छतरपुर। जिले के ईशा नगर क्षेत्र के निवरिया गांव से छह महीने की बच्ची को गर्म सलाखों से जलाने का मामला सामने आया है. दरअसल बच्ची को निमोनिया हुआ था, जिसके इलाज के लिए उसके परिजन उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए थे. डॉक्टर ने गर्म सरिया से उसके पेट में दो जगह दाग दिए जिससे मासूम के पेट में 6 निशान पड़ गए.
बच्ची की तबीयत ठीक नहीं होने पर उसके परिजन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले आए. इलाज के दौरान जब डॉक्टरों ने बच्ची के पेट पर जलने के निशान देखे तो पहले तो परिजनों को जमकर फटकार लगाई और तुरंत बच्ची का इलाज शुरू कर दिया. बच्ची की मां ने बताया कि मासूम की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी. परिवार के कहने पर बेटी को लेकर एक झोलाछाप डॉक्टर के पास गई थी, जहां उसने गर्म सरिया से उसकी बेटी को जला दिया. सरिया से जलाने के बाद भी जब वह ठीक नहीं हुई तो परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल ले आए.
वहीं जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर का कहना है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास को लेकर इस प्रकार के मामले सामने आ जाते हैं. जिसको लेकर हम लोग लगातार गांव से आने वाले लोगों को समझाते हैं कि अंधविश्वास में ना पढ़ते हुए बच्चों की बीमारी में सबसे पहले डॉक्टरों से इलाज कराएं. लेकिन इसके बाद भी इस प्रकार के कुछ मामले देखने को मिलते हैं, जो कि बेहद चौंकाने वाले होते हैं.