छतरपुर। सरकार चाहे जितने दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है. बात चाहे प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्रों की करें या स्कूलों की. मरीजों की जान की बात हो या बच्चों के भविष्य की, सरकारी दावे ज्यादातर फेल ही दिखते हैं. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है छतरपुर जिला अस्पताल का. जहां डॉक्टर अपनी ड्यूटी से नदारद ही नजर आते हैं.
कमलनाथ सरकार के निर्देशों का ये हाल
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कमलनाथ सरकार ने निर्देश दिया था कि संडे को भी डॉक्टर ड्यूटी करेंगे. साथ ही सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक सारे डॉक्टर अपने चेंबर में मौजूद रहेंगे. लेकिन चेंबर तो अपनी जगह मौजूद रहते हैं, पर डॉक्टर नहीं.
मरीज होते रहते हैं परेशान
जिला अस्पताल में ड्यूटी के समय भी डॉक्टर नदारद रहते हैं, जिस वजह से ग्रामीण अंचलों या दूर-दराज से आए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मरीजों ने बताया कि लगातार कई दिनों से समय से पहले ही डॉक्टर चेंबर छोड़ देते हैं. वहीं मरीजों का कहना है कि ड्यूटी के वक्त भी डॉक्टर अपने प्राइवेट क्लीनिक चले जाते हैं.
अधिकारियों की अलग ही दलील
इस मामले में जब प्रभारी सिविल सर्जन लखन तिवारी से बात की तो उन्होनें रजिस्टर देखकर बताया कि सब डॉक्टर तो ड्यूटी पर हैं लेकिन हो सकता है किसी वार्ड या दूसरी जगह पर हों.जिस तरह से डॉक्टर लखन तिवारी ने दूसरे डॉक्टरों को बचाते नजर आए, उससे साफ जाहिर हो रहा था कि कहीं ना कहीं जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों की लापरवाही जोरों पर है.