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Chhatarpur News: मरते दम तक रहूंगी पति के साथ...गोद में उठाकर कलेक्ट्रेट पहुंची पत्नी

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Published : Jul 18, 2023, 10:28 PM IST

Updated : Jul 18, 2023, 10:59 PM IST

छतरपुर के लवकुश नगर क्षेत्र के ग्राम परसानिया की रहने वाली एक महिला अपनी पत्नी को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां उसने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है.

Chhatarpur News
मैं ज्योति मौर्य नहीं, मरते दम तक साथ रहूंगी
पति को गोद में उठाकर कलेक्ट्रेट पहुंची पत्नी

छतरपुर। आपने ज्योति मौर्य की कहानी तो सुनी होगी पति ने जैसे-तैसे मजदूरी करके पत्नी को पढ़ाया, लिखाया, एसडीएम बनाया पर उसका नतीजा यह निकला कि ऑफिसर बनने पर पत्नी ने पति को छोड़ दिया. इस समय पूरे देश में ज्योति मौर्य और अलोक मौर्य चर्चा का विषय बने हुए हैं, तो वहीं एक कहानी छतरपुर जिले से निकलकर आ रही है, जहां यह महिला ज्योति मौर्य नहीं बल्कि प्रियंका गौड़ है. यह कहानी 23 साल की प्रियंका और उसके पति 30 साल के अंशुल गौड़ की है. छतरपुर की इन तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि किस प्रकार एक महिला अपने दिव्यांग पति को उठाकर ले जा रही है.

यह है पूरा मामलाः जानकारी के मुताबिक छतरपुर के लवकुश नगर क्षेत्र के ग्राम परसानिया की रहने वाली प्रियंका आदिवासी जिसकी शादी वर्ष 2017 में अंशुल गौड़ से हुई थी. वर्ष 2019 में उसके पति सड़क हादसे में घायल हो गए थे. उनके पैर और कमर में गंभीर चोटें आई थीं, तभी से वह चलने फिरने में असमर्थ हैं और सर्वाइकल स्पाईन (लकवा) की बीमारी से ग्रस्त हैं. तभी से पत्नी अपने बीमार व दिव्यांग पति कोई लेकर जिम्मेदारों की चौखट पर मदद की गुहार लगाने पहुंच रही है. आर्थिक तंगी से परेशान प्रियंका अपने पति को लेकर लगातार मदद की गुहार लगा रही है. लेकिन उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा. वहीं, मंगलवार को एक बार फिर प्रियंका पति को गोद में लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची और मदद की आस और गुहार लगाई, जहां कलेक्टर ने मदद का आश्वासन दिया है.

कई सालों से परेशानः दोनों का आरोप है कि वह पिछले कई सालों से परेशान हैं. छतरपुर जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से कई बार मदद मांग चुके हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा. इतना ही नहीं वह क्षेत्रीय संसाद और BJP प्रदेश अध्यक्ष VD शर्मा से मिल चुकी हैं. इतना ही नहीं वह पति को लेकर भोपाल में CM हाउस में शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचीं, लेकिन 1 सप्ताह के इंतजार के बाद भी CM से नहीं मिल सकीं.

लाखों रुपये कर्जाः आर्थिक तंगी से परेशान गंभीर परिस्थिति में प्रियंका जैसे-तैसे जेवर बेचकर 1 लाख 30 हजार रुपये लेकर कानपुर पहुंची, जहां न्यूरोन हॉस्पिटल में पति अंशुल आदिवासी का ईलाज करा रही थी. वहां 1 माह 10 दिन भर्ती रहने के दौरान उनका सारा पैसा खर्च हो गया और अब पैसा न हो पाने के कारण 9 जुलाई को वह छतरपुर अपने गांव वापस आ गई, जहां मंगलवार को वह कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में अपने पति को लेकर पहुंची. प्रियंका और उनके पति बताते हैं कि उनपर लोगों का 3 लाख से ऊपर कर्जा हो गया है, जिसे खत्म कर पाना मुश्किल हो रहा है और ऊपर से इलाज के लिए पैसे नहीं बचे हैं. वहीं, मीडिया से बात करते हुए प्रियंका ने कहा,''मैं ज्योति मौर्या जैसी नहीं हूं, जो अपने पति को छोड़ दूं. मैं आखिरी दम तक पति का साथ दूंगी.''

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अंशुल मां की मांग रहा अनुकंपा नियुक्तिः अंशुल बताता है कि उसकी मां की मौत वर्ष 2015 में एक दुर्घटना में हो गई थी. उसकी मां विकासखंड गौरिहार के ग्राम कितपुरा में शासकीय हाई स्कूल कितपुरा में अध्यापक के पद पर पदस्थ थीं, जिनकी आगजनी में मौत हो गई थी. अब वह उनकी अनुकंपा नियुक्ति की मांग करता फिर रहा है, जिसकी उसने जनसुनवाई में क्लेक्टर से गुहार लगाई है.

