छतरपुर। कोरोना को लेकर पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है. लेकिन इसको लेकर सरकारी अस्पताल कितने तैयार हैं, इसकी बानगी बुंदेलखंड के सबसे बड़े अस्पताल कहे जाने वाले जिला अस्पताल में देखने को मिली. जहां 15 दिन से खून की सीबीसी की जांच तक नहीं हो पा रही है. जिससे मरीज काफी परेशान हो रहे हैं. वहीं इस जांच से सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाएं प्रभावित हो रही हैं.
दरअसल, किसी भी बीमारी में सीबीसी एक प्राथमिक जांच होती है. जिसके द्वारा ही रोगी का रोग पहचाना जाता है और उसको इलाज बताया जाता है. लेकिन ये जांच नहीं होने से मरीजों को जांच कराने के लिए प्राइवेट अस्पतालों में भेजा जा रहा है. जिससे मरीज मोटी रकम खर्च करने को मजबूर हैं. वहीं जिनके पास पैसा नहीं हैं, वे बिना जांच के इलाज करा रहे हैं.
अपने बीमार पिता को अस्पताल लेकर आए कल्लू ने बताया कि वे एक घंटे से लाइन में लगे हैं. लेकिन उन्हें अब बताया गया कि यहां सीबीसी की जांच ही नहीं हो रही है. वहीं किराए की टैक्सी चलाने वाले मोहन का कहना है कि वह एक गरीब व्यक्ति है और प्राइवेट अस्पताल में जांच नहीं करा सकते हैं. इसीलिए वे सरकारी अस्पताल आए थे. लेकिन यहां भी उन्हें निराशा हाथ लगी है.
वहीं इस मामले में सिविल सर्जन आर एस त्रिपाठी ने बताया कि सीबीसी की जांच करने के लिए जिस केमिकल का प्रयोग किया जाता है. वह महंगा आता है और हमारे पास नहीं है. जिसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दे दी गई है. जल्द ही सुविधा एक बार फिर से शुरू कर दी जाएगी.