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बलात्कारियों का सामाजिक बहिष्कार, कब्रिस्तान में नहीं दी जायेगी जगहः इमाम

नौगांव नगर के जामा मस्जिद में सभी मुस्लिमों ने एक सभा का आयोजन कर फैसला लिया कि जो भी व्यक्ति महिला अपराध में शामिल होगा, उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा और मरने के बाद उसे कब्रिस्तान में भी जगह नहीं दी जाएगी.

मुस्लिम समाज ने लिया अहम फैसला
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Published : Jun 14, 2019, 8:36 AM IST

छतरपुर। मासूम बच्चियों-महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के छोटे से कस्बे नौगांव के एक इमाम ने बड़ा एलान किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि जो मासूम बच्चों एवं महिलाओं पर गंदी नजर रखते हैं, या उनका यौन शोषण करते हैं, ऐसे लोगों को समाज से बहिष्कार करना चाहिए और मरने के बाद कब्रिस्तान में भी जगह नहीं देना चाहिए.


कुछ दिनों पहले ही एक युवक ने नाबालिग लड़की के घर में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ किया था, जिसका विरोध करने पर नाबालिग को आग के हवाले कर दिया था. जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसी के चलते नौगांव नगर की जामा मस्जिद में मुस्लिमों ने एक सभा का आयोजन किया और सभी ने एकमत से ये फैसला लिया.

महिला अपराध,मुस्लिम समाज,फैसला,छतरपुर,एमपी,Female crime, Muslim society, decision, Chhatarpur, MP
फैसला लेते मुस्लिम समाज के लोग


जामा मस्जिद के इमाम मुनव्वर रजा कादरी ने बताया कि वैसे तो दुनिया के सभी धर्मों में बलात्कार एवं महिला संबंधी उत्पीड़न पर कठोर से कठोर सजा का प्रावधान है, लेकिन इस्लामिक कानून में ऐसे आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाती है.

  • इस्लामिक कानून के हिसाब से सजा नहीं दे सकतेः इमाम
  • मुस्लिम समाज के लोगों से मशवरा कर इमाम ने किया एलान
  • महिला अपराध में शामिल आरोपियों का हो सामाजिक बहिष्कारः इमाम
  • ऐसे दोषियों को कब्रिस्तान में भी नहीं दी जाएगी जगहः इमाम
    मुस्लिम समाज ने लिया अहम फैसला

ये फैसला भले ही प्रदेश के छोटे-से नगर में लिया गया है, लेकिन इस फैसले की प्रशंसा धीरे-धीरे पूरे मध्यप्रदेश में हो रही है. साथ ही मुस्लिम भाई ये संदेश भी दे रहे हैं कि मुजरिम सिर्फ मुजरिम होता है उसका कोई भी धर्म और जाति नहीं होती.

छतरपुर। मासूम बच्चियों-महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के छोटे से कस्बे नौगांव के एक इमाम ने बड़ा एलान किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि जो मासूम बच्चों एवं महिलाओं पर गंदी नजर रखते हैं, या उनका यौन शोषण करते हैं, ऐसे लोगों को समाज से बहिष्कार करना चाहिए और मरने के बाद कब्रिस्तान में भी जगह नहीं देना चाहिए.


कुछ दिनों पहले ही एक युवक ने नाबालिग लड़की के घर में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ किया था, जिसका विरोध करने पर नाबालिग को आग के हवाले कर दिया था. जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इसी के चलते नौगांव नगर की जामा मस्जिद में मुस्लिमों ने एक सभा का आयोजन किया और सभी ने एकमत से ये फैसला लिया.

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फैसला लेते मुस्लिम समाज के लोग


जामा मस्जिद के इमाम मुनव्वर रजा कादरी ने बताया कि वैसे तो दुनिया के सभी धर्मों में बलात्कार एवं महिला संबंधी उत्पीड़न पर कठोर से कठोर सजा का प्रावधान है, लेकिन इस्लामिक कानून में ऐसे आरोपी को सख्त से सख्त सजा दी जाती है.

  • इस्लामिक कानून के हिसाब से सजा नहीं दे सकतेः इमाम
  • मुस्लिम समाज के लोगों से मशवरा कर इमाम ने किया एलान
  • महिला अपराध में शामिल आरोपियों का हो सामाजिक बहिष्कारः इमाम
  • ऐसे दोषियों को कब्रिस्तान में भी नहीं दी जाएगी जगहः इमाम
    मुस्लिम समाज ने लिया अहम फैसला

ये फैसला भले ही प्रदेश के छोटे-से नगर में लिया गया है, लेकिन इस फैसले की प्रशंसा धीरे-धीरे पूरे मध्यप्रदेश में हो रही है. साथ ही मुस्लिम भाई ये संदेश भी दे रहे हैं कि मुजरिम सिर्फ मुजरिम होता है उसका कोई भी धर्म और जाति नहीं होती.

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