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MP में जल्द बनेगा लव जिहाद के खिलाफ कठोर कानून, 10 साल की होनी चाहिए सजा- प्रद्युम्न सिंह - धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020

प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने को लेकर दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह लोधी ने लव जिहाद जैसे मुद्दे पर ईटीवी भारत से खुलकर बातचीत की, उन्होंने कहा कि लव जिहाद जैसे गंभीर अपराध को लेकर मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लाने वाली है. लव जिहाद जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

pradyuman
लव जिहाद
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Published : Nov 26, 2020, 7:18 AM IST

छतरपुर। मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने के लिए मसौदा तैयार कर लिया गया है. दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह लोधी ने लव जिहाद जैसे मुद्दे पर ईटीवी भारत से खुलकर बातचीत करते हुए कहा कि लव जिहाद जैसे गंभीर अपराध को लेकर मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लाने वाली है. कानून बनने के बाद लव जिहाद जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

प्रद्युम्न सिंह लोधी से खास बातचीत

'सीएम से जल्द करेंगे बात'

प्रद्युम्न सिंह लोधी ने ईटीवी भारत से कहा कि कई विधायकों से उनकी बात हो चुकी है, और अब इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी जल्द बात होने वाली है. दिसंबर में होने वाले विधानसभा सत्र में लव जिहाद को लेकर मध्यप्रदेश में एक कानून लाने की बात चल रही है.


'10 साल की होनी चाहिए सजा'


दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह लोधी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश में रहने वाली बच्चियों एवं बेटियों को लव जिहाद जैसे गंभीर षड्यंत्र से बचाने के लिए जल्द से जल्द सख्त कानून लाया जाएगा. जो लोग धर्म एवं अपनी पहचान छुपाकर भोली-भाली महिलाओं एवं बच्चियों को प्रेम जाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते हैं ऐसे लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. इसके साथ ही 10 साल की सजा होनी चाहिए.

'जल्द से जल्द बनाया जाएगा कानून'


प्रद्युम्न सिंह लोधी ने कहना है कि प्रदेश में दिसंबर के लास्ट में लव जिहाद को लेकर एक मीटिंग होने वाली है. जिसके बाद जल्द से जल्द लव जिहाद को लेकर कानून बनाया जाएगा. अपनी निजी राय देते हुए उन्होंने कहा कि लव जिहाद जैसे मामलों में आरोपियों को कम से कम 10 साल की सजा एवं कठोर कारावास होना चाहिए. ताकि आने वाले समय में कोई भी व्यक्ति इस प्रकार का अपराध न कर सकें.

'मध्यप्रदेश सरकार कठोर निर्णय लेने में सक्षम'

प्रद्युम्न सिंह लोधी का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार ने ही सबसे पहले लव जिहाद को लेकर कानून बनाने की बात कही थी. लेकिन किसी कारण बस यह कानून मध्यप्रदेश में नहीं बन सका. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी है. जिसके लिए बधाई के पात्र हैं. अब जल्द ही मध्य प्रदेश सरकार भी लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश लाएगी. और इसको लेकर एक कानून बनाया जाएगा. इस मामले में जो भी आरोपी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं अब उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है.

बुधवार को हुई थी बैठक

वहीं बुधवार को गृह विभाग की बैठक गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में की गई थी, जिसमें अधिकारियों ने गृह मंत्री के सामने प्रस्तावित विधायक का ड्राफ्ट प्रस्तुत किया. इस ड्राफ्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के विधेयक की तरह ही 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. हलांकि खुद धर्म बदलने पर रोक नहीं होगा, लेकिन इसके लिए कलेक्टर को 30 दिन पहले जानकारी देनी होगी.

क्या अध्यादेश लेकर आएगी सरकार ?

उत्तर प्रदेश सरकार के कानून को अध्यादेश के माध्यम से लागू किया है. लेकिन मध्य प्रदेश में अभी इस तरह की कोई संभावना नहीं है. जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में इसे विधानसभा से पास करके राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आगामी विधानसभा सत्र में इसे पेश किया जा सकता है.

