ETV Bharat / state

100 गांव को जोड़ने वाला पुल हुआ खस्ताहाल, जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं ग्रामीण

author img

By

Published : Dec 5, 2019, 11:28 PM IST

चंदला विधानसभा क्षेत्र के बलरामपुर गांव स्थित केल नदी पर बना पुल टूट गया है. पिछले पांच सालों में पुल से कोई चौपहिया वाहन नहीं गुजरा. गांव तक एंबुलेंस तक नहीं पहुंचती है.

bridge over the Kel River broke down
पूरी तरह धंस चुका है पुल

छतरपुर। चंदला विधानसभा क्षेत्र के बलरामपुर गांव में केल नदी पर बना पुल पूरी तरह खस्ताहाल हो चुका है. भारी भरकम वाहनों के गुजरने से पुल की ये स्थिति बनी हुई है. पुल के टूटने से 100 गांव के किसान प्रभावित हुए हैं. पिछले पांच महीने से पुल के ऊपर से एक भी चौपहिया वाहन नहीं गुजरा. हालात इतने बुरे हैं कि, गांव में अगर कोई बीमार हो गया तो एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंचती.

पूरी तरह धंस चुका है पुल
चंदला विधानसभा क्षेत्र में रेत माफिया सक्रिय हैं और लगातार यहां अवैध रेत खनन किया जा रहा है. जिसके चलते भारी वाहन इस पुल के ऊपर से गुजर रहे थे, लिहाजा पुल टूट गया. अब इस पुल से न तो कोई बस निकल पाती है और न ही लोग. ग्रामीण, जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन- प्रशासन से पुल के निर्माण की मांग कर चुके हैं पर हालत अब तक नहीं बदले.
bridge over the Kel River broke down
पूरी तरह धंस चुका है पुल
100 गांव को जोड़ने वाले इस पुल के खराब होने से ग्रमीण बेहद परेशान हैं. ग्रामीण बताते हैं कि बीमारी का इलाज कराने शहर नहीं जा पाते, हिलाजा उन्हें गांव के झोलाझाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ता है. जब इस मामले को ईटीवी ने उठाया तो एडीएम प्रेम सिंह चौहान ने मामले में जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दे दिया. अधिकारियों ने एक बार फिर कार्रवाई के आश्वासन का झुनझुना पकड़ाया है. इससे पहले भी ग्रामीणों को ऐसे ही सैकड़ों आश्वासन मिल चुके हैं. यही वजह है कि वाहन नदी में से होकर गुजर रहे हैं, जिससे हादसे की आंशका बनी रहती है.

छतरपुर। चंदला विधानसभा क्षेत्र के बलरामपुर गांव में केल नदी पर बना पुल पूरी तरह खस्ताहाल हो चुका है. भारी भरकम वाहनों के गुजरने से पुल की ये स्थिति बनी हुई है. पुल के टूटने से 100 गांव के किसान प्रभावित हुए हैं. पिछले पांच महीने से पुल के ऊपर से एक भी चौपहिया वाहन नहीं गुजरा. हालात इतने बुरे हैं कि, गांव में अगर कोई बीमार हो गया तो एंबुलेंस गांव तक नहीं पहुंचती.

पूरी तरह धंस चुका है पुल
चंदला विधानसभा क्षेत्र में रेत माफिया सक्रिय हैं और लगातार यहां अवैध रेत खनन किया जा रहा है. जिसके चलते भारी वाहन इस पुल के ऊपर से गुजर रहे थे, लिहाजा पुल टूट गया. अब इस पुल से न तो कोई बस निकल पाती है और न ही लोग. ग्रामीण, जनप्रतिनिधियों से लेकर शासन- प्रशासन से पुल के निर्माण की मांग कर चुके हैं पर हालत अब तक नहीं बदले.
bridge over the Kel River broke down
पूरी तरह धंस चुका है पुल
100 गांव को जोड़ने वाले इस पुल के खराब होने से ग्रमीण बेहद परेशान हैं. ग्रामीण बताते हैं कि बीमारी का इलाज कराने शहर नहीं जा पाते, हिलाजा उन्हें गांव के झोलाझाप डॉक्टरों से इलाज कराना पड़ता है. जब इस मामले को ईटीवी ने उठाया तो एडीएम प्रेम सिंह चौहान ने मामले में जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दे दिया. अधिकारियों ने एक बार फिर कार्रवाई के आश्वासन का झुनझुना पकड़ाया है. इससे पहले भी ग्रामीणों को ऐसे ही सैकड़ों आश्वासन मिल चुके हैं. यही वजह है कि वाहन नदी में से होकर गुजर रहे हैं, जिससे हादसे की आंशका बनी रहती है.
Intro: छतरपुर जिले के उत्तर प्रदेश सीमा से लगा हुआ चंदला विधानसभा का बलरामपुर गांव की केल नदी पर बना पिछले 6 महीनों से टूटा पड़ा हुआ है जिससे लगभग 100 गांवों के लोग प्रभावित हैं लोगों की माने तो आवागमन लगभग पूरी तरह से अवरुद्ध है गांव में एंबुलेंस एवं हंड्रेड डायल जैसी गाड़ियां इस रास्ते से होकर नहीं आ पाती हैं गांव में आने के लिए उन्हें काफी चक्कर लगाना पड़ता है!


