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35 लाख की लागत से बनी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला फांक रही है धूल, अधिकारियों ने साधी चुप्पी

बीच जंगल में बनी कृषि उपज मंडी में मृदा प्रशिक्षण केंद्र महज किसानों को दर्शन करने लिए बनाया गया है. कृषि उपज मंडी में फसल बेचने आये किसान प्रोगशाला में लगे ताले के दर्शन कर चले जाते हैं.

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Published : Aug 7, 2019, 10:45 PM IST

35 लाख की लागत से बनी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला फांक रही है धूल

छतरपुर| बिजावर मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर बीच जंगल में बनी कृषि उपज मंडी में मृदा प्रशिक्षण केंद्र महज किसानों को दर्शन करने लिए बनाया गया है. कृषि उपज मंडी में फसल बेचने आये किसान प्रोगशाला में लगे ताले के दर्शन कर चले जाते हैं और मंडी के कर्मचारियों से पूछते हैं कि ये मिट्टी परिक्षण कब शुरू होगा. मंडी कर्मचारियों का कहना होता है कि ये इमारत कृषि विभाग की है. वही बताएंगे ये कब शुरू होगी. बताया जा रहा है कि प्रयोगशाला की इमारत के निर्माण में 35 लाख रुपए सरकारी खजाने से खर्च किए गए है.

35 लाख की लागत से बनी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला फांक रही है धूल

मध्यप्रदेश सरकार ने 313 विकास खंडों में 35 लाख रुपए की लागत से प्रत्येक विकास खंड में एक-एक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला बनाई है. जिसमें मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कुल 109.55 लाख रुपये खर्च कर इन केंद्रों को ताले लटकाकर इन्हें धूल खाने के लिये छोड़ दिया गया है.

जब इस मामले में कृषि विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी डीपी चौबे से बात की गई तो उन्होंने बताया की बीजेपी सरकार द्वारा प्रदेश के सभी विकासखण्डों में मृदा प्रशिक्षण प्रयोगशाला बनाए जाने का प्रावधान निश्चित किया गया था. जिसकी कड़ी में बिजावर मंडी प्रांगण में ये प्रयोगशाला बनाई गई, जो छह माह पहले ही विभाग को सुपुर्द की गई है. जिसमें अब तक न कोई प्रशिक्षित स्टाफ और न ही किसी भी प्रकार की टेक्निकल मशीनरी प्राप्त हुई है. जिसकी जानकारी उपसंचालक के माध्यम से प्रयोगशाला शुरू करने लिए मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखा गया है.

छतरपुर| बिजावर मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर बीच जंगल में बनी कृषि उपज मंडी में मृदा प्रशिक्षण केंद्र महज किसानों को दर्शन करने लिए बनाया गया है. कृषि उपज मंडी में फसल बेचने आये किसान प्रोगशाला में लगे ताले के दर्शन कर चले जाते हैं और मंडी के कर्मचारियों से पूछते हैं कि ये मिट्टी परिक्षण कब शुरू होगा. मंडी कर्मचारियों का कहना होता है कि ये इमारत कृषि विभाग की है. वही बताएंगे ये कब शुरू होगी. बताया जा रहा है कि प्रयोगशाला की इमारत के निर्माण में 35 लाख रुपए सरकारी खजाने से खर्च किए गए है.

35 लाख की लागत से बनी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला फांक रही है धूल

मध्यप्रदेश सरकार ने 313 विकास खंडों में 35 लाख रुपए की लागत से प्रत्येक विकास खंड में एक-एक मृदा परीक्षण प्रयोगशाला बनाई है. जिसमें मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कुल 109.55 लाख रुपये खर्च कर इन केंद्रों को ताले लटकाकर इन्हें धूल खाने के लिये छोड़ दिया गया है.