छतरपुर। मध्यप्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने के लिए मसौदा तैयार कर लिया गया है. दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह लोधी ने लव जिहाद जैसे मुद्दे पर ईटीवी भारत से खुलकर बातचीत करते हुए कहा कि लव जिहाद जैसे गंभीर अपराध को लेकर मध्य प्रदेश सरकार जल्द ही एक अध्यादेश लाने वाली है. कानून बनने के बाद लव जिहाद जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले आरोपियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी.

प्रद्युम्न सिंह लोधी से खास बातचीत

'सीएम से जल्द करेंगे बात'

प्रद्युम्न सिंह लोधी ने ईटीवी भारत से कहा कि कई विधायकों से उनकी बात हो चुकी है, और अब इसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी जल्द बात होने वाली है. दिसंबर में होने वाले विधानसभा सत्र में लव जिहाद को लेकर मध्यप्रदेश में एक कानून लाने की बात चल रही है.


'10 साल की होनी चाहिए सजा'


दर्जा प्राप्त कैबिनेट मंत्री प्रद्युम्न सिंह लोधी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश में रहने वाली बच्चियों एवं बेटियों को लव जिहाद जैसे गंभीर षड्यंत्र से बचाने के लिए जल्द से जल्द सख्त कानून लाया जाएगा. जो लोग धर्म एवं अपनी पहचान छुपाकर भोली-भाली महिलाओं एवं बच्चियों को प्रेम जाल में फंसा कर धर्मांतरण के लिए प्रेरित करते हैं ऐसे लोगों पर दंडात्मक कार्रवाई होनी चाहिए. इसके साथ ही 10 साल की सजा होनी चाहिए.

'जल्द से जल्द बनाया जाएगा कानून'


प्रद्युम्न सिंह लोधी ने कहना है कि प्रदेश में दिसंबर के लास्ट में लव जिहाद को लेकर एक मीटिंग होने वाली है. जिसके बाद जल्द से जल्द लव जिहाद को लेकर कानून बनाया जाएगा. अपनी निजी राय देते हुए उन्होंने कहा कि लव जिहाद जैसे मामलों में आरोपियों को कम से कम 10 साल की सजा एवं कठोर कारावास होना चाहिए. ताकि आने वाले समय में कोई भी व्यक्ति इस प्रकार का अपराध न कर सकें.

'मध्यप्रदेश सरकार कठोर निर्णय लेने में सक्षम'

प्रद्युम्न सिंह लोधी का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार ने ही सबसे पहले लव जिहाद को लेकर कानून बनाने की बात कही थी. लेकिन किसी कारण बस यह कानून मध्यप्रदेश में नहीं बन सका. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी है. जिसके लिए बधाई के पात्र हैं. अब जल्द ही मध्य प्रदेश सरकार भी लव जिहाद के खिलाफ अध्यादेश लाएगी. और इसको लेकर एक कानून बनाया जाएगा. इस मामले में जो भी आरोपी पाए जाएंगे उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं अब उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है.

बुधवार को हुई थी बैठक

वहीं बुधवार को गृह विभाग की बैठक गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में की गई थी, जिसमें अधिकारियों ने गृह मंत्री के सामने प्रस्तावित विधायक का ड्राफ्ट प्रस्तुत किया. इस ड्राफ्ट में उत्तर प्रदेश सरकार के विधेयक की तरह ही 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है. हलांकि खुद धर्म बदलने पर रोक नहीं होगा, लेकिन इसके लिए कलेक्टर को 30 दिन पहले जानकारी देनी होगी.

क्या अध्यादेश लेकर आएगी सरकार ?

उत्तर प्रदेश सरकार के कानून को अध्यादेश के माध्यम से लागू किया है. लेकिन मध्य प्रदेश में अभी इस तरह की कोई संभावना नहीं है. जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में इसे विधानसभा से पास करके राज्यपाल के पास भेजा जाएगा. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आगामी विधानसभा सत्र में इसे पेश किया जा सकता है.

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