ETV Bharat / state

खजुराहो मंदिर: कुछ रहस्य जो आज भी हैं बरकरार

छतरपुर में स्थित खजुराहो मंदिर से जुड़े हुए कई रोचक और रहस्यमई तथ्य है जिन्हें जानने के लिए आज भी लोग दूर-दूर से यहां आते हैं लेकिन खजुराहो आज भी लोगों के लिए एक रहस्य बना हुआ है.

author img

By

Published : Jan 29, 2020, 2:25 PM IST

Updated : Jan 29, 2020, 3:25 PM IST

khajuraho unknown
खजुराहो एक रहस्य

छतरपुर। खजुराहो मंदिर वैसे तो अपनी अद्भुत कलाकृतियों और मंदिरों के बाहर उकेरी गई कलाकृतियों के लिए जाना जाता है लेकिन इसके अलावा भी खजुराहो मंदिर से जुड़े हुए कई रोचक और रहस्यमई तथ्य हैं, जिन्हें जानने के लिए आज भी लोग दूर-दूर से यहां आते हैं. लेकिन खजुराहो आज भी लोगों के लिए एक रहस्य बना हुआ है.

खजुराहो एक रहस्य
एक हजार साल पुराना है इतिहासखजुराहो मंदिरों का निर्माण चंदेल राजाओं ने लगभग एक हजार साल पुराना है लेकिन लोग इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि आखिर यह मंदिर क्यों बनवाए गए थे. खजुराहो मंदिरों के पीछे बहुत सारी किवदंतीयां और कहानियां जुड़ी हुई हैं. दुनिया से आने वाले तमाम इतिहासकार और साहित्यकार इस बात को जानने में लगे रहते हैं कि आखिर क्यों इन मंदिरों का निर्माण कराया गया और आखिर क्या वजह थी कि इन मंदिरों की दीवारों पर कामुक्त कलाकृतियों को उकेरा गया.

अध्यात्म और साधना से भी जुड़ा है खजुराहो
देश-विदेश से आने वाले सैलानी ज्यादातर इन मंदिरों के बाहर उकेरी गई कामुक कलाकृतियों को देखने के लिए आते हैं लेकिन खजुराहो के मंदिरों का एक दूसरा पहलू भी है जो कि अध्यात्म और साधना से जुड़ा हुआ है. खजुराहो मंदिरों के बाहर उकेरी गई कामुक कलाकृतियां 3% से 5% ही है इसके अलावा खजुराहो के तमाम मंदिर अध्यात्म को दर्शाते हैं. यहां पर 64 योगिनी नाम का मंदिर दुनिया में अध्यात्म और योग के लिए जाना जाता है. यहां भगवान शिव के ऐसे अद्भुत मंदिर हैं जो पूरी दुनिया में कहीं पर भी देखने को नहीं मिलते हैं.

ईश्वर की होती है प्राप्ति
खजुराहो के मंदिरों में जीवन के तमाम पुरुषार्थ को दर्शाया गया है. जिसमें काम क्रोध कला अर्थ एवं मोक्ष ये सभी जीवन के अभिन्न अंग है और इन्हीं को इन मंदिरों के बाहर दर्शाया गया है और अंत में ये संदेश भी दिया गया है कि इन सब से ऊपर उठकर अगर इंसान मुक्त होता है तो उसे ईश्वर की प्राप्ति होती है.

मंदिरों के निर्माण के पीछे एक किवदंती
मंदिरों के निर्माण के पीछे एक किवदंती ये भी है कि एक ब्राह्मण कन्या जिसका नाम हेमवती था वो रात्रि के समय सरोवर में स्नान करने के लिए गई हुई थी. ब्राह्मण कन्या बेहद सुंदर थी जिसके सौंदर्य पर चंद्र देव मोहित हो गए. हेमवती और चंद्र देव के मिलन से एक पुत्र की उत्पत्ति हुई, जिसे चंद्र बर्मन कहा गया. इसे मानव और इंसान का अंश माना गया लेकिन बिना विवाह के संतान पैदा होने पर समाज से प्रताड़ित होकर हिमवती ने जंगल में शरण ली. जहां उसने पुत्र चंद्र बर्मन के लिए माता और गुरु दोनों की भूमिका निभाई. चंद्र बर्मन ने युवा होने पर चंदेल वंश की स्थापना की और राजा बनने पर अपनी माता के सपने को पूरा किया, जिसके अनुसार ऐसे मंदिरों का निर्माण कराना था जो मानव की सभी भावनाओं, इच्छाओं, वासनाओं और कामनाओं को उजागर करना था. तब चंद्र बर्मन ने खजुराहो के पहले मंदिर का निर्माण किया और बाद में उनके उत्तराधिकारियों ने अन्य मंदिरों का निर्माण कराया.

