छतरपुर। जिले में साइबर बुलिंग का मामला सामने आया, जिसके जांच में पुलिस ने शिकायतकर्ता के नाबालिक बेटे को ही दोषी पाया, हालांकि उस पर कार्रवाई करने की जगह उसे समझाइस देकर छोड़ दिया गया. महिला ने कुछ रोज पहले ही शिकायत की थी की कुछ दिनों से लगातार उसके घर पर गिफ्ट और खाना आ रहा है. ऑनलाइन साइटों से घर पर लगातार खाना पहुंच रहा है, जिसको लेकर परिवार के लोग काफी परेशान थे.
मामले में संज्ञान लेते हुए छतरपुर एसपी ने इन्वेस्टिगेशन और जांच की जिम्मेदारी साइबर सेल के अधिकारियों को सौंप दी थी, पुलिस लगातार हर पहलू से जांच कर रही थी. इसी पर पुलिस ने तमाम गिफ्ट साइबर सेल में मगाए और उनके खरीदी आदि की जानकीरी जुटाई. जांच में पुलिस ने पाया की जिस पेटिएम अकाउंट से गिफ्ट और खाने का पेमेंट किया जा रहा है, वह महिला का बेटा चलाता है.
पीड़ित महिला के परिवार में उनका 16 साल का बेटा ही उनके खाते और नेट वगैरह का काम देखता था. अचानक से उनके परिवार में तरह-तरह के गिफ्ट खाना आना शुरू हो गया. पहले तो उन्हें यह सब कुछ सामान्य लगा, लेकिन बाद में जब चीजें लगातार बढ़ने लगी और उनका बेटा उन्हें यह बताने लगा कि मेल के माध्यम से उसे डराया धमकाया जा रहा है तो मामला पुलिस तक पहुंच गया.
फिलहाल पुलिस ने केस को सॉल्व कर लिया है लेकिन 16 साल की नाबालिक को ना तो किसी प्रकार की डांट लगाई है और ना ही उसे कोई दंड दिया गया है. साइबर अधिकारियों का कहना है कि लड़का नाबालिक है इसलिए उसे सिर्फ समझाइश दी गई है और परिवार को भी बोला गया है की उसके साथ अभद्र व्यवहार न करें ताकि वह डर की वजह से कोई गलत कदम ना उठाए.