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बुंदेलखंड में सूखे की आहट, किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें

छतरपुर में लोग सूखे की मार झेल रहे हैं. उर्मिल बांध बुंदेलखंड का एकमात्र ऐसा बांध है, जो मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश को जोड़ता है, लेकिन बारिश न होने की वजह से डेम सूखता जा रहा है, जिससे किसान चिंतित हैं.

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Published : Aug 24, 2019, 8:33 AM IST

बुंदेलखंड में सूखे की आहट

छतरपुर। बुंदेलखंड पिछले कई सालों से लगातार सूखे की चपेट में है. भले ही भारत के कई राज्य में लोग लगातार हो रही बारिश से परेशान हो, लेकिन बुंदेलखंड में सूखे के हालात दिखाई दे रहे हैं. नदियां सूखी पड़ी हुई है और लोग बारिश का इंतजार कर रहे है.

बुंदेलखंड में सूखे की आहट


आपको बता दें कि उर्मिल डैम बुंदेलखंड का एकमात्र ऐसा बांध है, जो एमपी और यूपी दोनों राज्यों को जोड़ता है. इसका आधा हिस्सा महुआ में आता है, तो आधा छतरपुर जिले में आता है. इस बांध की वजह से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिले सिंचित होते हैं. इस बार पानी ना होने की वजह से किसानों के चेहरे में चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है.


खेती करने वाले एक किसान रामपाल पटेल बताते हैं कि पिछले आठ-दस सालों से बुंदेलखंड के क्षेत्रों में सूखा पड़ रहा है, और अगर ऐसा ही चलता रहा तो खेती किसानी तो दूर लोगों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिलेगा.उर्मिल डैम के पानी से काफी राहत मिल जाती थी. खेती किसानी में दो से तीन बार पानी सिंचाई के लिए मिल जाता था, लेकिन इस बार उसकी भी उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है.

छतरपुर। बुंदेलखंड पिछले कई सालों से लगातार सूखे की चपेट में है. भले ही भारत के कई राज्य में लोग लगातार हो रही बारिश से परेशान हो, लेकिन बुंदेलखंड में सूखे के हालात दिखाई दे रहे हैं. नदियां सूखी पड़ी हुई है और लोग बारिश का इंतजार कर रहे है.

बुंदेलखंड में सूखे की आहट


आपको बता दें कि उर्मिल डैम बुंदेलखंड का एकमात्र ऐसा बांध है, जो एमपी और यूपी दोनों राज्यों को जोड़ता है. इसका आधा हिस्सा महुआ में आता है, तो आधा छतरपुर जिले में आता है. इस बांध की वजह से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई जिले सिंचित होते हैं. इस बार पानी ना होने की वजह से किसानों के चेहरे में चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है.


खेती करने वाले एक किसान रामपाल पटेल बताते हैं कि पिछले आठ-दस सालों से बुंदेलखंड के क्षेत्रों में सूखा पड़ रहा है, और अगर ऐसा ही चलता रहा तो खेती किसानी तो दूर लोगों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिलेगा.उर्मिल डैम के पानी से काफी राहत मिल जाती थी. खेती किसानी में दो से तीन बार पानी सिंचाई के लिए मिल जाता था, लेकिन इस बार उसकी भी उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है.

Intro:बुंदेलखंड पिछले कई सालों से लगातार सूखे की चपेट में है एक बार फिर बुंदेलखंड में सुखी की आहट दिखाई देने लगी है आपको बता दें कि बारिश के मौसम में अभी भी बुंदेलखंड की कह रहे एवं नदियां सूखी पड़ी हुई है भले ही भारत के कई राज्यों में लगातार बारिश हो रही हो लेकिन बुंदेलखंड के किसान आज भी बारिश की आस लगाकर बैठे हुए हैं!


Body:बुंदेलखंड में बारिश ना होने की वजह से पिछले कई सालों से लगातार सूखा चला आ रहा है जिसमें उत्तर प्रदेश सहित मध्य प्रदेश के कई जिले प्रभावित होते हैं लेकिन सूखे के दिनों में बुंदेलखंड का एकमात्र उर्मिल डैम किसानों के लिए सहारा बना रहता था लेकिन इस बार कम वर्षा के चलते इस डैम में भी इतना पानी नहीं आया है जितना की होना चाहिए था!

आपको बता दें कि उर्मिल डैम बुंदेलखंड का एकमात्र ऐसा डैम है जो दोनों राज्यों को जोड़ता है इसका आधा हिस्सा महुआ में आता है तो आधा छतरपुर जिले में इसे लोग उत्तर प्रदेश का गौरव भी कहते हैं इस डैम की वजह से मध्य प्रदेश के कई जिले एवं उत्तर प्रदेश के कई जिले सिंचित होते हैं इस बार पानी ना होने की वजह से किसानों में चिंता दिखने लगी है किसानों का कहना है कि इस बार डैम में पानी ना के बराबर है और अगर ऐसा ही रहा तो उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि वर्षा इस बार नहीं हुई है और अब आसपास के क्षेत्रों के लिए एकमात्र उर्मिल डैम ही सहारा बना हुआ है!

खेती करने वाले एक किसान रामपाल पटेल बताते हैं कि पिछले आठ-दस सालों से बुंदेलखंड के क्षेत्रों में सूखा पड़ रहा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो खेती किसानी तो दूर लोगों को पीने के लिए पानी भी नहीं मिलेगा रामपाल पटेल बताते हैं कि उर्मिल डैम के पानी से काफी राहत मिल जाती थी खेती किसानी में दो से तीन बार पानी सिंचाई के लिए मिल जाता था लेकिन इस बार उसकी भी उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है अगर ऐसा ही चलता रहा तो बुंदेलखंड में खेती करना बहुत मुश्किल हो जाएगा!

बाइट_रामपाल पटेल किसान

एक और किसान राजकुमार पटेल का कहना है कि लगातार सूखा पड़ने की वजह से लोग खेती किसानी छोड़ रहे हैं नदी तालाबों में भी पानी नहीं बचा है और अगर ऐसा ही चलता रहा तो आने वाले समय में किसानों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है आसपास के लोगों के लिए एकमात्र सहारा उर्मिल डैम था लेकिन इस बार उसमें भी पानी नहीं है जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है!

बाइट_राजकुमार पटेल_ किसान




Conclusion: पिछले 5 सालों से बुंदेलखंड में ठीक से बारिश नहीं हुई है यही वजह है कि बुंदेलखंड का अधिकांश क्षेत्र सूखे की चपेट में रहता है वर्तमान में बरसात का आधी से अधिक मौसम निकल गया है लेकिन अभी तक उस प्रकार की बारिश नहीं हुई जिस प्रकार की बारिश की उम्मीद किसान कर रहे थे ऐसे में किसानों का एकमात्र भरोसा उर्मिल डैम पर रह जाता है लेकिन अब यह डैम भी पानी ना होने की वजह से किसानों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है!
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