मन के विकारों को दूर करती हैं मूर्तियां
मंदिर के बाहर बनी ये मूर्तियां मन के विकारों को दूर करती हैं और जब व्यक्ति मंदिर के अंदर जाता है तो वासनाओं, इच्छाओं से मुक्त हो चुका होता है. सभी मंदिर 3 दिशाओं पूर्व, पश्चिम, दक्षिण दिशा समूह में स्थित है. अनेक मंदिरों में गर्भ गृह बाहर था, वहीं दीवारों पर जिनमें देवी-देवताओं की मूर्तियां आलिंगन करते नर, नारी, नागौर, पशु-पक्षियों की सुंदर पाषाण प्रतिमाएं उकेरी गई हैं. ये प्रतिमाएं मानव जीवन से जुड़े सभी भावों, आनंद, उमंग, वासना, लोक नृत्य, संगीत और उनकी मुद्राओं को दर्शाती हैं. ये उत्कृष्ट शिल्प कला का जीवंत उदाहरण है क्योंकि इसमें सौंदर्य उभारा गया है जिससे कि देखने वालों की नजरें उन प्रतिमाओं पर टिक जाती हैं.

छतरपुर। खजुराहो मंदिर वैसे तो अपनी अद्भुत कलाकृतियों और मंदिरों के बाहर उकेरी गई कलाकृतियों के लिए जाना जाता है लेकिन इसके अलावा भी खजुराहो मंदिर से जुड़े हुए कई रोचक और रहस्यमई तथ्य हैं, जिन्हें जानने के लिए आज भी लोग दूर-दूर से यहां आते हैं. लेकिन खजुराहो आज भी लोगों के लिए एक रहस्य बना हुआ है.

खजुराहो एक रहस्य
एक हजार साल पुराना है इतिहासखजुराहो मंदिरों का निर्माण चंदेल राजाओं ने लगभग एक हजार साल पुराना है लेकिन लोग इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि आखिर यह मंदिर क्यों बनवाए गए थे. खजुराहो मंदिरों के पीछे बहुत सारी किवदंतीयां और कहानियां जुड़ी हुई हैं. दुनिया से आने वाले तमाम इतिहासकार और साहित्यकार इस बात को जानने में लगे रहते हैं कि आखिर क्यों इन मंदिरों का निर्माण कराया गया और आखिर क्या वजह थी कि इन मंदिरों की दीवारों पर कामुक्त कलाकृतियों को उकेरा गया.

अध्यात्म और साधना से भी जुड़ा है खजुराहो
देश-विदेश से आने वाले सैलानी ज्यादातर इन मंदिरों के बाहर उकेरी गई कामुक कलाकृतियों को देखने के लिए आते हैं लेकिन खजुराहो के मंदिरों का एक दूसरा पहलू भी है जो कि अध्यात्म और साधना से जुड़ा हुआ है. खजुराहो मंदिरों के बाहर उकेरी गई कामुक कलाकृतियां 3% से 5% ही है इसके अलावा खजुराहो के तमाम मंदिर अध्यात्म को दर्शाते हैं. यहां पर 64 योगिनी नाम का मंदिर दुनिया में अध्यात्म और योग के लिए जाना जाता है. यहां भगवान शिव के ऐसे अद्भुत मंदिर हैं जो पूरी दुनिया में कहीं पर भी देखने को नहीं मिलते हैं.

ईश्वर की होती है प्राप्ति
खजुराहो के मंदिरों में जीवन के तमाम पुरुषार्थ को दर्शाया गया है. जिसमें काम क्रोध कला अर्थ एवं मोक्ष ये सभी जीवन के अभिन्न अंग है और इन्हीं को इन मंदिरों के बाहर दर्शाया गया है और अंत में ये संदेश भी दिया गया है कि इन सब से ऊपर उठकर अगर इंसान मुक्त होता है तो उसे ईश्वर की प्राप्ति होती है.