जब इस मामले में कृषि विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी डीपी चौबे से बात की गई तो उन्होंने बताया की बीजेपी सरकार द्वारा प्रदेश के सभी विकासखण्डों में मृदा प्रशिक्षण प्रयोगशाला बनाए जाने का प्रावधान निश्चित किया गया था. जिसकी कड़ी में बिजावर मंडी प्रांगण में ये प्रयोगशाला बनाई गई, जो छह माह पहले ही विभाग को सुपुर्द की गई है. जिसमें अब तक न कोई प्रशिक्षित स्टाफ और न ही किसी भी प्रकार की टेक्निकल मशीनरी प्राप्त हुई है. जिसकी जानकारी उपसंचालक के माध्यम से प्रयोगशाला शुरू करने लिए मध्यप्रदेश शासन को पत्र लिखा गया है.

Intro:स्पेशल--

बिजावर- बंद पड़ी 35 लाख से बनी भूमि परीक्षण की इमारत,किसानों को दे रही दर्शन नही हो सकी उपयोगी,

बिजावर मुख्यालाय से कुछ ही दूरी पर बीच जंगल मे बनी कृषि उपज मंडी में मृदा प्रशिक्षण केंद्र महज किसानों को दर्शन करने लिए बनाया गया है कृषि उपज मंडी में फसल बेचने आये किसान केवल प्रोग शाला में लगे ताले के दर्शन कर चले जाते है और मंडी के कर्मचारियों से पूछते है कि ये मिट्टी परिक्षण कब शुरू होगा मंडी कर्मचारी बताते है की यह इमारत कृषि विभाग की है बही बताएंगे यह कब शुरू होगी जो बिजावर में 35 लाख की लागत से बर्ष 2017 में बनकर तैयार की जा चुकी है

Body:मध्यप्रदेश सरकार ने 313 विकास खंडो में 35 लाख रुपये की लागत से प्रत्येक बिकास खंड में एक-एक मृदा परीक्षण प्रयोग शाला बनाई थी जिसमे मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कुल 109.55 लाख रुपये खर्च कर इन केंद्रों को ताले लटकाकर इन्हें धूल खाने के लिये छोड़ दिया गया है जनता की गाड़ी कमाई जो शासन के टेक्स के रूप में वसूली जाती है जिसे प्रशासन द्वारा बर्बाद कर दिया गया है अब देखना है कि अब जिम्मेदार अधिकारी या मध्य प्रदेश सरकार के सफेद पोष नेता किसानों की कब सुनते है या कोई नया बहाना अलापते है और कब तक किसानों को यह सुविधा सुचारू रूप से मिल पाती है
सरकार द्वारा निर्मित इस इमारत को बनाने का मूल उद्देश्य किसानों की भूमि की मिट्टी का परीक्षण कर किसानों को अच्छी फसल पैदा के लिए सही सुझाव देना है लेकिन आज के समय मे यह इमारत सिर्फ और सिर्फ देखने मात्र का साधन बन हुआ है
बर्षो से इस प्रयोग शाला के दरवाजे बन्द पड़े है जिसके नीचे पेड़ पौधे उगने शुरू हो गए है यहां तक कि तीस हजार बिजली का बिल बकाया होने कारण बिजली बिभाग ने इस भवन को बिजली काट दिया है निर्माण लागत दर्शाने के लिए लगा बोर्ड कचड़े के ढेर में पड़ा देखा गया है

Conclusion:जब इस मामले में कृषि विभाग के कृषि विस्तार अधिकारी डी.पी चौबे से बात की गई तो उन्होंने ने बताया की पूर्व सरकार द्वारा मध्यप्रदेश के सभी विकासखण्डों में मृदा प्रशिक्षण प्रयोग शाला बनाये जाने का प्रावधान निश्चित किया गया था जिसकी कड़ी में बिजवार मंडी प्रांगण में यह प्रयोग शाला बनाई गई जो 6 माह पूर्व ही मेरे बिभाग को सुपुर्द की गई है जिसमे अब तक न कोई प्रशिक्षित स्टाफ एवं न किसी भी प्रकार की टेक्निकल मशीनरी प्राप्त हुई है जिसकी जानकारी उपसंचालक कृषि के माध्यम से प्रयोग शाला शुरू करने लिए मध्यप्रदेश शासन को लेख किया गया है


बाईट-1- संतोष नागर ( सचिव कृषि उपज मंडी बिजावर)
बाईट-२- डी.पी चौबे ( कृषि विस्तार अधिकारी बिजावर )

स्पेशल-
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