छतरपुर। मध्यप्रदेश के बागेश्वर धाम और कुबरेश्वर धाम में हो रही मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. बीते दिनों 3 से 4 श्रद्धालुओं की मौत दोनों धामों में हुई है और कई भक्त लापता भी बताए जा रहे हैं. रविवार को बागेश्वर धाम से एक और मौत का मामला सामने आया है, जहां राजस्थान की रहने वाली 10 साल की बच्ची की धाम में मौत हो गई. हादसे के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बच्ची के परिजनों से कहा कि, "ले जाओ बच्ची शांत हो गई है." इस तरह की घट रही घटना को लेकर अब धामों के व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
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बागेश्वर धाम में 10 साल की बच्ची की मौत: छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम में राजस्थान से अपने परिजनों के साथ आई 10 साल की बच्ची की मौत हो गई. धाम में बच्ची की अचानक तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे अस्पताल लाया गया. यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. बच्ची को मिर्गी की बीमारी थी. इसके बाद परिजनों को शव ले जाने के लिए सरकारी अस्पताल से शव वाहन नहीं मिला तो वे बच्ची के शव को प्राइवेट एंबुलेंस से बाड़मेर ले गए. परिजनों का कहना है कि, "बच्ची को पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने भभूति भी दी थी, फिर भी वो नहीं बची. बाबाजी ने हमें कहा कि इसे लेकर जाओ."
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राजस्थान की थी बच्ची: 10 साल की बच्ची विष्णु कुमारी पिता बुधराम, अपनी मां धम्मू देवी और मामी गुड्डी के साथ बाड़मेर से 17 फरवरी को बागेश्वर धाम आई थी. परिजनों के मुताबिक बच्ची को मिर्गी के दौरे आते थे, उन्होंने यहां के चमत्कार को सुना तो वे उसे लेकर बागेश्वर धाम लाए. जैसे ही बाबाजी ने उसे भभूत लगाया, वैसे ही बच्ची शात हो गई. जिसके बाद बाबाजी ने कहा कि, ले जाओ बच्ची शांत हो गई. मृतक बच्ची के परिजनों का कहना है कि, "शनिवार पूरी रात बच्ची को मिर्गी के दौरे आए, जिसकी वजह से वो रातभर जागी रही. रविवार दोपहर उसने जब आंखें बंद की और शरीर में कोई हलचल नहीं हुई तो हम उसे अस्पताल लेकर आए. यहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया."