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चलो खजुराहो: 44 साल बाद कला और भव्यता का संगम - खजुराहो नृत्य महोत्सव

44 साल बाद खजुहारो नृत्य महोत्सव मंदिर परिसर में हो रहा है. सात दिन तक चलने वाले इस महोत्सव में देश के कोने कोने से नृत्य कला के माहिर और नवोदित कलाकार भाग लेंगे

fusion of art and grandeur
44 साल बाद कला और भव्यता का संगम
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Published : Feb 20, 2021, 8:39 PM IST

Updated : Feb 20, 2021, 10:27 PM IST

छतरपुर । वैसे तो खजुराहो को किसी पहचान की जरूरत नहीं है. इसकी पहचान को और पुख्ता करता है खजुराहो नृत्य महोत्सव. इस बार 47वां खजुराहो नृत्य महोत्सव मनाया जा रहा है. 20 फरवरी से लेकर 26 फरवरी तक देशभर नवोदित कलाकारों के साथ ही ख्यातिनाम कलाकार अपने हुनर का जलवा बिखेरेंगे. वैसे तो हर साल ही ये देश दुनिया के आकर्षण का केन्द्र रहता है, लेकिन 2021 का खजुराहो नृत्य महोत्सव बेहद खास है.

चलो खजुराहो: इस बार बेहद खास है नृत्य महोत्सव

इस बार खजुराहो नृत्य महोत्सव मंदिर परिसर में हो रहा है. 44 साल बाद ऐसा होगा, जब कलाकारों के फन के साथ ही मंदिरों को भी दर्शक निहार सकेंगे. यानि नृत्य के साथ साथ मंदिर की स्थापत्य कला, उनकी नक्काशी नृत्य समारोह में चार चांद लगाएगी. नृत्य महोत्सव विश्व प्रसिद्ध मंदिर कंदारिया महादेव और जगदंबा मंदिर के बीच परिसर में रंग जमाने वाला है.

ये नहीं देखा, तो कुछ नहीं देखा

खजुराहो नृत्य महोत्सव नहीं देखा, तो कुछ नहीं देखा

नृत्य महोत्सव को लेकर मध्य प्रदेश कला अकादमी के निदेशक राहुल रस्तोगी काफी उत्साहित हैं. वे कहते हैं, कई दशकों बाद मनोहारी मंदिरों के बीच नृत्य संगीत की महफिल सजेगी. ये ऐसा दृश्य होगा, जिसे दर्शक लंबे समय तक याद रखेंगे. विश्व प्रसिद्ध मंदिर कंदारिया महादेव और जगदंबा मंदिर ही अपने आप में भव्य हैं. जब इन मंदिरों के बीच संगीर की धुन और नृत्य का रस घुलेगा, तो फिजा कैसी होगी, इसका अंदाजा लगाना कलाप्रेमियों के लिए कठिन नहीं है.

खजुराहो नृत्य समारोह शाम 7 बजे शुरू होगा. इसमें प्रवेश के लिए कोई चार्ज नहीं है.

