छतरपुर। जिले के पड़रिया गांव में छह ऐसे परिवार है जिन्हें कच्चे मकान भी नसीब नहीं हो रहे है. इन परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक न होने से परिवार का भरण पोषण कर पाना ही उनके के लिए चुनौती बनी हुई है. मकान निर्माण करने की नौबत ही नहीं आ पा रही है. वही इन परिवारों को सरकारी योजनाओ का लाभ नहीं मिल पा रहा है. जानकारी के अनुसार पड़रिया में रह रहे देवीदीन केवट, मगी केवट, मोतीलाल केवट सहित छह परिवार सालों से कच्चे मकानों में निवासरत है.
यह सभी परिवार भूमिहीन भी है. इन परिवारों की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने से आधे मकानों में खप्पर छबे हुए तो आधे मकानों में टाट फट्टी और पॉलीथिन घरो के ऊपर लगाए गए है. जिससे की गर्मियों में, धूप से, बरसात में पानी से और ठंडी के सीजन में ठंड से बचाव हो सके. लेकिन कभी कभार बेमौसम तेज आंधी के चलने से टाट फट्टी और पॉलीथिन नही टिक पाती. जिससे उन्हें बार बार बाजार से यह सामान खरीदना पड़ रहा है.
अधिकारियों से सिर्फ आश्वासन मिले पीएम आवास नहीं
हितग्राही मगी केवट ने बताया की पीएम आवास योजना में शामिल करने के लिए उन्होने परिवार के सदस्यों के साथ ही कई बार जनपद कार्यालय गौरिहार के चक्कर लगाए वहां मौजूद अधिकारियों से भी मिले लेकिन अधिकारियों ने लिफाफा संस्कृति के सामने सिर्फ झूठे आश्वासन दिए. उनके हित मे कागजी कार्रवाई नहीं की. यही वजह है की आज भी जर्जर कच्चे मकानों में केवट समुदाय के छह परिवार रहने को मजबूर है.
वही सीईओ जनपद पंचायत केपी द्विवेदी ने कहा की उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है. वह पीएम आवास के सर्वे सूची की जानकारी लेगें अगर यह परिवार पात्र है तो उन्हें पूरक सर्वे में शामिल कर उन्हें योजना का लाभ दिलाया जाएगा.