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सरकारी स्कूल के शौचालय पर ताला, सिर्फ टीचर्स को है उपयोग करने की अनुमति

सरकारी स्कूल के शौचालय पर लटका ताला खुले में शौच के लिए छात्र मजबूर, मिड डे मील के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी.

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Published : Aug 17, 2019, 2:59 AM IST

शासकीय स्कूल खैरा कसार

छतरपुर। जिले के खैरा कसार शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ मिड डे मील एवं मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मजाक किया जा रहा है आलम ये है कि स्कूल में बने शौचालयों में ताले लटके हुए हैं,बच्चे खुले में शौच जाने को मजबूर हैं,स्कूल में बनने वाले मिड डे मील को लेकर बच्चों ने चौंकाने वाली बातें बताई हैं.

शासकीय स्कूल खैरा कसार

जिले से लगभग 100 किलोमीटर दूर खैरा कसार गांव के शासकीय स्कूल में मिड डे मील और स्कूल की मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मासूम बच्चों के साथ मजाक किया जा रहा है,स्कूल परिसर में बनी शौचालय पर ताला लगा हुआ होता है जिसके कारण बच्चे खुले में शौच करने को मजबूर हैं.

पढ़ने वाले छात्रों ने बताया की स्कूल में बनने वाला मिड डे मील की क्वालिटी बहुत बेकार होती है, खाने में कई बार कीड़े निकल आते हैं, इसकी शिकायत शिक्षकों से की गई लेकिन किसी ने भी सुनवाई नहीं की , जिसके बाद से ये छात्र वही मिड डे मील खाने को मजबूर है,खाने के नाम पर गिनती की रोटियां ही दी जाती और अगर किसी ने उससे ज्यादा मांगी तो रोटी की जगह डांट सुनने को मिलती है

पूरे मामले पर जिले के डीएम प्रेम सिंह चौहान ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है प्रेम सिंह चौहान का कहना है कि मामले को दिखा लिया जाएगा अगर इस प्रकार की शिकायतें मिलती है तो निश्चित तौर पर दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.

छतरपुर। जिले के खैरा कसार शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के साथ मिड डे मील एवं मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मजाक किया जा रहा है आलम ये है कि स्कूल में बने शौचालयों में ताले लटके हुए हैं,बच्चे खुले में शौच जाने को मजबूर हैं,स्कूल में बनने वाले मिड डे मील को लेकर बच्चों ने चौंकाने वाली बातें बताई हैं.

शासकीय स्कूल खैरा कसार

जिले से लगभग 100 किलोमीटर दूर खैरा कसार गांव के शासकीय स्कूल में मिड डे मील और स्कूल की मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मासूम बच्चों के साथ मजाक किया जा रहा है,स्कूल परिसर में बनी शौचालय पर ताला लगा हुआ होता है जिसके कारण बच्चे खुले में शौच करने को मजबूर हैं.

पढ़ने वाले छात्रों ने बताया की स्कूल में बनने वाला मिड डे मील की क्वालिटी बहुत बेकार होती है, खाने में कई बार कीड़े निकल आते हैं, इसकी शिकायत शिक्षकों से की गई लेकिन किसी ने भी सुनवाई नहीं की , जिसके बाद से ये छात्र वही मिड डे मील खाने को मजबूर है,खाने के नाम पर गिनती की रोटियां ही दी जाती और अगर किसी ने उससे ज्यादा मांगी तो रोटी की जगह डांट सुनने को मिलती है

पूरे मामले पर जिले के डीएम प्रेम सिंह चौहान ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है प्रेम सिंह चौहान का कहना है कि मामले को दिखा लिया जाएगा अगर इस प्रकार की शिकायतें मिलती है तो निश्चित तौर पर दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.

Intro: छतरपुर जिले के खैराकसार शासकीय स्कूल मे पढ़ने वाले बच्चों के साथ मिड डे मील एवं मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मजाक किया जा रहा है आलम यह है कि स्कूल में बने शौचालयों में ताले लटके हुए हैं जिस वजह से बच्चों को सोच के लिए बाहर जाना पड़ रहा है तो वही स्कूल में बनने वाले मिड डे मील को लेकर बच्चों ने चौंकाने वाली बातें बताई हैं!


