छतरपुर। महिला उत्पीड़न से जुड़े मामलों को लेकर छतरपुर के 34 थानों में महिला एफआईआर कक्ष तैयार किए गए हैं. लेकिन कुछ ही थानों में महिलाओं की समस्याओं को सुनने के लिए महिला जांच अधिकारी की मौजूदगी है, जिसके कारण महिलाओं को शिकायत दर्ज करवाने और आपबीती बताने के दौरान काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. वहीं, इन मामलों के लिए अन्य थानों से महिला विवेचक को बुलाया जाता है और फिर सुनवाई हो पाती है.
इन थानों में महिला जांच अधिकारी तैनातः हालात ये हैं कि शहर के अजाक थाना, महिला थाना, सिटी कोतवाली, सिविल लाइन, ओरछा रोड में 1-1 महिला जांच अधिकारी हैं. इसके अलावा नौगांव, बड़ामलहरा, लवकुशनगर, बाजना, गुलगंज, बिजावर, बमीठा, खजुराहो में भी महिला जांच अधिकारी तैनात हैं.
इन थानों में महिला जांच अधिकारी नहीं मौजूदः अलीपुरा, बामनोरा, बंसिया, भगवां, बकस्वाहा, चंदला, गढ़ीमलहरा, गौरिहार, गोयरा, हरपालपुर, हिनोता, ईशानगर, जुझारनगर, किशनगढ़, महाराजपुर, मातगुवां, पिपट, प्रकाश बम्होरी, राजनगर, सरवई, सटई में महिला जांच अधिकारी तैनात नहीं हैं. ऐसे में इन थानों में बने महिला एफआईआर कक्ष तालों में कैद रहते हैं. हालांकि, जिले के सभी थानों के लिए महिला जांच अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है, जिससे महिला से जुड़े मामलों में अन्य थानों से महिला जांच अधिकारी आती हैं. इसके बाद महिलाओं की फरियाद सुनी जाती है. ऐसे में महिलाओं को कई घंटों या फिर सुनवाई के लिए अगले दिन तक का समय लग जाता है. साथ ही उक्त मामले में जांच में भी लेट लतीफी होती है और महिलाओं को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके बाद भी जिले में महिला जांच अधिकारियों की कमी को पूरा करने की ओर कार्य नहीं हो रहे हैं.
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एसपी बोले- जल्द ही समस्या का होगा समाधानः इस मामले को लेकर एसपी अमित सांघी ने बताया कि जिले में जहां पर महिला विवेचक नहीं हैं, वहां पर पास के थाना में तैनात महिला विवेचक को जिम्मेदारी दी गई है. साथ में उन्होंने कहा कि जिले में महिला विवेचक की कमी होने को लेकर पत्राचार किया गया है और जल्द ही इस समस्या का समाधान होने की उम्मीद है.