पति को गोद में उठाकर कलेक्ट्रेट पहुंची पत्नी

छतरपुर। आपने ज्योति मौर्य की कहानी तो सुनी होगी पति ने जैसे-तैसे मजदूरी करके पत्नी को पढ़ाया, लिखाया, एसडीएम बनाया पर उसका नतीजा यह निकला कि ऑफिसर बनने पर पत्नी ने पति को छोड़ दिया. इस समय पूरे देश में ज्योति मौर्य और अलोक मौर्य चर्चा का विषय बने हुए हैं, तो वहीं एक कहानी छतरपुर जिले से निकलकर आ रही है, जहां यह महिला ज्योति मौर्य नहीं बल्कि प्रियंका गौड़ है. यह कहानी 23 साल की प्रियंका और उसके पति 30 साल के अंशुल गौड़ की है. छतरपुर की इन तस्वीरों में आप साफ देख सकते हैं कि किस प्रकार एक महिला अपने दिव्यांग पति को उठाकर ले जा रही है.

यह है पूरा मामलाः जानकारी के मुताबिक छतरपुर के लवकुश नगर क्षेत्र के ग्राम परसानिया की रहने वाली प्रियंका आदिवासी जिसकी शादी वर्ष 2017 में अंशुल गौड़ से हुई थी. वर्ष 2019 में उसके पति सड़क हादसे में घायल हो गए थे. उनके पैर और कमर में गंभीर चोटें आई थीं, तभी से वह चलने फिरने में असमर्थ हैं और सर्वाइकल स्पाईन (लकवा) की बीमारी से ग्रस्त हैं. तभी से पत्नी अपने बीमार व दिव्यांग पति कोई लेकर जिम्मेदारों की चौखट पर मदद की गुहार लगाने पहुंच रही है. आर्थिक तंगी से परेशान प्रियंका अपने पति को लेकर लगातार मदद की गुहार लगा रही है. लेकिन उसकी मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा. वहीं, मंगलवार को एक बार फिर प्रियंका पति को गोद में लेकर कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंची और मदद की आस और गुहार लगाई, जहां कलेक्टर ने मदद का आश्वासन दिया है.

कई सालों से परेशानः दोनों का आरोप है कि वह पिछले कई सालों से परेशान हैं. छतरपुर जिला प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों से कई बार मदद मांग चुके हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा. इतना ही नहीं वह क्षेत्रीय संसाद और BJP प्रदेश अध्यक्ष VD शर्मा से मिल चुकी हैं. इतना ही नहीं वह पति को लेकर भोपाल में CM हाउस में शिवराज सिंह चौहान से मिलने पहुंचीं, लेकिन 1 सप्ताह के इंतजार के बाद भी CM से नहीं मिल सकीं.

लाखों रुपये कर्जाः आर्थिक तंगी से परेशान गंभीर परिस्थिति में प्रियंका जैसे-तैसे जेवर बेचकर 1 लाख 30 हजार रुपये लेकर कानपुर पहुंची, जहां न्यूरोन हॉस्पिटल में पति अंशुल आदिवासी का ईलाज करा रही थी. वहां 1 माह 10 दिन भर्ती रहने के दौरान उनका सारा पैसा खर्च हो गया और अब पैसा न हो पाने के कारण 9 जुलाई को वह छतरपुर अपने गांव वापस आ गई, जहां मंगलवार को वह कलेक्ट्रेट जनसुनवाई में अपने पति को लेकर पहुंची. प्रियंका और उनके पति बताते हैं कि उनपर लोगों का 3 लाख से ऊपर कर्जा हो गया है, जिसे खत्म कर पाना मुश्किल हो रहा है और ऊपर से इलाज के लिए पैसे नहीं बचे हैं. वहीं, मीडिया से बात करते हुए प्रियंका ने कहा,''मैं ज्योति मौर्या जैसी नहीं हूं, जो अपने पति को छोड़ दूं. मैं आखिरी दम तक पति का साथ दूंगी.''

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अंशुल मां की मांग रहा अनुकंपा नियुक्तिः अंशुल बताता है कि उसकी मां की मौत वर्ष 2015 में एक दुर्घटना में हो गई थी. उसकी मां विकासखंड गौरिहार के ग्राम कितपुरा में शासकीय हाई स्कूल कितपुरा में अध्यापक के पद पर पदस्थ थीं, जिनकी आगजनी में मौत हो गई थी. अब वह उनकी अनुकंपा नियुक्ति की मांग करता फिर रहा है, जिसकी उसने जनसुनवाई में क्लेक्टर से गुहार लगाई है.

Last Updated : Jul 18, 2023, 10:59 PM IST
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