Body: जिले से लगभग 100 किलोमीटर दूर खैरा कसार गांव का शासकीय स्कूल मिड डे मील एवं स्कूल की मूलभूत सुविधाओं के नाम पर मासूम बच्चों के साथ मजाक बना हुआ है बच्चे एवं बच्चियां सोच करने के लिए बाहर जाने को मजबूर हैं क्योंकि स्कूल में बने शौचालयों में सरकारी ताले पड़े हुए हैं और यह ताले स्कूल के शिक्षकों द्वारा डाले गए हैं बच्चों का कहना है कि शौचालयों में ताले पड़े होने की वजह से उन्हें बाहर शौच जाने को मजबूर होना पड़ रहा है आपको बता दें कि यह स्कूल कक्षा 1 से लेकर दसवीं तक लगता है जिस वजह से स्कूल में काफी संख्या में बड़ी बच्ची आपकी हैं और इन बच्चियों को ना चाहते हुए भी शर्मिंदगी उठानी पड़ती है क्योंकि स्कूल में बने शौचालयों में ताले पड़े रहते हैं!

स्कूल में पढ़ने वाली छात्रा खुशी मिश्रा बताती है कि स्कूल में शौचालय तो बने हुए हैं लेकिन उनमें ताले पड़े हुए हैं यही वजह है कि जब भी स्कूल में वॉशरूम जाना पड़ता है तो स्कूल के आस-पास मैदान में ही सभी बच्चियां जाती हैं!

बाइट_खुशी मिश्रा छात्रा

कक्षा नौवीं में पढ़ने वाली एक और छात्रा रोशनी अनुरागी की माने तो स्कूल में बने शौचालयों के ताले सिर्फ स्कूल में पढ़ने वाले शिक्षकों के लिए ही खुलते हैं बच्चे अगर कहते भी हैं तो उनसे कह दिया जाता है कि खुले में शौच करने के लिए जाओ!

बाइट_रोशनी अनुरागी

स्कूल में ही पढ़ने वाली एक और छात्रा त्रवी सिंह का कहना है कि कई बार कहने के बाद भी स्कूल के शिक्षक इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं मजबूर होकर हम सब को बाहर जाना पड़ रहा है!

बाइट_त्रवी सिंह छात्रा

वही स्कूल में पढ़ाने वाली प्रभारी शिक्षिका का कहना है कि वह इससे पहले प्रभारी प्राचार्य नहीं थी यहां पर कोई दूसरा प्रभारी प्राचार्य था जिससे इस प्रकार की अवस्थाएं हो रही थी हमने इन तमाम अव्यवस्थाओं को सुधारने की कोशिश की है!

बाइट_रूपा गुप्ता_वर्तमान प्रभारी शिक्षिका

स्कूल में पढ़ने वाले कुछ छात्रों की मानें तो उन्हें बेहद घटिया क्वालिटी का भोजन दिया जाता है कई बार खाने में इल्लियां एवं कीड़े मिले हैं जिसकी शिकायत शिक्षकों से की गई लेकिन किसी ने भी सुनवाई नहीं की मजबूर होकर या तो उन्हें वही खाना खाना पड़ा या फिर उन्हें डांट डपट कर शांत कर दिया जाता है छात्रों का कहना है कि खाने के नाम पर सिर्फ गिनी चुनी कुछ रोटियां ही मिलती है सवाल जवाब करने पर डांट जरूर मिल जाती है!

बाइट_छात्र (सामूहिक)

मामले में जिले के डीएम प्रेम सिंह चौहान ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है प्रेम सिंह चौहान का कहना है कि मामले को दिखा लिया जाएगा अगर इस प्रकार की शिकायतें मिलती है तो निश्चित तौर पर दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी!

आपको बता दें कि इस खबर के बाद से ही इस स्कूल में मध्यान भोजन बांटने वाले एवं समूह संचालित करने वाले लोग लगातार पैसोंका लेनदेन कर मामला निपटाने की बात कह रहे थे! जिसको लेकर कई जगहों से इन मध्यान भोजन चलाने वाले समूह के संचालकों ने फोन भी लगवाए लगातार खबर ना चलाने की धमकी भी देते रहे!


Conclusion: मामले में जब हमने जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने एवं संपर्क करने की कोशिश की तो उन्होंने कुछ भी कहने से साफ इंकार कर दिया हालांकि इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग के तमाम अधिकारी मामले को निपटाने की बात जरूर कर रहे हैं!
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