मंदिरों के निर्माण के पीछे एक किवदंती
मंदिरों के निर्माण के पीछे एक किवदंती ये भी है कि एक ब्राह्मण कन्या जिसका नाम हेमवती था वो रात्रि के समय सरोवर में स्नान करने के लिए गई हुई थी. ब्राह्मण कन्या बेहद सुंदर थी जिसके सौंदर्य पर चंद्र देव मोहित हो गए. हेमवती और चंद्र देव के मिलन से एक पुत्र की उत्पत्ति हुई, जिसे चंद्र बर्मन कहा गया. इसे मानव और इंसान का अंश माना गया लेकिन बिना विवाह के संतान पैदा होने पर समाज से प्रताड़ित होकर हिमवती ने जंगल में शरण ली. जहां उसने पुत्र चंद्र बर्मन के लिए माता और गुरु दोनों की भूमिका निभाई. चंद्र बर्मन ने युवा होने पर चंदेल वंश की स्थापना की और राजा बनने पर अपनी माता के सपने को पूरा किया, जिसके अनुसार ऐसे मंदिरों का निर्माण कराना था जो मानव की सभी भावनाओं, इच्छाओं, वासनाओं और कामनाओं को उजागर करना था. तब चंद्र बर्मन ने खजुराहो के पहले मंदिर का निर्माण किया और बाद में उनके उत्तराधिकारियों ने अन्य मंदिरों का निर्माण कराया.

मन के विकारों को दूर करती हैं मूर्तियां
मंदिर के बाहर बनी ये मूर्तियां मन के विकारों को दूर करती हैं और जब व्यक्ति मंदिर के अंदर जाता है तो वासनाओं, इच्छाओं से मुक्त हो चुका होता है. सभी मंदिर 3 दिशाओं पूर्व, पश्चिम, दक्षिण दिशा समूह में स्थित है. अनेक मंदिरों में गर्भ गृह बाहर था, वहीं दीवारों पर जिनमें देवी-देवताओं की मूर्तियां आलिंगन करते नर, नारी, नागौर, पशु-पक्षियों की सुंदर पाषाण प्रतिमाएं उकेरी गई हैं. ये प्रतिमाएं मानव जीवन से जुड़े सभी भावों, आनंद, उमंग, वासना, लोक नृत्य, संगीत और उनकी मुद्राओं को दर्शाती हैं. ये उत्कृष्ट शिल्प कला का जीवंत उदाहरण है क्योंकि इसमें सौंदर्य उभारा गया है जिससे कि देखने वालों की नजरें उन प्रतिमाओं पर टिक जाती हैं.

Intro: खजुराहो एक ऐसी जगह जिसका नाम पूरी दुनिया में है देश-विदेश से लोग यहां घूमने एवं मंदिरों को देखने के लिए आते हैं मंदिर ऐसे कि यहां आने वाले लोग इन मंदिरों को कभी भूल नहीं पाते हैं मंदिरों का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना है!

खजुराहो मंदिर वैसे तो अपनी अद्भुत कलाकृतियों एवं मंदिरों के बाहर उकेरी गई कामुक कलाकृतियों के लिए जाना जाता है लेकिन इसके अलावा भी खजुराहो मंदिर से जुड़े हुए कई रोचक एवं रहस्यमई तथ्य है जिन्हें जानने के लिए आज भी लोग दूर-दूर से यहां आते हैं लेकिन खजुराहो आज भी लोगों के लिए एक रहस्य बना हुआ है मंदिरों को लगभग 1000 वर्ष बीत जाने के बाद भी लोग इस बात का पता नहीं लगा पाए हैं कि आखिर यह मंदिर क्यों बनवाए गए थे खजुराहो मंदिरों के पीछे बहुत सारी किवदंतीयां एवं कहानियां जुड़ी हुई है!


Body:एक हजार वर्षों से अपनी भव्यता एवं गौरवशाली इतिहास का गुणगान करते खजुराहो के मंदिर आज भी लोगों के लिए किसी रहस्य से कम नहीं है दुनिया से आने वाले तमाम इतिहासकार एवं साहित्यकार इस बात को जानने में लगे रहते हैं कि आखिर क्यों इन मंदिरों का निर्माण कराया गया और आखिर क्या वजह थी कि इन मंदिरों की दीवारों पर कामुक्त कलाकृतियों को उकेरा गया!

