छतरपुर| बिजावर मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर बीच जंगल में बनी कृषि उपज मंडी में मृदा प्रशिक्षण केंद्र महज किसानों को दर्शन करने लिए बनाया गया है. कृषि उपज मंडी में फसल बेचने आये किसान प्रोगशाला में लगे ताले के दर्शन कर चले जाते हैं और मंडी के कर्मचारियों से पूछते हैं कि ये मिट्टी परिक्षण कब शुरू होगा. मंडी कर्मचारियों का कहना होता है कि ये इमारत कृषि विभाग की है. वही बताएंगे ये कब शुरू होगी. बताया जा रहा है कि प्रयोगशाला की इमारत के निर्माण में 35 लाख रुपए सरकारी खजाने से खर्च किए गए है.
मध्यप्रदेश सरकार ने 313 विकास खंडों में 35 लाख रुपए की लागत से प्रत्येक विकास खंड में एक-एक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला बनाई है. जिसमें मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कुल 109.55 लाख रुपये खर्च कर इन केंद्रों को ताले लटकाकर इन्हें धूल खाने के लिये छोड़ दिया गया है.
जब इस मामले में कृषि विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी डीपी चौबे से बात की गई तो उन्होंने बताया की बीजेपी सरकार द्वारा प्रदेश के सभी विकासखण्डों में मृदा प्रशिक्षण प्रयोगशाला बनाए जाने का प्रावधान निश्चित किया गया था. जिसकी कड़ी में बिजावर मंडी प्रांगण में ये प्रयोगशाला बनाई गई, जो छह माह पहले ही विभाग को सुपुर्द की गई है. जिसमें अब तक न कोई प्रशिक्षित स्टाफ और न ही किसी भी प्रकार की टेक्निकल मशीनरी प्राप्त हुई है. जिसकी जानकारी उपसंचालक के माध्यम से प्रयोगशाला शुरू करने लिए मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखा गया है.