छतरपुर। जिले में घना कोहरा छाया है और पिछले 4 दिनों से सूर्यदेव के दर्शन नहीं हुए हैं. कड़ाके की ठंड ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. ऊपर से रुक-रुककर हो रही बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है.
लुढ़के पारे से बीमारियों की आशंका
छतरपुर का तापमान लगभग 10 डिग्री के आसपास पहुंच गया है, जिससे लोग मौसमी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं.
स्कूली बच्चों की बढ़ी मुसीबत
हाड़ कंपाने वाली ठंड के बावजूद जिले में अब तक प्राइमरी और मिडिल स्कूलों की छुट्टी नहीं की गई है. अब ठिठुरते हुए बच्चे स्कूल जाने को मजबूर हैं. बच्चों और परिजनों का कहना है कि ठंड के कारण स्कूल आने-जाने में परेशानी हो रही है. अगर जिला प्रशासन कुछ दिनों की छुट्टी और कर देता, तो बेहतर रहेगा.
ठंड से बचने के लिए शिक्षक की सलाह
कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक अरुण श्रीवास्तव कहते हैं कि पिछले 20 सालों में उन्होंने इतनी ज्यादा सर्दी कभी नहीं देखी. उनका कहना है कि बच्चों के माता-पिता को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चे जब भी स्कूल या कोचिंग जाएं, तो उन्हें गर्म कपड़े पूरी तरह से पहनाएं. शिक्षक अरुण श्रीवास्तव ने प्रशासन से प्राइमरी और मिडिल स्कूल के बच्चों को अवकाश देने का भी आग्रह किया है.
किसानों की आफत
जिले में लगातार कोहरे और ठंड होने की वजह से किसान परेशान हैं. किसानों की चने और मटर की फसल को कोहरे की वजह से नुकसान हो रहा है. चने की फसल अधिक कोहरा और ठंड पड़ने से सूखने लगी है. लगभग 20% फसल आने वाले समय में खराब हो जाएगी और अगर ऐसे ही ठंड बढ़ती रही, तो मटर और चने की फसल में खासा नुकसान उठाना पड़ सकता है.