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छतरपुर: बाढ़- आपदा से निपटने के लिए SDRF की टीम तैनात, लवकुशनगर में बनाया गया कंट्रोल रूम

छतरपुर में बाढ़ के हालात से निपटने के लिए SDRF की टीम तैनात की गई है, जिसका कंट्रोल रूम लवकुशनगर में बनाया गया है.

Deployment of SDRF team to deal with flood disaster in chhatarpur
बाढ़ आपदा से निपटने एसडीआरएफ की टीम तैनात,
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Published : Jul 3, 2020, 9:38 AM IST

छतरपुर। मध्यप्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है. पिछले साल हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के हालात बन गए थे. इसी को देखते हुए जिले के लवकुशनगर में बरसात का सीजन शुरू होते ही जिला मुख्यालय से बाढ़ आपदा से निपटने चार सदस्यीय SDRF की टीम तैनात ही गई है. जनपद कार्यालय स्थित कक्ष में टीम के सदस्यों की रुकने की व्यवस्था की गई है.

टीम में शामिल हवलदार सरमन रजक ने बताया कि, उनकी टीम में रमाशंकर शुक्ला रघुवर द्विवेदी, श्रीराम द्विवेदी शामिल हैं. आपदा से निपटने के लिए टीम को आवश्यक सामग्री सहित नाव उपलब्ध कराई गई है. बता दें कि, सरवई और गौरिहार इलाके के तलहटी क्षेत्र से निकली केन नदी के किनारे बसे दर्जनों गावों में हर साल बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो जाते हैं. इसलिए एसडीआरएफ की टीम को हर साल बारिश के चार महीने यानी 30 सितम्बर तक लवकुशनगर में कंट्रोल रूम बनाकर रोका जाता है, ताकि डूबने वाले इलाकों में यह टीम मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों को बचा सके.

छतरपुर। मध्यप्रदेश में मानसून ने दस्तक दे दी है. पिछले साल हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के हालात बन गए थे. इसी को देखते हुए जिले के लवकुशनगर में बरसात का सीजन शुरू होते ही जिला मुख्यालय से बाढ़ आपदा से निपटने चार सदस्यीय SDRF की टीम तैनात ही गई है. जनपद कार्यालय स्थित कक्ष में टीम के सदस्यों की रुकने की व्यवस्था की गई है.

टीम में शामिल हवलदार सरमन रजक ने बताया कि, उनकी टीम में रमाशंकर शुक्ला रघुवर द्विवेदी, श्रीराम द्विवेदी शामिल हैं. आपदा से निपटने के लिए टीम को आवश्यक सामग्री सहित नाव उपलब्ध कराई गई है. बता दें कि, सरवई और गौरिहार इलाके के तलहटी क्षेत्र से निकली केन नदी के किनारे बसे दर्जनों गावों में हर साल बाढ़ जैसे हालात निर्मित हो जाते हैं. इसलिए एसडीआरएफ की टीम को हर साल बारिश के चार महीने यानी 30 सितम्बर तक लवकुशनगर में कंट्रोल रूम बनाकर रोका जाता है, ताकि डूबने वाले इलाकों में यह टीम मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों को बचा सके.

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