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छतरपुर :कोरोना ने दिया जिंदगी भर का गम, मां का अंतिम संस्कार भी नहीं कर पाया बेटा

मध्यप्रदेश में कोरोना अब लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन चुका है. लॉकडाउन की वजह से निवाड़ी में एक बेटा अपनी मां का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सका.

Son could not even cremate mother
कोरोना का कहर
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Published : Apr 13, 2020, 6:10 PM IST

Updated : Apr 13, 2020, 6:19 PM IST

भोपाल। लॉकडाउन से राज्य में सब कुछ ठप पड़ा है. कोरोना महामारी अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. निवाड़ी में एक बेटा अपनी मां का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सका. अपनी बेटी के साथ गांव में रह रही एक महिला की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई. महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने फोन पर घनश्याम को सूचना दी. घनश्याम अपने बेटे के साथ दिल्ली में मजदूरी के लिए गया था. सूचना मिलते ही घनश्याम और उसका बेटा दिल्ली से छतरपुर के लिए रवाना हो गए.

इससे पहले कि वे गांव पहुंचते गांव वालों ने महिला का अंतिम संस्कार कर दिया. घनश्याम का बेटा अरविंद लॉकडाउन की वजह से अपनी मां का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सका.

गांव पहुंचते ही स्थानीय प्रशासन ने उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रख दिया. जहां जांच के बाद उसे 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रहने के लिए कहा गया है. घनश्याम अहिरवार की पत्सनी की मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक के बेटे अरविंद का कहना है कि उसे इस बात का बेहद दुख है कि वह अंतिम समय में ना तो अपनी मां का दर्शन कर सका और ना ही उसे मुखाग्नि दे पाया. गांव में पहुंचने के बाद भी उसे अपने घर जाना नसीब नहीं हुआ और ना ही छोटी बहन से मिल सका.

गांव के सचिव का कहना है कि कुछ लोगों के द्वारा इस परिवार की जानकारी दी गई थी, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन के लिए रखा है. हालांकि इनकी रिपोर्ट आ गई है और रिपोर्ट नेगेटिव है, लेकिन फिर भी इन्हें कुछ दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रखा जाएगा.इधर घनश्याम के रिश्तेदार आवेदन लेकर एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं कि शायद प्रशासन उन्हें घर में ही क्वॉरेंटाइन करने की अनुमति दे दे और दुख की इस घड़ी में परिवार एक साथ रह सके.

भोपाल। लॉकडाउन से राज्य में सब कुछ ठप पड़ा है. कोरोना महामारी अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनती जा रही है. निवाड़ी में एक बेटा अपनी मां का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सका. अपनी बेटी के साथ गांव में रह रही एक महिला की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई. महिला की मौत के बाद ग्रामीणों ने फोन पर घनश्याम को सूचना दी. घनश्याम अपने बेटे के साथ दिल्ली में मजदूरी के लिए गया था. सूचना मिलते ही घनश्याम और उसका बेटा दिल्ली से छतरपुर के लिए रवाना हो गए.

इससे पहले कि वे गांव पहुंचते गांव वालों ने महिला का अंतिम संस्कार कर दिया. घनश्याम का बेटा अरविंद लॉकडाउन की वजह से अपनी मां का अंतिम संस्कार भी नहीं कर सका.

गांव पहुंचते ही स्थानीय प्रशासन ने उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में रख दिया. जहां जांच के बाद उसे 14 दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रहने के लिए कहा गया है. घनश्याम अहिरवार की पत्सनी की मौत के बाद परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. मृतक के बेटे अरविंद का कहना है कि उसे इस बात का बेहद दुख है कि वह अंतिम समय में ना तो अपनी मां का दर्शन कर सका और ना ही उसे मुखाग्नि दे पाया. गांव में पहुंचने के बाद भी उसे अपने घर जाना नसीब नहीं हुआ और ना ही छोटी बहन से मिल सका.

गांव के सचिव का कहना है कि कुछ लोगों के द्वारा इस परिवार की जानकारी दी गई थी, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन ने उन्हें क्वॉरेंटाइन सेंटर में 14 दिन के लिए रखा है. हालांकि इनकी रिपोर्ट आ गई है और रिपोर्ट नेगेटिव है, लेकिन फिर भी इन्हें कुछ दिनों के लिए क्वॉरेंटाइन सेंटर में ही रखा जाएगा.इधर घनश्याम के रिश्तेदार आवेदन लेकर एसडीएम कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं कि शायद प्रशासन उन्हें घर में ही क्वॉरेंटाइन करने की अनुमति दे दे और दुख की इस घड़ी में परिवार एक साथ रह सके.

Last Updated : Apr 13, 2020, 6:19 PM IST
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