छतरपुर। विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में ये दिन पंडित दीपक महाराज के नाम रहा. उन्होंने कत्थक के माध्यम से ना सिर्फ लोगों का मन मोह लिया बल्कि खजुराहो में मंच पर आकर प्रस्तुति देकर उन्हें भी गौरव की अनुभूति महसूस हुई. खजुराहो नृत्य समारोह में प्रसिद्ध कत्थक के कलाकार पंडित बिरजू महाराज के बेटे दीपक महाराज ने कला का प्रदर्शन किया. कदमताल के साथ घुंघरू की लय पर जब दीपक महाराज ने मंच से माखन चोर भगवान कृष्ण और मां यशोदा का चित्रण किया तो मानो जैसे जनता झूम उठी और लोग उनका नृत्य देखकर मोहित हो गए.
किसी सपने का सच होने जैसा
दीपक महाराज ने कहा कि खजुराहो नृत्य समारोह में आकर अपनी कला का प्रदर्शन करना हर कलाकार का सपना होता है, लेकिन 44 साल बाद खजुराहो में एक बार फिर से कलाकारों को मंदिरों के सामने समक्ष प्रस्तुत होकर अपनी कला का प्रदर्शन करने का जो मौका मिला है. वह किसी सपने के पूरे होने जैसा है. दीपक महाराज ने कहा कि 'वह बेहद गर्व की अनुभूति कर रहे हैं कि खजुराहो जैसे मंच पर आकर उन्होंने आज अपनी कला का प्रदर्शन किया है, इससे पहले मैं न सिर्फ भारत में बल्कि दुनिया के कई देशों में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुका हूं लेकिन जो आनंद आज यहां आया वह कहीं पर भी महसूस नहीं हुआ.'
चलो खजुराहो: 44 साल बाद कला और भव्यता का संगम
विश्व प्रसिद्ध कत्थक गुरु बिरजू महाराज के बेटे है दीपक
दीपक महाराज विश्व प्रसिद्ध कथक के कलाकार गुरु बिरजू महाराज के बेटे हैं. दीपक महाराज ने 9 साल की उम्र से ही मंचीय प्रस्तुति करना शुरू कर दिया था. दीपक महाराज बताते हैं कि उन्हें इस बात पर बेहद गर्व करते हैं कि पंडित बिरजू महाराज उनके पिता है और वही उनके गुरु भी हैं.