छतरपुर। शहर के सरकारी अस्पताल में लापरवाही की सभी हदें उस वक्त पार हो गईं, जब पता कि अस्पताल के ओपीडी में एक मानसिक रोगी डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज कर रहा है. जब तक अस्पताल प्रबंधन को मामले की खबर लगी, तब तक ये मानसिक रोगी कई मरीजों के पर्चे जांच चुका था. इतना ही नहीं उन्हें दवाएं भी लिख चुका था.
जिला अस्पताल के ओपीडी का चेंबर नंबर- 20, जो डॉक्टर हिमांशु बॉथम की अनुपस्थिति में खाली पड़ा हुआ था. उसमें मानसिक रोगी घुस गया और उनकी सीट पर बैठ गया. मरीजों ने उसे डॉक्टर समझ लिया, फिर क्या था उस मानसिक रोगी ने भी मरीजों का धड़ाधड़ इलाज शुरु कर दिया.
मामले की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रबंधन ने मानसिक रोगी को पकड़ लिया है. मानसिक रोगी ने खुद का नाम वीर बहादुर बताया है. उसका दावा कि, वो एक डॉक्टर है, जो पहले AIMMS में काम करता था.
वहीं जब वीर बहादुर से पूछा गया कि, उसने मरीजों का इलाज क्यों किया, तो उसने कहा कि मरीज परेशान हो रहे थे. चूंकि वो एक डॉक्टर है, जिसकी वजह से उससे मरीजों की परेशानी देखी नहीं गई और वो डॉक्टर की सीट पर बैठकर उनका इलाज करने लगा. बहादुर ने कहा कि, 'चेक कर लो किसी भी मरीज को कोई गलत ट्रीटमेंट नहीं लिखा है'.
वहीं सिविल सर्जन डॉक्टर आरएस त्रिपाठी ने बताया कि अस्पताल के कर्मचारियों ने मानसिक रोगी को पकड़ लिया है. मरीज के परिजनों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.