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प्रसूता की कोख में बच्चे की मौत, परिजनों नें लगाया डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप

गढ़ीमलहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए गई एक प्रसूता के पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो गई, प्रसूता के परिजनों ने स्वास्थ्य केंद्र पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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Published : Oct 7, 2019, 9:01 AM IST

Updated : Oct 7, 2019, 10:10 AM IST

प्रसूता के कोख में बच्चे की मौत

छतरपुर। सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के बड़े-बड़े वादे करे, लेकिन स्वास्थ्य महकमा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. मामला जिले के गढ़ीमलहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से एक प्रसूता के पेट में पल रहे बच्चे की जान चली गई.

प्रसूता की कोख में बच्चे की मौत

दरअसल, चौबन गांव के निवासी महिपाल सिंह अपनी पत्नी को लेकर गढ़ी मलहरा स्वास्थ्य केंद्र गये थे, उनका आरोप है कि वहां पर पदस्थ एएनएम ने महिला को 12 घंटे से ज्यादा अस्पताल में रोके रखा, जबकि महिला की हालत लगातार गंभीर हो रही थी. जब महिला की हालत ज्यादा गंभीर हो गई, तब उसे आनन-फानन में छतरपुर रेफर कर दिया, जहां प्रसव के दौरान महिला के कोख में पल रहे बच्चे की मौत हो गई.

इस पूरे मामले में गढ़ीमलहरा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिस पर छतरपुर जिला का स्वास्थ्य महकमा कुछ भी बोलने से मना कर रहा है. उनका कहना है की ऐसी कोई स्थिति नहीं थी, महिला को कमजोर बच्चा पैदा हुआ था जिसके कारण उसकी मौत हुई है.

छतरपुर। सरकार भले ही स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर करने के बड़े-बड़े वादे करे, लेकिन स्वास्थ्य महकमा सुधरने का नाम नहीं ले रहा है. मामला जिले के गढ़ीमलहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है, जहां स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से एक प्रसूता के पेट में पल रहे बच्चे की जान चली गई.

प्रसूता की कोख में बच्चे की मौत

दरअसल, चौबन गांव के निवासी महिपाल सिंह अपनी पत्नी को लेकर गढ़ी मलहरा स्वास्थ्य केंद्र गये थे, उनका आरोप है कि वहां पर पदस्थ एएनएम ने महिला को 12 घंटे से ज्यादा अस्पताल में रोके रखा, जबकि महिला की हालत लगातार गंभीर हो रही थी. जब महिला की हालत ज्यादा गंभीर हो गई, तब उसे आनन-फानन में छतरपुर रेफर कर दिया, जहां प्रसव के दौरान महिला के कोख में पल रहे बच्चे की मौत हो गई.

इस पूरे मामले में गढ़ीमलहरा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिस पर छतरपुर जिला का स्वास्थ्य महकमा कुछ भी बोलने से मना कर रहा है. उनका कहना है की ऐसी कोई स्थिति नहीं थी, महिला को कमजोर बच्चा पैदा हुआ था जिसके कारण उसकी मौत हुई है.

Intro:भले ही स्वास्थ्य महकमा इतने भी दावे और वादे कर ले लेकिन स्वास्थ्य विभाग की हकीकत किसी से छुपी हुई नहीं है मुख्यालय पर डॉ नहीं रहने के कारण आए दिन प्रसूताओं की जान खतरे में पड़ी रहती है Body:दरअसल पूरा मामला छतरपुर जिले के गढ़ीमलहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां ग्राम मटौध चौबन निवासी महिपाल सिंह राजपूत अपनी पत्नी को लेकर गढ़ी मलहरा स्वास्थ्य केंद्र आया था जहां पदस्थ एएनएम ने महिला को 12 घंटे से ज्यादा से ज्यादा अस्पताल में रोके रखा रखा और स्वास्थ्य प्रसव कराने की बात की लेकिन महिला की हालत लगातार गंभीर होती गई प्रसव के दौरान आई दिक्कतों के कारण आनन-फानन में गढ़ीमलहरा स्वास्थ्य केंद्र से छतरपुर रिफर कर दिया गया दिया गया जिससे महिला के कोख में पल रहे बच्चे की मौत हो गई दरअसल इस पूरे मामले में गढ़ीमलहरा स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्टाफ की बड़ी लापरवाही सामने आई है इस मामले को लेकर छतरपुर जिला का स्वास्थ्य महकमा कुछ भी बोलने से साफ इनकार इनकार कर रहा है उनका कहना है की ऐसी कोई स्थिति नहीं थी महिला को कमजोर बच्चा पैदा हुआ था जिसके कारण उसकी मौत हुई है
Conclusion:हालांकि महिला के परिजनों का आरोप है की गढ़ीमलहरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ स्टाफ में भारी लापरवाही की है जिससे महिला की जान को खतरा पहुंचा ही साथ ही साथ महिला की कोख में पल रहे बच्चे की भी मौत हो गई अब सवाल उठता है महिला की हालत को गंभीर देखते हुए भी गढ़ीमलहरा में पदस्थ स्टाफ में उसे छतरपुर रिफर क्यों नहीं किया

बाइट-महिपाल सिंह (प्रसूता महिला का पति)
बाइट-सुखिया बाई (प्रसूता महिला की सास)
Last Updated : Oct 7, 2019, 10:10 AM IST
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