  • पहले दिन 20 फरवरी को गीता चन्द्रन और साथी भरतनाट्यम समूह और दीपक महाराज कथक की प्रस्तुति देंगे.
  • 21 फरवरी को ऐश्वर्या वारियर द्वारा मोहिनीअट्टम, मीरनन्दा बारठाकुर, उत्पला हुकइ, अलिगुंजन कलिता मुदियार और चंद्रानी कलिता ओझा सत्रिया-कथक युगल और अरूणा मोहंती एवं साथी कलाकार ओडिसी समूह नृत्य प्रस्तुत करेंगे.
  • 22 फरवरी को सौरव-गौरव मिश्रा कथक युगल, पियाल भट्टाचार्य एवं साथी मार्ग नाट्य, सुलग्ना बैनर्जी एवं राजदीप बैनर्जी कथक-भरतनाट्यम युगल पेश करेंगे.
  • 23 फरवरी को विनोद केविन बच्चन एवं वृन्दा चड्ढा ओडिसी युगल, अनीता शर्मा एवं साथी सत्रिया समूह और प्रिया श्रीवास्तव की ओर से कथक नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा.
  • 24 फरवरी को पूर्णाश्री राउत ओडिसी, अविजीत दास कुचिपुड़ी और भारती शिवाजी एवं साथी कलाकार मोहिनीअट्टम समूह नृत्य पेश करेंगे.
  • 25 फरवरी को मैत्रेयी पहाड़ी एवं साथी कलाकार कथक समूह, सत्यनारायण राजू भरतनाट्यम, अयाना मुखर्जी एवं प्रशांत कालिया कुचिपुड़ी-छाऊ युगल नृत्य प्रस्तुत करेंगे
  • समारोह के अंतिम दिन 26 फरवरी को जवाहरलाल नेहरू मणिपुर डांस अकादमी की ओर से मणिपुरी समूह, आर्या नंदे ओडिसी और पूर्णिमा अशोक एवं साथी कलाकार भरतनाट्यम समूह नृत्य प्रस्तुत करेंगे.

डोंट मिस : 44 साल बाद कला और भव्यता का संगम

देश के कोने-कोने से मशहूर नर्तक, गायक खजुराहो नृत्य महोत्सव में अपनी मनभावन कला से समां बांधेंगे. इनमें विख्यात कलाकार तो होंगे ही, साथ ही नए कलाकारों के लिए भी ये एक बेहतरीन मंच है. राहुल रस्तोगी बताते हैं, कि कार्यक्रम स्थल पर नेपथ्य, कलावार्ता, आर्ट मार्ट, ललित कला प्रदर्शनी, चल चित्र और लोकोत्सव भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहेंगे. यहां कला परंपरा का मेला "हुनर", टेराकोटा प्रदर्शनी "समष्टि" और बुंदेली व्यंजनों का मेला ‘‘स्वाद‘‘ भी लगाया जाएगा. हर दिन मध्यप्रदेश पर्यटन की साहसिक गतिविधियां भी दर्शकों को रोमांचित करेंगी.

छतरपुर । वैसे तो खजुराहो को किसी पहचान की जरूरत नहीं है. इसकी पहचान को और पुख्ता करता है खजुराहो नृत्य महोत्सव. इस बार 47वां खजुराहो नृत्य महोत्सव मनाया जा रहा है. 20 फरवरी से लेकर 26 फरवरी तक देशभर नवोदित कलाकारों के साथ ही ख्यातिनाम कलाकार अपने हुनर का जलवा बिखेरेंगे. वैसे तो हर साल ही ये देश दुनिया के आकर्षण का केन्द्र रहता है, लेकिन 2021 का खजुराहो नृत्य महोत्सव बेहद खास है.

चलो खजुराहो: इस बार बेहद खास है नृत्य महोत्सव

इस बार खजुराहो नृत्य महोत्सव मंदिर परिसर में हो रहा है. 44 साल बाद ऐसा होगा, जब कलाकारों के फन के साथ ही मंदिरों को भी दर्शक निहार सकेंगे. यानि नृत्य के साथ साथ मंदिर की स्थापत्य कला, उनकी नक्काशी नृत्य समारोह में चार चांद लगाएगी. नृत्य महोत्सव विश्व प्रसिद्ध मंदिर कंदारिया महादेव और जगदंबा मंदिर के बीच परिसर में रंग जमाने वाला है.

