भोपाल। मध्य प्रदेश की विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी खजुराहो में नृत्य समारोह आज से शुरु होकर 26 फरवरी तक चलेगा. इस दौरान यहां आने वाले पर्यटकों को खजुराहो के साथ धुबेला के ऐतिहासिक स्थलों के भ्रमण का मौका मिलेगा. पर्यटन विभाग ने इस अवधि के लिए दोनों स्थानों को जोड़ने के लिए बस सेवा शुरू की है. मध्य भारत के महाराजा छत्रसाल के जीवन की कहानी के साथ उनके समय में करवाए गए ऐतिहासिक इमारतों जैसे, मस्तानी का महल, हृदयशाह का महल, महोबा द्वार, शीतल गढ़ी, रानी कमला के पति की समाधि, बादल महल, महाराज छत्रसाल की समाधि, भले भाई की समाधि, महाबली तेली की समाधि आदि कई ऐतिहासिक पर्यटन स्थल हैं.
बुंदेला राजाओं के इतिहास और संस्कृति से परिचित हो सकेंगे पर्यटक
पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि खजुराहो नृत्य समारोह के दौरान पर्यटकों को निकटवर्ती ऐतिहासिक स्थलों और स्थानीय संस्कृति से परिचय कराने के लिए पर्यटन बोर्ड ने धुबेला बस सेवा की पहल की है. खजुराहो से धुबेला संग्रहालय तक 21 से 26 फरवरी तक 100 रुपये न्यूनतम शुल्क पर बस सेवा का संचालन किया जाएगा. इससे समारोह में आने वाले विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटक धुबेला संग्रहालय का भी भ्रमण कर सकेंगे. इससे पर्यटक खजुराहो नृत्य समारोह का आनंद लेने के साथ-साथ महाराजा छत्रसाल और बुंदेला राजाओं के इतिहास और संस्कृति से भी परिचित हो सकेंगे.
ओपन गैलरी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र
खजुराहो-धुबेला बस प्रतिदिन सुबह 10 बजे मध्यप्रदेश पर्यटन के होटल झंकार से रवाना होगी और शाम पांच बजे सभी पर्यटकों को वापस होटल झंकार छोड़ेगी. महाराज छत्रसाल की राजधानी धुबेला खजुराहो से 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. महाराजा छत्रसाल की याद में धुबेला संग्रहालय का निर्माण सितंबर, 1955 में किया गया था. यहां गुप्त और कल्चुरि काल की यादें भी देखने मिलती हैं, यहां बुंदेला राजाओं के वस्त्र और हथियार भी देखने मिलते हैं. पाश्र्वनाथ, ऋषभनाथ और नेमीनाथ की मूर्तियां भी यहां हैं. म्यूजियम में अलग-अलग आठ दीघार्एँ हैं, जिनमें म्यूजियम की ओपन गैलरी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है.
इनपुट - आईएएनएस