छतरपुर। एमपी में गर्मी का सीजन शुरू हो गया है. छतरपुर के नौगांव स्थित सिविल अस्पताल में बुनियादी व्यवस्था में अभाव है. सिविल अस्पताल में कायाकल्प योजना के तहत चल रहे कार्य से मरीजों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इस अस्पताल में उमस भरी गर्मी में बिना पंखे के भर्ती मरीज इलाज कराने को मजबूर है. जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
नौगांव अस्पताल पर एमपी और यूपी निर्भर: मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे 50 गांव की लगभग 1.5 लाख आबादी नौगांव स्थित सिविल अस्पताल पर स्वास्थ्य लाभ के लिए आश्रित हैं. जिसमें रोजाना नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों से लगभग 300 से अधिक मरीज रोजाना इलाज कराने आते हैं. प्रदेश सरकार कायाकल्प योजना के तहत आम जनमानस को सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से स्कूल, स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण, नगर पालिका में कार्य कराए जा रहे हैं. इसी कायाकल्प योजना के तहत नौगांव के सिविल अस्पताल का भी कायाकल्प किया जा रहा है. इस कार्य से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को इस भीषण भरी गर्मी में परेशान होना पड़ रहा है.
अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही: जानकारी के मुताबिक, अस्पताल के महिला वार्ड में योजना के तहत लाइट फिटिंग, सीलिंग आदि का कार्य चल रहा है. ठेकेदार महिला वार्ड में लगे पंखों को निकाल दिया था. महिला वार्ड में शिलिंग तो लग गई है, लेकिन अस्पताल में अब तक पंखे नहीं लगाए गए है. जिसके चलते महिला वार्ड में भर्ती मरीजों को उमस भरी गर्मी में भर्ती होकर मजबूरी में इलाज कराना पड़ रहा है. सिविल अस्पताल के महिला वार्ड में भर्ती मरीजों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही बताई है.
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जल्द ठीक कर लिया जाएगा: मरीजों का कहना कि हम लोग गरीब है इसलिए प्राइवेट अस्पताल में इलाज नहीं करा सकते. इसलिए बिना पंखे के अस्पताल में इलाज कराना मजबूरी है. नौगांव के बीएमओ डॉक्टर रविंद्र पटेल का कहना है कि" अस्पताल में कायाकल्प योजना के तहत कार्य चल रहा है, पिछले दिनों राजनगर अस्पताल में आग लगने के कारण ठेकेदार वहां कार्य कर रहे थे, हमने उसको जल्द काम खत्म करने के लिए बोला है. सोमवार-मंगलवार तक समस्या का निदान हो जाएगा."