छतरपुर। कोरोना महामारी से बचने के लिए देश में लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है. इसी बीच केंद्र और राज्य सरकार किसानों, मजदूरों, पेंशनरों व बेसहारों को राहत पहुंचाने का काम कर रही है, जहां प्रधानमंत्री जनधन योजना के खातों में राहत राशि आने के बाद बैंकों और ग्राहक सेवा केंद्रों में हर रोज हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो रही है, साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
![Crowd in customer service centers after relief money comes](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/chr-cdl-02-srwai-bank-laaprwahi_17042020174049_1704f_1587125449_102.jpg)
शासन ने ग्राहक सेवा केंद्र (क्योस्क) संचालकों को गांव-गांव राहत राशि वितरण करने के निर्देश भी दिए गए थे, ताकि लोगों को राहत राशि मिल सके और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो सके. बावजूद इसके क्योस्क बैंक संचालक आनाकानी कर व्यवस्था बिगाड़ने का काम कर रहे हैं.
गांव के नाम से स्वीकृत ग्राहक सेवा केंद्र और संचालन कस्बें में
केंद्र व राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत आम लोगों को राहत राशि उनके खातों में पहुंचाने का काम कर रही हैं. चाहे वो उज्जवला योजना हो, किसान सम्मान निधि, निराश्रित व विधवा पेंशन, सम्बल योजना हो. लेकिन गौरिहार कस्बे में इन दिनों आधा दर्जन से ज्यादा (ग्राहक सेवा केंद्र) क्योस्क बैंक संचालित हो रहे हैं, जिन्हें गांव में स्वीकृति मिली हुई है और इन्हें गांव में ही बैंक संचालित करने के निर्देश भी दिए गए हैं. वहीं गांव के लोगों को उनके खातें में राशि नहीं मिल रही है, जिसके चलते कस्बे के लोगों को मजबूरन राशि लेने के लिए एक जगह इकठ्ठा होना पड़ रहा है. वहीं कस्बें में संचालित कई ग्राहक सेवा केंद्र अपना सेंटर बंद कर घर मे पड़े है जिससे बैंकों की मुख्य शाखाओं में भीड़ बढ़ रही है.
![Many customer service centers operated in towns closed](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/chr-cdl-02-srwai-bank-laaprwahi_17042020174049_1704f_1587125449_349.jpg)
पुलिस नहीं दे पा रही सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान
एक ओर जहां पुलिस दिन रात अपनी जान जोखिम मे डालकर लोगों की सेवा कर रहा है, वहीं कुछ जगह ऐसी भी है जहा पुलिस व्यवस्थाओं पर ध्यान देने में नाकाम साबित हो रही है. भीड़ भाड़ वाली जगहों में न तो पुलिस का ध्यान जा रहा है और न ही समाजसेवियों का, अगर ऐसे ही भीड़ बढ़ती गई और सोसल डिस्टेंस का पालन नही कराया गया तो स्थित और भी भयावह हो जाएगी.