नई दिल्ली: साल 2025 की पहली लोक अदालत 8 मार्च को लगेगी. लोक अदालत में लोग अपना पुराना पेंडिंग चालान माफ या कम कराते हैं. लोक अदालत में आमतौर पर मामूली ट्रैफिक उल्लंघन के मामलों का निपटारा किया जाता है. इन चालान के जुर्माने को कोर्ट के समझौते के आधार पर कम कर दिया जाता है. या फिर कुछ मामलों में इसे खत्म भी कर दिया जाता है.
ऐसे में जिन लोगों का चालान पेंडिंग है, वे इसे आगामी लोक अदालत में माफ या फिर खत्म करवा सकते हैं. हालांकि, लोक अदालत में हर चालान माफ नहीं किया जाता है. लोक अदालत में सभी मामलों की सुनवाई नहीं होती है. इसमें कई ऐसे केस शामिल होते हैं, जिनकी सुनवाई के लिए आपको कोर्ट का दरवाजा ही खटखटाना पड़ता है.
चार बार लगेगी लोक अदालत
गौरतलब है कि इस बार आपको चार बार चालान माफ करवाने का मौका मिलेगा. इस साल लोक अदालत 4 बार लगेगी. पहली लोक अदालत 8 मार्च, दूसरी, 10 मई, तीसरी 13 सितंबर और चौथी लोक अदालत दिसंबर में लगेगी. अगर आपका भी कोई पेंडिंग ट्रैफिक चालान है तो अब आप इसका निपटारा करा सकते हैं.
लोक अदालत में ये चालान नहीं होंगे माफ
लोक अदालत में उन मामलों का निपटारा किया जाता है, जो ट्रैफिक नियमों उल्लघंन से जुड़े होते हैं. इनमें ट्रैफिक रूल्स तोड़ना, सीट बेल्ट नहीं पहनना, हेलमेट के लिए कटा चालान या रेड लाइट तोड़ना शामिल हैं. हालांकि, अगर आपका चालान किसी ऐसी व्हीकल पर हुआ है, जो किसी एक्सीडेंट या क्रीमिनल केस में शामिल है उसकी सुनवाई लोक अदालत में नहीं की जाएगी. ऐसे मामलों में लोक अदालत से चालान खत्म या कम कराना मुमकिन नहीं है. इसके लिए आपको कोर्ट ही जाना पड़ेगा.
जिस जिले में कटा, चालान वहीं होगा निपटारा
बता दें कि जिस जिले में चालान कटता है, उसी जिले की लोक अदालत इस चालान को खत्म या माफ कर सकती है. मान लीजिए आप यूपी के आगरा के रहने वाले हैं और आपका चालान अलीगढ़ में कटता है, तो इसे माफ या खत्म करवाने के लिए आपको अलीगढ़ जाना होगा.
चालान खत्म करवाने के लिए किन डॉक्यूमेंट की होगी जरूरत?
चालान खत्म करवाने के लिए आपकोलोक अदालत लगने के कुछ दिन रजिस्ट्रेशन करना होता है. इसके बाद आपको अपॉइंटमेंट लेटर और टोकन नंबर मिलता है. लोक अदालत में जाने कि लिए आपके पास यह अपॉइंटमेंट लेटर और टोकन नंबर होना जरूरी है. ये टोकन नंबर रजिस्ट्रेशन प्रोसेस करते समय जेनरेट होता है.
इसके अलावा आपको लोक अदालत में व्हीकल डॉक्यूमेंट, ड्राइविंग लाइसेंस, ID प्रूफ, चालान की कॉपी, पिछले चालान की डिटेल, कोर्ट का नोटिस/समन, व्हीकल इंश्योरेंस पेपर जैसे डॉक्यूमेंट ले जाने होते हैं.
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