छतरपुर। जिले के नौगांव से सटे पड़ोसी जिले टीकमगढ के ग्राम लारौन निवासी किसान द्वारा खेती को आसान बनाने एवं लाभ कमाने की उद्देश्य से खरीदा गया ट्रैक्टर सूखा पड़ने के कारण जी का जंजाल बन गया. ट्रैक्टर उस समय और भारी पड़ने लगा जब किसान ने रेत का व्यवसाय किया और खनिज विभाग ने पकड़ कर कार्रवाई कर दी. इस सबसे त्रस्त होकर किसान ने बाहर रहने वाले साथी किसान की सलाह पर ट्रैक्टर में आटा चक्की लगाकर गांव-गांव जाकर गेहूं पीसने का कार्य शुरू कर दिया.
नुकसान दे रहा था ट्रैक्टर : आटा चक्की लगने से कभी नुकसान देने वाला ट्रैक्टर से उसे लाभ होने लगा. नौगांव क्षेत्र की सीमा से लगे हुए टीकमगढ़ जिले के ग्राम निवासी किसान हैं भगवानदास विश्वकर्मा. भगवानदास विश्वकर्मा ने तीन साल पहले खेती करने एवं लाभ कमाने के उद्देश्य से कृषि यंत्र ट्रैक्टर खरीदा, लेकिन सूखा पड़ने और गांव में ट्रैक्टर अधिक होने के चलते उनका काम नहीं चला. यहां तक नौबत आ गई कि फाइनेंस कम्पनी ट्रैक्टर खींचने तक आ गई. इसके बाद उन्होंने ट्रैक्टर से कुछ दिनों तक रेत सप्लाई करने का काम किया, लेकिन इस दौरान दो बार उनका ट्रैक्टर खनिज विभाग ने पकड़ लिया.
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गांव-गांव जाकर पीसते हैं गेहूं : किसान के साथ गरीबी में आटा गीला जैसी कहावत हो गई. एक तो फाइनेंस कम्पनी किस्त के लिए परेशान कर रही थी तो दूसरी तरफ खनिज विभाग ने उनका ट्रैक्टर अलग से पकड़ कर कार्रवाई कर दी. इससे किसान भगवानदास काफी परेशान हो गए तो उन्होंने क्षेत्र में आटा चक्की न होने पर अपने ट्रैक्टर को ही चलित आटा चक्की बनाने की सोची. फिर क्या था. तुरंत जुगाड़ प्रक्रिया करके किसी तरह अपने ट्रैक्टर में आटा चक्की फिट करा ली. अब वह गांव-गांव जाकर गेहूं पीसने का कार्य कर रहे हैं. इससे उन्हें अब लाभ होने लगा है.