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महीनों से नहीं खुला उप स्वास्थ्य केंद्र, झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे ग्रामीण

छतरपुर जिले के टटम गांव स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलन से स्थानीय लोग परेशान है. गांव में मौजूद स्वास्थ्य केंद्र पिछले कई महीनों से बंद है. जिससे गांव के लोग झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने के लिए मजबूर है.

झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे पूरा गांव
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Published : Aug 27, 2019, 9:57 PM IST


छतरपुर। जिले की स्वास्थ सेवाओं की पोल एक बार फिर खुल गई है. महतपुर तहसील के टटम गांव में बना उप स्वास्थ केंद्र पिछले कई महीनों से बंद पड़ा है. गांव वालों का कहना है की महीनों बीत जाने के बाद भी यहां कोई डॉक्टर नहीं आता. जिसकी वजह से गांववाले झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने के लिए मजबूर हैं.

झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे पूरा गांव

ग्रामीणों को कहना है कि महीनों से स्वास्थ्य केंद्र न खुलने के चलते कमरों में जाले और धूल इस कदर इकट्ठी हो गई है जैसे यह कमरे सालों से ना खोले गए हो. ग्रामीणों का कहना है कि यह अस्पताल कब खुला था उन्हें तो अब यह भी याद नहीं है.

उप स्वास्थ्य केंद्र न खुलने से ग्रामीण मरीजों को लेकर बाहर जाते है. जबकि झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने की वजह से खतरा भी बना रहता है. लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ग्रामीण मामले की शिकायत कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग को भी कर चुके हैं. लेकिन अब तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.


छतरपुर। जिले की स्वास्थ सेवाओं की पोल एक बार फिर खुल गई है. महतपुर तहसील के टटम गांव में बना उप स्वास्थ केंद्र पिछले कई महीनों से बंद पड़ा है. गांव वालों का कहना है की महीनों बीत जाने के बाद भी यहां कोई डॉक्टर नहीं आता. जिसकी वजह से गांववाले झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने के लिए मजबूर हैं.

झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे पूरा गांव

ग्रामीणों को कहना है कि महीनों से स्वास्थ्य केंद्र न खुलने के चलते कमरों में जाले और धूल इस कदर इकट्ठी हो गई है जैसे यह कमरे सालों से ना खोले गए हो. ग्रामीणों का कहना है कि यह अस्पताल कब खुला था उन्हें तो अब यह भी याद नहीं है.

उप स्वास्थ्य केंद्र न खुलने से ग्रामीण मरीजों को लेकर बाहर जाते है. जबकि झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज कराने की वजह से खतरा भी बना रहता है. लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ग्रामीण मामले की शिकायत कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग को भी कर चुके हैं. लेकिन अब तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.

Intro: गले में एक बार फिर बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर सामने आई है छतरपुर जिले के महतपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव टटम में बना उप स्वास्थ्य केंद्र पिछले कई महीनों से नहीं खोला है ग्रामीणों का कहना है कि महीनों बीत जाने के बाद भी यहां कोई डॉक्टर नहीं आता और ना ही इस उप स्वास्थ्य केंद्र को खोला जाता है यही वजह है कि यहां रहने वाले लोग ज्यादातर झोलाछाप डॉक्टरों पर ही निर्भर है!


Body:छतरपुर जिले के महाराजपुर तहसील अंतर्गत आने वाले छोटे से गांव टैटम में पिछले कई महीनों से स्वास्थ्य केंद्र बंद है हालात यह है कि यहां पर रहने वाले ग्रामीणों को अपने स्वास्थ्य के लिए झोलाछाप डॉक्टरों पर निर्भर रहना पड़ता है!

ग्रामीणों की माने तो महीने बीत जाने के बाद भी ना तो स्वास्थ्य केंद्र खुला है और ना ही यहां कोई डॉक्टर इलाज के लिए आता है स्वास्थ्य केंद्र के अंदर बने कमरों में जाले एवं धूल इस कदर इकट्ठी हो गई है मानव जैसे यह कमरे सालों से ना खोले गए हो!

गांव में रहने वाले नवाब अली बताते हैं कि महीनों बीत गए हैं तब से यह अस्पताल नहीं खुला है उन्हें तो यही भी याद नहीं है कि आखरी बार यह अस्पताल कब खुला था!

बाइट_नबाब अली ग्रामीण
भी गांव में ही रहने वाले एक ठेकेदार कल्याण सिंह का कहना है उन्हें गांव का एक ठेका मिला है इसलिए 2 सालों से 22 गांव में रह रहे हैं लेकिन आज तक उन्होंने उप स्वास्थ्य केंद्र को खुला हुआ नहीं देखा है कई बार जब मैं भी बीमार हुआ हूं तुम मुझे झोलाछाप डॉक्टरों का सहारा लेना पड़ा

बाइट_कल्याण सिंह ग्रामीण


गांव में ही रहने वाले रामकिशोर बताते हैं कि गांव का अस्पताल कई महीनों से नहीं खोला है जब भी गांव के लोग एवं परिवार के लोग कभी बीमार होते हैं तो या तो प्राइवेट दिखाना होता है या फिर किसी झोलाछाप डॉक्टर के पास जाकर इलाज कराते हैं!

बाइट- रामकिशोर

मामले में छतरपुर जिले के एडीएम प्रेम चौहान ने जांच कराने की बात कही है एडीएम का कहना है कि अगर इस प्रकार का कोई मामला है तो निश्चित ही लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी!

बाइट_एडीएम प्रेम सिंह चौहान


Conclusion: महीनों से नहीं खुला उप स्वास्थ्य केंद्र गांव के लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है गांव के लोगों को बीमार होने पर ना सिर्फ लंबी दूरी तय करनी पड़ती है बल्कि कई बार उन्हें झोलाछाप डॉक्टरों पर भी निर्भर होना पड़ता है!

कई महीनों तक उप स्वास्थ्य केंद्र बंद होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग का ध्यान इस ओर नहीं गया अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में इस गांव की समस्याएं ना सिर्फ बढ़ जाएंगी बल्कि झोलाछाप डॉक्टरों के यहां जाकर इलाज कराने से ही कोई बड़ी घटना भी हो सकती है!
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