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कैसे हो स्वास्थय सेवाएं बेहतर, जब डॉक्टर ही हैं नदारद

छतरपुर जिला अस्पताल में डॉक्टरों की खासी लापरवाही सामने आई है. वक्त से पहले ही यहां के डॉक्टर नदारद हो जाते हैं.

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Published : Nov 24, 2019, 11:58 PM IST

छतपुर जिला अस्पताल से नदारद डॉक्टर

छतरपुर। सरकार चाहे जितने दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है. बात चाहे प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्रों की करें या स्कूलों की. मरीजों की जान की बात हो या बच्चों के भविष्य की, सरकारी दावे ज्यादातर फेल ही दिखते हैं. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है छतरपुर जिला अस्पताल का. जहां डॉक्टर अपनी ड्यूटी से नदारद ही नजर आते हैं.

कमलनाथ सरकार के निर्देशों का ये हाल
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कमलनाथ सरकार ने निर्देश दिया था कि संडे को भी डॉक्टर ड्यूटी करेंगे. साथ ही सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक सारे डॉक्टर अपने चेंबर में मौजूद रहेंगे. लेकिन चेंबर तो अपनी जगह मौजूद रहते हैं, पर डॉक्टर नहीं.

जिला अस्पताल से नदारद डॉक्टर

मरीज होते रहते हैं परेशान
जिला अस्पताल में ड्यूटी के समय भी डॉक्टर नदारद रहते हैं, जिस वजह से ग्रामीण अंचलों या दूर-दराज से आए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मरीजों ने बताया कि लगातार कई दिनों से समय से पहले ही डॉक्टर चेंबर छोड़ देते हैं. वहीं मरीजों का कहना है कि ड्यूटी के वक्त भी डॉक्टर अपने प्राइवेट क्लीनिक चले जाते हैं.

Patients remain upset
मरीज रहते हैं परेशान

अधिकारियों की अलग ही दलील
इस मामले में जब प्रभारी सिविल सर्जन लखन तिवारी से बात की तो उन्होनें रजिस्टर देखकर बताया कि सब डॉक्टर तो ड्यूटी पर हैं लेकिन हो सकता है किसी वार्ड या दूसरी जगह पर हों.जिस तरह से डॉक्टर लखन तिवारी ने दूसरे डॉक्टरों को बचाते नजर आए, उससे साफ जाहिर हो रहा था कि कहीं ना कहीं जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों की लापरवाही जोरों पर है.

छतरपुर। सरकार चाहे जितने दावे कर ले, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही होती है. बात चाहे प्रदेश में स्वास्थ्य केंद्रों की करें या स्कूलों की. मरीजों की जान की बात हो या बच्चों के भविष्य की, सरकारी दावे ज्यादातर फेल ही दिखते हैं. कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है छतरपुर जिला अस्पताल का. जहां डॉक्टर अपनी ड्यूटी से नदारद ही नजर आते हैं.

कमलनाथ सरकार के निर्देशों का ये हाल
स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कमलनाथ सरकार ने निर्देश दिया था कि संडे को भी डॉक्टर ड्यूटी करेंगे. साथ ही सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक सारे डॉक्टर अपने चेंबर में मौजूद रहेंगे. लेकिन चेंबर तो अपनी जगह मौजूद रहते हैं, पर डॉक्टर नहीं.

जिला अस्पताल से नदारद डॉक्टर

मरीज होते रहते हैं परेशान
जिला अस्पताल में ड्यूटी के समय भी डॉक्टर नदारद रहते हैं, जिस वजह से ग्रामीण अंचलों या दूर-दराज से आए मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. मरीजों ने बताया कि लगातार कई दिनों से समय से पहले ही डॉक्टर चेंबर छोड़ देते हैं. वहीं मरीजों का कहना है कि ड्यूटी के वक्त भी डॉक्टर अपने प्राइवेट क्लीनिक चले जाते हैं.