ये नहीं देखा, तो कुछ नहीं देखा

खजुराहो नृत्य महोत्सव नहीं देखा, तो कुछ नहीं देखा

नृत्य महोत्सव को लेकर मध्य प्रदेश कला अकादमी के निदेशक राहुल रस्तोगी काफी उत्साहित हैं. वे कहते हैं, कई दशकों बाद मनोहारी मंदिरों के बीच नृत्य संगीत की महफिल सजेगी. ये ऐसा दृश्य होगा, जिसे दर्शक लंबे समय तक याद रखेंगे. विश्व प्रसिद्ध मंदिर कंदारिया महादेव और जगदंबा मंदिर ही अपने आप में भव्य हैं. जब इन मंदिरों के बीच संगीर की धुन और नृत्य का रस घुलेगा, तो फिजा कैसी होगी, इसका अंदाजा लगाना कलाप्रेमियों के लिए कठिन नहीं है.

खजुराहो नृत्य समारोह शाम 7 बजे शुरू होगा. इसमें प्रवेश के लिए कोई चार्ज नहीं है.

  • पहले दिन 20 फरवरी को गीता चन्द्रन और साथी भरतनाट्यम समूह और दीपक महाराज कथक की प्रस्तुति देंगे.
  • 21 फरवरी को ऐश्वर्या वारियर द्वारा मोहिनीअट्टम, मीरनन्दा बारठाकुर, उत्पला हुकइ, अलिगुंजन कलिता मुदियार और चंद्रानी कलिता ओझा सत्रिया-कथक युगल और अरूणा मोहंती एवं साथी कलाकार ओडिसी समूह नृत्य प्रस्तुत करेंगे.
  • 22 फरवरी को सौरव-गौरव मिश्रा कथक युगल, पियाल भट्टाचार्य एवं साथी मार्ग नाट्य, सुलग्ना बैनर्जी एवं राजदीप बैनर्जी कथक-भरतनाट्यम युगल पेश करेंगे.
  • 23 फरवरी को विनोद केविन बच्चन एवं वृन्दा चड्ढा ओडिसी युगल, अनीता शर्मा एवं साथी सत्रिया समूह और प्रिया श्रीवास्तव की ओर से कथक नृत्य प्रस्तुत किया जाएगा.
  • 24 फरवरी को पूर्णाश्री राउत ओडिसी, अविजीत दास कुचिपुड़ी और भारती शिवाजी एवं साथी कलाकार मोहिनीअट्टम समूह नृत्य पेश करेंगे.
  • 25 फरवरी को मैत्रेयी पहाड़ी एवं साथी कलाकार कथक समूह, सत्यनारायण राजू भरतनाट्यम, अयाना मुखर्जी एवं प्रशांत कालिया कुचिपुड़ी-छाऊ युगल नृत्य प्रस्तुत करेंगे
  • समारोह के अंतिम दिन 26 फरवरी को जवाहरलाल नेहरू मणिपुर डांस अकादमी की ओर से मणिपुरी समूह, आर्या नंदे ओडिसी और पूर्णिमा अशोक एवं साथी कलाकार भरतनाट्यम समूह नृत्य प्रस्तुत करेंगे.

डोंट मिस : 44 साल बाद कला और भव्यता का संगम

देश के कोने-कोने से मशहूर नर्तक, गायक खजुराहो नृत्य महोत्सव में अपनी मनभावन कला से समां बांधेंगे. इनमें विख्यात कलाकार तो होंगे ही, साथ ही नए कलाकारों के लिए भी ये एक बेहतरीन मंच है. राहुल रस्तोगी बताते हैं, कि कार्यक्रम स्थल पर नेपथ्य, कलावार्ता, आर्ट मार्ट, ललित कला प्रदर्शनी, चल चित्र और लोकोत्सव भी दर्शकों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहेंगे. यहां कला परंपरा का मेला "हुनर", टेराकोटा प्रदर्शनी "समष्टि" और बुंदेली व्यंजनों का मेला ‘‘स्वाद‘‘ भी लगाया जाएगा. हर दिन मध्यप्रदेश पर्यटन की साहसिक गतिविधियां भी दर्शकों को रोमांचित करेंगी.

Last Updated : Feb 20, 2021, 10:27 PM IST
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