छतरपुर| जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाली के दौर से गुजर रही हैं. जिला अस्पताल में एक पिता अपनी बेटी को गोद में उठाए घंटों स्ट्रेचर के लिए परेशान होता रहा, लेकिन अस्पताल प्रबंधन उसे एक स्ट्रेचर तक उपलब्ध नहीं करा सका.
जिला अस्पताल में स्ट्रेचर मिलता नहीं है और अगर मिल भी जाए तो अस्पताल के कर्मचारियों और वार्ड ब्वॉय की लापरवाही इस हद तक है, कि दुर्घटना में घायल मरीजों के परिजनों को ही स्ट्रेचर पर ढोना पड़ता है. एक दुर्घटना में घायल अपने बेटे के इलाज के लिए आए एक बुजुर्ग का कहना है कि जिला अस्पताल में गरीबों की कोई नहीं सुनता है, स्ट्रेचर मिलना तो दूर वार्ड ब्वॉय मदद तक नहीं करते हैं.
वहीं इस पूरे मामले में सिविल सर्जन आरपी पांडे का कहना है कि अस्पताल में स्ट्रेचर भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं और वार्ड ब्वॉय भी लोगों की मदद करते हैं. फिर भी अगर इस प्रकार का कोई मामला सामने आता है तो हम कार्रवाई करेंगे.