॉलर माइक से बनाया गया है]

विश्व पर्यटन स्थल खजुराहो में वेस्टर्न ग्रुप मंदिरों के बीच में मौजूद 200 वर्ष पुरानी बावड़ी पर्यटन विभाग एवं कर्मचारियों की लापरवाही से कचरे के ढेर में तब्दील होती जा रही है!

जिन मंदिरों को देखने के लिए देसी विदेशी पर्यटकों से देखने के लिए शुल्क लिया जाता है और चारों ओर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम 8 भी किए जाते हैं इन्हीं मंदिरों के बीच में 200 वर्ष पुरानी एक बाबरी मौजूद है जो बेहद खूबसूरत है!


Body:मंदिरों के बीच बनी बावड़ी लगभग 200 वर्ष पुरानी बताई जाती है इस बावड़ी का निर्माण खजुराहो के राजा प्रतापेश्वर ने कराया था तब से लेकर आज तक यह बावड़ी इसी स्थिति में मौजूद है यह बावड़ी बेहद खूबसूरत है और बारिश के दिनों में बावड़ी पानी से लबालब भरी रहती है!

लेकिन वर्तमान में यह बावड़ी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है मंदिरों में घूमने आने वाले देसी एवं विदेशी पर्यटकों ने इस बावड़ी को न सिर्फ गंदा कर दिया है बल्कि इसके अंदर पानी की प्लास्टिक बोतलों के अलावा गुटको के पाउच भी डाल दिए हैं जिस वजह से या खूबसूरत बावड़ी कचरे के ढेर में तब्दील होती जा रही है!

आपको बता दें कि यह बाबरी विश्व पर्यटन समूह के मंदिरों के बीचोंबीच स्थित है जहां पर जाने के लिए देशी एवं विदेशी पर्यटकों को पैसे खर्च करने पड़ते हैं!

आपको बता दें कि अगर पर्यटन विभाग इस ओर ध्यान देता तो यह बाबरी नासिक बेहद खूबसूरत हो सकती है बल्कि इसके पानी का भी ठीक तरीके से उपयोग किया जा सकता है लेकिन लापरवाही के चलते उसका पानी धीरे-धीरे गंदा होता जा रहा है क्योंकि बावड़ी के अंदर घास फूस के अलावा कचरा भी लगातार डाला जा रहा है!





Conclusion:एक और जहां विश्व पर्यटन स्थल खजुराहो में बने तमाम मंदिरों एवं अन्य पुरातन चीजों पर बेहद ध्यान दिया जाता है ऐसे में यह बावड़ी अपेक्षा का शिकार है अगर पर्यटन विभाग की ओर ध्यान देता तो इस बावड़ी को बेहद खूबसूरत तरीके से सजाकर वेस्टर्न ग्रुप समूह में बने मंदिरों की खूबसूरती में चार चांद लग सकती है लेकिन अगर पर्यटन विभाग इस ओर ध्यान नहीं देता है तो आने वाले समय में धीरे-धीरे यह बाबरी अपने अस्तित्व को खो देगी!
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.