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व्यापमं घोटाला : सीबीआई ने फर्जी डॉक्टर को पकड़ने के लिए दी दबिश, आरोपी फरार

व्यापमं घोटाले में छतरपुर जिला अस्पताल में पदस्थ एक फर्जी डॉक्टर दीपक अहिरवार को गिरफ्तार करने के लिए सीबीआई ने उसके घर दबिश दी. गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद सीबीआई भोपाल की टीम ने छतरपुर के जिला अस्पताल और घर में दबिश दी, लेकिन आरोपी डॉक्टर दीपक अहिरवार की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

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सीबीआई ने फर्जी डॉक्टर को पकड़ने के लिए दी दबिश
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Published : Feb 26, 2020, 2:25 PM IST

Updated : Feb 26, 2020, 3:07 PM IST

छतरपुर। जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर दीपक अहिरवार को भी सीबीआई ने बहुचर्चित व्यापमं परीक्षा फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी बनाया है. डॉक्टर के विरुद्ध कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के कारण मंगलवार को सीबीआई भोपाल के दल ने छतरपुर पहुंचकर दबिश दी. हालांकि, आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

व्यापमं घोटाले के एक फर्जी डॉक्टर को पकड़ने के लिए पुलिस ने दी दबिश

मामले में सीबीआई भोपाल की दो सदस्यीय टीम मंगलवार को छतरपुर पहुंची. जहां पहले स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी डॉक्टर के मतवाना मोहल्ला वार्ड नंबर 31 स्थित घर पर दबिश दी गई. जहां पुलिस और सीबीआई की दबिश से हड़कंप मच गया. मौके से आरोपी दीपक अहिरवार नहीं मिला. यहां सीबीआई ने घर के लोगों से पूछताछ की और पंचनामा तैयार करते हुए सूचना देने की बात कही. इसके बाद टीम वहां से रवाना हुई.

मामले में अब सिविल सर्जन आरएस त्रिपाठी का कहना है कि आरोपी डॉक्टर उनके साथ 6 महीने तक काम करता रहा है. हमने मामले की सूचना मध्यप्रदेश शासन को भेज दी है. अगर दोबारा यहां पर दीपक अहिरवार देखे जाते हैं तो पुलिस को सूचना कर दी जाएगी.

छतरपुर। जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर दीपक अहिरवार को भी सीबीआई ने बहुचर्चित व्यापमं परीक्षा फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी बनाया है. डॉक्टर के विरुद्ध कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट जारी होने के कारण मंगलवार को सीबीआई भोपाल के दल ने छतरपुर पहुंचकर दबिश दी. हालांकि, आरोपी डॉक्टर की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है.

व्यापमं घोटाले के एक फर्जी डॉक्टर को पकड़ने के लिए पुलिस ने दी दबिश

मामले में सीबीआई भोपाल की दो सदस्यीय टीम मंगलवार को छतरपुर पहुंची. जहां पहले स्थानीय पुलिस की मदद से आरोपी डॉक्टर के मतवाना मोहल्ला वार्ड नंबर 31 स्थित घर पर दबिश दी गई. जहां पुलिस और सीबीआई की दबिश से हड़कंप मच गया. मौके से आरोपी दीपक अहिरवार नहीं मिला. यहां सीबीआई ने घर के लोगों से पूछताछ की और पंचनामा तैयार करते हुए सूचना देने की बात कही. इसके बाद टीम वहां से रवाना हुई.

मामले में अब सिविल सर्जन आरएस त्रिपाठी का कहना है कि आरोपी डॉक्टर उनके साथ 6 महीने तक काम करता रहा है. हमने मामले की सूचना मध्यप्रदेश शासन को भेज दी है. अगर दोबारा यहां पर दीपक अहिरवार देखे जाते हैं तो पुलिस को सूचना कर दी जाएगी.

Last Updated : Feb 26, 2020, 3:07 PM IST
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