Body: छतरपुर जिले के चंदला विधानसभा क्षेत्र के गौरी हार एवं बारीगढ़ 2 ब्लॉकों को जोड़ने वाला केल नदी का पुल पिछले 6 महीनों से टूटा हुआ है कुल खराब होने की वजह भारी वाहनों का पुल पर से गुजर ना बताया जाता है आपको बता दें कि चंदला विधानसभा क्षेत्र में लगातार रेत का अवैध उत्खनन होता है जिसके चलते भारी वाहन सड़कों एवं अन्य फूलों को तबाह कर रहे हैं यही वजह है कि बलरामपुर गांव से निकलने वाली नदी पर बना पुल भारी वाहनों के चलते टूट गया जिसकी वजह से अब उस पुल पर से ना तो कोई बस निकल पाती है और ना ही गांव के लोग इस पुल पर से आवागमन कर पाते हैं!

आपको बता दें कि बलरामपुर गांव पर बनाई है पुल गौरी हार एवं बारीगढ़ को जोड़ता है पुल के दूसरी ओर बारीगढ़ है तो एक और गौरी हार है और लगभग 100 गांव के लोग इस टूटे हुए पुल के वजह से प्रभावित हैं गांव के लोगों की मानें तो वे लगातार इस पुल के सुधार के लिए अधिकारियों एवं स्थानीय नेताओं से बात कर रहे हैं लेकिन किसी ने भी अभी तक इस पुल की सुध नहीं ली है परेशानी के चलते लोग नीचे बह रही नदी से होकर गुजरते हैं क्योंकि इस समय पानी कम है इसलिए लोग वहां से गुजर जाते हैं लेकिन बरसात के दिनों में जब पानी अधिक होता है तो वहां से गुजर ना लगभग असंभव हो जाता है!

गांव में रहने वाले सी बी त्रिपाठी बताते हैं कि वह बलरामपुर गांव में रहते हैं पुल की दूसरी और उनका खेत है जिससे उन्हें खेत में जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है हाल में तो किसी तरह से लोग निकल जाते हैं लेकिन बरसात के दिनों में आवागमन पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाता है!

बाइट_सीवी त्रिपाठी ग्रामीण

गांव में रहने वाले बाबू पाल बताते हैं कि लगभग 6 महीने पहले एक ओवरलोड ट्रक निकला था जो यहां समा गया था तब से लेकर अभी तक यह गड्ढा बना हुआ है और पुल पर से लोग बाहर लेकर नहीं गुजर पाते हैं! बाबू पाल बताते हैं कि गांव में एंबुलेंस एवं हंड्रेड डायल जैसी गाड़ियां नहीं आ पाती हैं एक बार आने की कोशिश की थी लेकिन टूटे हुए पुल में फंस जाने की वजह से गाड़ी को वापस लौटना पड़ा था

बाइट_बाबू पाल

गांव में रहने वाले एक और ग्रामीण छोटे सेन बताते हैं कि स्वास्थ्य सेवाएं इस गांव में लगभग ध्वस्त हैं हंड्रेड डायल एवं एंबुलेंस ऐसी गाड़ियां गांव में नहीं आ पाती हैं डॉक्टरों के पास भी आवागमन नहीं हो पाता है झोलाछाप डॉक्टरों पर ही गांव के लोग निर्भर हैं

बाइट_छोटे सेन

वही एडीएम प्रेम सिंह चौहान का कहना है कि मामला के द्वारा संज्ञान में लाया गया है अगर इस प्रकार का कोई मामला है और ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो जल्दी ही वहां के अधिकारियों से बात करके फुल को दुरुस्त कराने का काम किया जाएगा!

बाइट_एडीएम प्रेम सिंह चौहान





Conclusion:पिछले 6 महीने से बलरामपुर गांव का पुल टूटा हुआ है सैकड़ों गांव पुल टूटने से प्रभावित हैं हजारों ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने इस ओर अभी तक किसी प्रकार का कोई ध्यान नहीं दिया है!
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.