देश-विदेश से आने वाले सैलानी ज्यादातर इन मंदिरों के बाहर उकेरी गई कामुक कलाकृतियों को देखने के लिए आते हैं लेकिन खजुराहो के मंदिरों का एक दूसरा पहलू भी है जो कि अध्यात्म एवं साधना से जुड़ा हुआ है खजुराहो मंदिरों के बाहर उतरी गई कामुक कलाकृतियां 3% से 5% ही है इसके अलावा खजुराहो के तमाम मंदिर अध्यात्म को दर्शाते हैं यहां पर 64 योगिनी नाम का मंदिर दुनिया में अध्यात्म एवं योग के लिए जाना जाता है तो यहां पर भगवान शिव के ऐसे अद्भुत मंदिर हैं जो पूरी दुनिया में कहीं पर भी देखने को नहीं मिलते हैं!

खजुराहो के मंदिरों में जीवन के तमाम पुरुषार्थ ओं को दर्शाया गया है जिसमें काम क्रोध कला अर्थ एवं मोक्ष यह सभी जीवन के अभिन्न अंग है और इन्हीं को इन मंदिरों के बाहर दर्शाया गया है और अंत में यह संदेश भी दिया गया है कि इन सब से ऊपर उठकर अगर इंसान मुक्त होता है तो उसे ईश्वर की प्राप्ति होती है!

खजुराहो मंदिरों का निर्माण चंदेल राजाओं ने लगभग 1000 वर्ष पहले कराया था मंदिरों के निर्माण के पीछे एक किवदंती भी है कहते हैं कि एक ब्राह्मण कन्या जिसका नाम हेमवती था वह रात्रि के समय सरोवर में स्नान करने के लिए गई हुई थी ब्राह्मण कन्या बेहद सुंदर थी जिसके सौंदर्य पर चंद्र देव मोहित हो गए!

हेमवती एवं चंद्र देव के मिलन से एक पुत्र की उत्पत्ति हुई जिसे चंद्र बर्मन कहा गया इसे मानव और इंसान का अंश माना गया लेकिन बिना विवाह के संतान पैदा होने पर समाज से प्रताड़ित होकर हिम्मती ने जंगल में शरण ली जहां उसने पुत्र चंद्र भ्रमण के लिए माता और गुरु दोनों की भूमिका निभाई!

चंद्र भ्रमण ने युवा होने पर चंदेल वंश की स्थापना की चंद भ्रमण ने राजा बनने पर अपनी माता कि उस सपने को पूरा किया जिसके अनुसार ऐसे मंदिरों का निर्माण कराना था जो मानव की सभी भावनाओं इच्छाओं वासनाओं और कामनाओं को उजागर करें!

तब चंद्र बर्मन ने खजुराहो के पहले मंदिर का निर्माण किया और बाद में उनके उत्तर अधिकारियों ने अन्य मंदिरों का निर्माण कराया मंदिर के बाहर बनी यह मूर्तियां मन के विकारों को दूर करती हैं और जब व्यक्ति मंदिर के अंदर जाता है तो वासनाओं इच्छाओं से मुक्त हो चुका होता है सभी मंदिर 3 दिशाओं पूर्व पश्चिम दक्षिण दिशा समूह में स्थित है अनेक मंदिरों में गर्भ घर के बाहर था दीवारों पर प्रतिमा पंक्तियां हैं जिनमें देवी-देवताओं की मूर्तियां आलिंगन करते नर नारी नागौर पशु पक्षियों की सुंदर पाषाण प्रतिमाएं उकेरी गई हैं!

यह प्रतिमाएं मानव जीवन से जुड़े सभी भावों आनंद उमंग वासना लोक नृत्य संगीत और उनकी मुद्राओं को दर्शाती हैं उत्कृष्ट शिल्प कला का जीवंत उदाहरण है क्योंकि शिल्पी उन्हें कठोर पत्रों में ऐसी सौंदर्य उभारा है कि देखने वालों की नजरें उन प्रतिमाओं पर टिक जाती हैं!

बाइट_उमेश गाइड
बाइट_श्याम रजक गाइड
बाइट_सर्वेश गाइट















Conclusion: खजुराहो मंदिरों के पीछे का रहस्य आज भी लोगों के लिए बना हुआ है 1000 वर्ष बीत जाने के बाद भी लोग आज तक यह पता नहीं लगा पाए हैं कि आखिर इन मंदिरों का निर्माण क्यों कराया गया था!
Last Updated : Jan 29, 2020, 3:25 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.