छतरपुर। बुंदेलखंड के किसानों की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. लगातार एक के बाद एक मार झेल रहे किसान इन दिनों बारिश न होने से परेशान हैं. पहले कोरोना का ग्रहण लगा, लॉकडाउन ने ब्रिकी पर रोक लगी, जैसे-तैसे टिड्डियों के प्रकोप से फसल बचाई और अब किसान इंद्रदेव से बारिश की गुहार लगा रहे हैं. श्रावण माह चल रहा है, जो कि अच्छी बारिश का महीना माना जाता है, लेकिन मौसम की बेरुखी ने किसानों के माथे पर एक बार फिर चिंता की लकीर ला दी हैं. किसान मायूस हैं, अगर समय पर बारिश नहीं हुई, तो किसानों को एक बार फिर गहरा झटका लग सकता है.
बुंदेलखंड का किसान मौसम की बेरुखी से उदास है, यूं तो मध्य प्रदेश में मानसून सही वक्त पर आ गया था, लेकिन अचानक काले मेघों ने बुंदेलखंड के किसानों से दूरियां बना लीं, जो किसान पूरी तरह से बारिश के पानी पर निर्भर हैं, उन्हें अपनी फसलों की चिंता सताने लगी है. किसानों का कहना है कि, पिछले साल भी बारिश ठीक-ठाक नहीं हुई थी, जिस वजह से जमीन के अंदर उतनी नमी नहीं है और यही वजह है कि, अब फसलें ठीक से नहीं बढ़ पा रही हैं.
पीली पड़ने लगी फसलें
किसानों का कहना है कि, सही समय पर बारिश नहीं होने की वजह से फसलें पीली पड़ने लगी हैं. सोयाबीन और उड़द की फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है. अगर अब भी ठीक से बारिश नहीं हुई, तो 70 से 80 फीसदी फसलें खराब हो सकती हैं. मक्के की फसल तो बारिश नहीं होने की वजह से खराब होने लगी है. किसान शैलेश खरे ने बताया कि, 12 एकड़ की जमीन में उन्होंने उड़द, सोयाबीन, तिल और मक्का बोया है. बारिश नहीं होने के कारण फसलें पीली पड़ने लगी हैं. अगर तीन से चार दिन में ठीक से बारिश नहीं होती है, तो सारी फसल नष्ट हो जाएगी. वहीं महिला किसान सीमा पाल का कहना है कि, सोयाबीन, उड़द, मक्का और तीली की फसल को इस समय पानी की बहुत जरूरत है. अगर बारिश नहीं होती है तो, फसल पूरी तरह से खराब हो जाएगी.
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अच्छे से करें रख-रखाव
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि, इस साल मानसून सही समय पर आ गया है. किसानों को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए की, खेती में अच्छे से अच्छा बीज का प्रयोग करें और फसल का रखरखाव ठीक से करें, ताकि उन्हें बेहतर और अच्छी फसल मिल सके. कृषि वैज्ञानिक वीणा वाणी श्रीवास्तव का कहना है कि, किसानों को अच्छे किस्म के बीज के अलावा उत्तम तरीके से खेती करना और नए तरीकों को अपनाना होगा, ताकि उन्हें बेहतर और अच्छी फसलों के परिणाम मिल सकें.
एक ओर कृषि वैज्ञानिक इस बात को मान रहे हैं कि, मध्य प्रदेश में मानसून सही समय पर आ गया है, लेकिन बुंदेलखंड का किसान सही समय पर बारिश नहीं होने की वजह से परेशान है. किसानों का कहना है कि, जल्द ही बारिश नहीं हुई तो उनकी फसल बर्बाद हो जाएगी.