छतरपुर। कोरोना संकट जैसी घातक बीमारी के बीच सहकारी सोसायटियों के प्रबंधक द्वारा किसान के नाम पर फर्जी ऋण निकालने का गंभीर मामला सामने आया है. इसके पहले जय किसान कर्जमाफी योजना के आने से जिले भर की सोसायटियों में निकाले गए फर्जी लोन के बहुत से मामले सामने आए थे, लेकिन अभी भी फर्जी लोन के मामले सामने आ रहे हैं.
ऐसा ही एक ताजा मामला काकुनपुरा ग्राम पंचायत का है, जहां कृष्ण कुमार 2 मई 2020 को मां लक्ष्मी वेयरहाउस में रानीपुरा समिति द्वारा बनाये गए उपार्जन केंद्र में 71 क्विंटल गेहूं बेचने गया था, तो कृष्ण कुमार के भाई राजकुमार सिंह ने खरीदी की रसीद दी, लेकिन किसान के नाम से 59 हजार 197 रुपये सोसायटी ऋण की राशि खाते से काट ली गयी है. किसान के भाई ने जब समिति प्रबंधक से इस मामले में जानकारी मांगी तो उन्होंने कहा कि आपके भाई के नाम से लोन है. किसान ने अगर उपार्जन केंद्र पर गेहूं बेचने का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया होता तो उसको ऋण की कोई जानकारी नहीं लगती, इसलिए खाते से राशि काटी गई है.
कृषक के भाई ने समिति प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगाया है. उसका कहना है कि मेरे भाई के नाम से सोसायटी में खाता भी नहीं है और ना ही वह सोसायटी का सदस्य है. तो उसके नाम से समिति प्रबंधक ने धोखाधड़ी कर फर्जी तरीके से लोन निकाला है. जबकि कृष्ण कुमार ने कोई भी कर्ज नहीं लिया है.
किसान के भाई का कहना है कि मेरा भाई 18 सालों से हरियाणा के रोहतक में रहता है. जब किसान वर्षो से यहां है ही नहीं, तो उसके नाम से सोसायटी में नाम से कर्ज कहां से आ गया. इस मामले की शिकायत रानीपुरा सोसायटी प्रबंधक की उच्च अधिकारियों और पीएमओ को की गई है.