छतरपुर। बुंदेलखंड के छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा की बात करें, तो ये विधानसभा खनिज संपदा से भरपूर है. इसका इलाका उत्तरप्रदेश से लगा हुआ है. खनिज और पर्यावरण संसाधन के मामले में प्रकृति ने चंदला पर भरपूर कृपा की है. ये इलाका रेत के वैध और अवैध व्यापार के लिए मशहूर है. यहां की सियासत में रेत माफिया का जमकर हस्तक्षेप होता है. वहीं उत्तरप्रदेश का रेत और दूसरे माफिया का चंदला इलाके में जमकर हस्तक्षेप है. चंदला के ब्यासबदौरा गांव में खजुराहो के चंदेलकालीन मंदिर जैसे मंदिर हैं, इसलिए चंदला को मिनी खजुराहो भी कहा जाता है.
चंदला विधानसभा एक परिचय: चंदला विधानसभा ( एससी) गौरिहार तहसील, चंदला नगर पंचायत और लौंडी तहसील में फैला हुआ है. चंदला विधानसभा वैसे तो 1951 से अस्तित्व में है, लेकिन समय-समय पर इसमें बदलाव होते रहे हैं. चंदला विधानसभा 1951 में विंध्य प्रदेश का हिस्सा थी, लेकिन 1956 में हुए मध्यप्रदेश राज्य के गठन के बाद इसका अस्तित्व समाप्त हो गया. 1976 में चंदला विधानसभा एक बार फिर अस्तित्व में आयी और निर्वाचन क्षेत्रों के 2008 के परिसीमन के बाद चंदला अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.
चंदला का चुनावी इतिहास: चंदला विधानसभा की बात करें तो 1998 के पहले इस सीट का मिजाज कांग्रेस की तरफ झुका हुआ रहा है. 1998 के बाद यूपी की सीमा से लगी इस विधानसभा में लगातार दो बार समाजवादी पार्टी ने जीत हासिल की. 2008 में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित इस सीट का मिजाज एक दम बदल गया और बीजेपी के रामदयाल अहिरवार चुनाव जीते. इसके बाद 2013 और 2018 में बीजेपी ने जीत हासिल की. 2018 में छतरपुर जिले में चंदला एक मात्र सीट थी, जहां बीजेपी को जीत मिली थी. बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे के मुकाबले में करीब एक हजार वोट से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.
विधानसभा चुनाव 2008: 2008 के परिसीमन के बाद चंदला विधानसभा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गयी. 2008 में भाजपा के रामदयाल अहिरवार यहां से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. उन्होंने 18 हजार 868 वोट हासिल किए और बीजेएसएच के आर डी प्रजापति के लिए 17 हजार 910 वोट मिले. इस तरह 958 वोट से बीजेपी के रामदयाल अहिरवार चुनाव जीत गए.
विधानसभा चुनाव 2013: 2013 में मोदी लहर के दौरान मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया. 2013 में भाजपा प्रत्याशी आरडी प्रजापति ने 65 हजार 959 वोट हासिल किए. वहीं कांग्रेस के हरप्रसाद अनुरागी को महज 28 हजार 562 वोट मिले. इस तरह भाजपा के आर डी प्रजापति 37 हजार 397 वोट से बंपर जीत हासिल करने में कामयाब रहे.
विधानसभा चुनाव 2018: विधानसभा चुनाव 2018 में चंदला ही एक ऐसी सीट रही, जो छतरपुर जिले में भाजपा की लाज बचाने में कामयाब रही. कांटे के मुकाबले में बीजेपी के राजेश प्रजापति एक हजार 177 वोटों से चुनाव जीतने में कामयाब रहे. राजेश कुमार प्रजापति को 41 हजार 227 वोट मिले और कांग्रेस के हरप्रसाद अनुरागी को 40 हजार 50 वोट मिले.
चुनावी मुद्दे: यूपी से लगे इस इलाके की बात करें तो प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर इस इलाके की जनता गरीबी और बदहाली से परेशान है. माफियाराज और कानून व्यवस्था के अलावा यूपी की सीमा से लगे होने के कारण अंतर्राज्यीय अपराधियों का बोलबाला है. इस इलाके की जनता प्रमुख रूप से खेती पर निर्भर है. रोजगार के लिए लोग महानगरों में पलायन के लिए मजबूर हैं. खराब स्वास्थ्य व्यवस्था के अलावा इस इलाके में सड़कों की बदहाली एक बड़ा चुनावी मुद्दा है.
जातीय समीकरण: अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित चंदला विधानसभा में 2011 की जनगणना के अनुसार एससी मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा है. एक अनुमान के मुताबिक चंदला में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 61 हजार है, जो 29 प्रतिशत वोट है. इसके अलावा ब्राह्मण मतदाता और पटेल मतदाता भी चुनाव में अहम भूमिका निभाने की स्थति में है.
टिकट के दावेदार: सत्ताधारी दल भाजपा की बात करें तो चंदला विधानसभा से टिकट के प्रबल दावेदार मौजूदा विधायक राजेश प्रजापति हैं. इसके अलावा भाजपा जिला उपाध्यक्ष छतरपुर दिलीप अहिरवार और संघ के करीबी बृजेश राय कलार भी दावेदार हैं. बालाराम अहिरवार का नाम भी प्रमुख दावेदारों में है. वहीं कांग्रेस से पिछले चुनाव में भाजपा को कड़ी टक्कर देने वाले हरप्रसाद अनुरानी, बीएसपी छोडकर कांग्रेस में आए पुष्पेंद्र अहिरवार के अलावा अनिन्या सिंह का नाम भी प्रबल दावेदारों में हैं.