Patients remain upset
मरीज रहते हैं परेशान

अधिकारियों की अलग ही दलील
इस मामले में जब प्रभारी सिविल सर्जन लखन तिवारी से बात की तो उन्होनें रजिस्टर देखकर बताया कि सब डॉक्टर तो ड्यूटी पर हैं लेकिन हो सकता है किसी वार्ड या दूसरी जगह पर हों.जिस तरह से डॉक्टर लखन तिवारी ने दूसरे डॉक्टरों को बचाते नजर आए, उससे साफ जाहिर हो रहा था कि कहीं ना कहीं जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों की लापरवाही जोरों पर है.

Intro:जिला अस्पताल में 12 बजते ही पदस्थ डॉक्टर अपने अपने चेंबर से नगारा खो जाते हैं इस प्रकार की शिकायतें पिछले कई महीनों से लगातार मरीजों के परिजन आला अधिकारियों से कर रहे हैं लेकिन अस्पताल प्रबंधन की तरफ से किसी भी प्रकार की कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही थी मरी लगातार परेशान हो रहे हैं आपको बता दें कि कमलनाथ सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए एक निर्देश दिया था कि संडे के दिन भी डॉक्टर ड्यूटी करेंगे साथ ही सुबह 10:00 से लेकर शाम 4:00 बजे तक प्रत्येक डॉक्टर अपने चेंबर में मौजूद रहेगा!


Body: छतरपुर जिले में ड्यूटी के समय पर ही कई डॉक्टर नदारद खो जाते हैं जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है कई दिनों से लगातार डॉक्टर अपने तय समय पहले से ही अपना चेंबर छोड़ देते हैं जिस वजह से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीज खासे परेशान होते रहते हैं!

मरीजों की माने तो ड्यूटी के समय पर ही डॉक्टर अपने प्राइवेट क्लीनिक पर चले जाते हैं जिसके वजह से यहां आने वाले मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिला अस्पताल के अंदर केवल एक डॉक्टर को छोड़कर बाकी के तमाम डॉक्टर अपनी सीट से नदारद मिले!

वहीं मामले में जब हमने प्रभारी सिविल सर्जन लखन तिवारी से बात की तो उन्होंने रजिस्टर देखते हुए बताया कि डॉ तो सभी ड्यूटी पर आए हैं पर हो सकता है किसी कारण बस यहां वहां या अन्य ड्यूटी पर गए हो!

एक मरीज चंद्रपाल पाठक का कहना है कि वह राजनगर से अपनी पत्नी को लेकर डॉक्टर को दिखाने के लिए आया था लेकिन कई घंटे बीत गए हैं और डॉक्टर उसे अभी तक चेंबर में नहीं मिला जिसको लेकर से खासी परेशानी हो रही है उसकी बीवी गर्भवती है जिसको लेकर वह जिला अस्पताल में आया था लेकिन डॉक्टर उसे अभी तक नहीं मिले हैं!

बाइट_चंद्रपाल पाठक

मामले में प्रभारी सिविल सर्जन लखन तिवारी का कहना है कि ज्यादातर डॉक्टर ड्यूटी पर है लेकिन किस वजह से हाल फिलहाल डॉक्टर जिला अस्पताल में मौजूद की है इसे देखना होगा!

बाइट_डां लखन तिवारी प्रभारी सिविल सर्जन

एक और मरीज भागचंद पटेल का कहना है कि वह अपने गले का इलाज कराने के लिए जिला अस्पताल में आया था लेकिन कई देर हो जाने के बाद भी उसे कोई डॉक्टर वहां मौजूद नहीं मिला और अब बिना दिखाए हुए वह वापस अपने गांव जा रहा है!

बाइट_भागचंद्र पटेल

जिस तरह से डॉक्टर लखन तिवारी अन्य डॉक्टरों को बचाने की कोशिश कर रहे थे जिससे साफ तौर पर दिखाई दे रहा था कि कहीं ना कहीं जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टरों की खासी लापरवाही है!




Conclusion: डॉक्टरों के चेंबर से नदारद होने के मामले में भले ही प्रभारी सिविल सर्जन अपनी अलग दलील दे रहे हो लेकिन हकीकत यह है कि समय से पहले ही ज्यादातर डॉक्टर जिला अस्पताल छोड़ देते हैं और अपने अपने घरों पर निजी प्रैक्टिस करने में व्यस्त हो जाते हैं जिसके वजह से आसपास से आने वाले मरीजों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है!
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