छतरपुर। वैसे तो खजुराहो के मंदिर पूरी दुनिया भर में अपनी अनोखी बनावट और उन्हें दी गई अनोखी कलाकृतियों की वजह से जाने जाते हैं, लेकिन शाम ढ़लते ही इन मंदिरों की खूबसूरती इतनी बढ़ जाती है कि यह मंदिर पत्थर की जगह सोने जैसी चमक में तब्दील हो जाती है. स्थानीय लोगों और गाइडों की मानें तो इन मंदिरों की यही खासियत है इसी की वजह से पूरे विश्व में इन मंदिरों को अलग पहचान मिली है.
खजुराहो के मंदिरों के ऊपर जब सूरज की धीमी रोशनी पड़ती है तो यह मंदिर देखते ही देखते सोने जैसे रंग में तब्दील हो जाते हैं. जिसके बाद इन मंदिरों की सुंदरता कई गुना बढ़ जाती है. यही वजह है कि शाम के समय इन मंदिरों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ जाती है.
पुराने समय के अन्य मंदिर इस तरह सूरज की रोशनी में नहीं चमकते हैं लेकिन खजुराहो के मंदिरों की अनोखी बनावट और इन मंदिरों को बनाते समय प्रयोग की गई पदार्थों की वजह से यह मंदिर सूरज की रोशनी पड़ते ही सोने जैसे चमक उठते हैं. स्थानीय लोगों और गाइडों की मानें तो इन मंदिरों की यही खासियत है इसी की वजह से पूरे विश्व में इन मंदिरों को अलग पहचान मिली है.
खजुराहो में लंबे समय से पर्यटन क्षेत्र में काम करने वाले गाइड राजू ने बताया कि खजुराहो के मंदिर सिलिकॉन जैसे पत्थरों से बने हुए हैं. साथ ही इन मंदिर के निर्माण में कई धातुओं को भी मिलाया गया है. यही वजह है कि जैसे ही इन पर सूरज की रोशनी पड़ती है यह सोने की तरह चमकने लगते हैं.