छतरपुर। फ्लाई ओला के प्रबंध निदेशक एस राम ओला ने बताया कि अभी पूरे एशिया में ऐसा कोई संगठन नहीं है, जो इन विमानों का प्रशिक्षण प्रदान करता है. भारत के पहले FTO के रूप में भारत के युवाओं का पायलट बनने का सपना पूरा होगा. भारतीय नागरिक उड्डयन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए और प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि के अनुरूप, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ने विभिन्न हवाई अड्डों पर उड़ान प्रशिक्षण संगठनों की स्थापना करने का निर्णय लिया है.
ट्रेनिंग के लिए विदेश जाने की जरूरत नहीं : अब तक भारत के सभी छात्रों को जिन्हें हाई परफॉरमेंस एयरक्राफ्ट पर प्रशिक्षण लेने की आवश्यकता होती थी, उन्हें देश से बाहर जाना पड़ता था, लेकिन अब वह अब फ्लाई ओला एविएशन एकेडमी में छात्रों को प्रशिक्षण मिलेगा. जिन्हें इन विमानों में प्रशिक्षण की आवश्यकता है. यह देश के लिए विदेशी मुद्रा के मामले में भी फायदेमंद होगा. पायलट के रूप में अपना करियर बनाने के लिय आपको 12वीं कक्षा को फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ विषय के साथ अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण करना होगा. इसके बाद आपको एलियंस कोर्सेज में एडमिशन मिल जायगा.
Must Read: ये खबरें भी पढ़ें... |
एडमिशन की ये हैं शर्तें : एडमिशन के लिए न्यूनतम आयु 17 वर्ष और कमर्शियल लाइसेंस के लिए आयु सीमा 18 वर्ष निर्धारित की गई है. साथ ही वह फिजिकल और मेंटल रूप से स्वस्थ होना चाहिए. फ्लाई ओला के प्रबंध निदेशक एस राम ओला ने बताया कि खजुराहो में जल्दी आने वाले 1 या 2 महीने में एशिया का पहला हेलीकॉप्टर ट्रेनिंग सेंटर भी शुरू किया जा रहा है. यह समूचे बुंदेलखंड और खजुराहोवासियों के लिए गौरव की बात है. कार्यक्रम में डायरेक्टर मोनिका तिवारी, कैप्टन बुद्धि राजा, विवेक यादव टेक्निकल इंजीनियर, राकेश मिश्रा एडमिन मैनेजर आदि मौजूद रहे.