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मासूम पर अंधविश्वास पड़ा भारी, बच्ची को गर्म सलाखों से दागा गया

छतरपुर के निवरिया गांव से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. जहां छह महीने की मासूम बच्ची को बीमारी के चलते गर्म सलाखों से दागा गया. जिसके चलते मासूम के पेट पर छह निशान पड़ गए हैं.

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गर्म सलाखों से दागा गया छह साल की मासूम को
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Published : Jan 12, 2020, 11:07 AM IST

Updated : Jan 12, 2020, 11:53 AM IST

छतरपुर। जिले के ईशा नगर क्षेत्र के निवरिया गांव से छह महीने की बच्ची को गर्म सलाखों से जलाने का मामला सामने आया है. दरअसल बच्ची को निमोनिया हुआ था, जिसके इलाज के लिए उसके परिजन उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए थे. डॉक्टर ने गर्म सरिया से उसके पेट में दो जगह दाग दिए जिससे मासूम के पेट में 6 निशान पड़ गए.

गर्म सलाखों से दागा गया छह साल की मासूम को


बच्ची की तबीयत ठीक नहीं होने पर उसके परिजन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले आए. इलाज के दौरान जब डॉक्टरों ने बच्ची के पेट पर जलने के निशान देखे तो पहले तो परिजनों को जमकर फटकार लगाई और तुरंत बच्ची का इलाज शुरू कर दिया. बच्ची की मां ने बताया कि मासूम की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी. परिवार के कहने पर बेटी को लेकर एक झोलाछाप डॉक्टर के पास गई थी, जहां उसने गर्म सरिया से उसकी बेटी को जला दिया. सरिया से जलाने के बाद भी जब वह ठीक नहीं हुई तो परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल ले आए.


वहीं जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर का कहना है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास को लेकर इस प्रकार के मामले सामने आ जाते हैं. जिसको लेकर हम लोग लगातार गांव से आने वाले लोगों को समझाते हैं कि अंधविश्वास में ना पढ़ते हुए बच्चों की बीमारी में सबसे पहले डॉक्टरों से इलाज कराएं. लेकिन इसके बाद भी इस प्रकार के कुछ मामले देखने को मिलते हैं, जो कि बेहद चौंकाने वाले होते हैं.

छतरपुर। जिले के ईशा नगर क्षेत्र के निवरिया गांव से छह महीने की बच्ची को गर्म सलाखों से जलाने का मामला सामने आया है. दरअसल बच्ची को निमोनिया हुआ था, जिसके इलाज के लिए उसके परिजन उसे गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास ले गए थे. डॉक्टर ने गर्म सरिया से उसके पेट में दो जगह दाग दिए जिससे मासूम के पेट में 6 निशान पड़ गए.

गर्म सलाखों से दागा गया छह साल की मासूम को


बच्ची की तबीयत ठीक नहीं होने पर उसके परिजन उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले आए. इलाज के दौरान जब डॉक्टरों ने बच्ची के पेट पर जलने के निशान देखे तो पहले तो परिजनों को जमकर फटकार लगाई और तुरंत बच्ची का इलाज शुरू कर दिया. बच्ची की मां ने बताया कि मासूम की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी. परिवार के कहने पर बेटी को लेकर एक झोलाछाप डॉक्टर के पास गई थी, जहां उसने गर्म सरिया से उसकी बेटी को जला दिया. सरिया से जलाने के बाद भी जब वह ठीक नहीं हुई तो परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल ले आए.


वहीं जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर का कहना है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास को लेकर इस प्रकार के मामले सामने आ जाते हैं. जिसको लेकर हम लोग लगातार गांव से आने वाले लोगों को समझाते हैं कि अंधविश्वास में ना पढ़ते हुए बच्चों की बीमारी में सबसे पहले डॉक्टरों से इलाज कराएं. लेकिन इसके बाद भी इस प्रकार के कुछ मामले देखने को मिलते हैं, जो कि बेहद चौंकाने वाले होते हैं.

Intro: छतरपुर जिले के ईसानगर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां 6 साल की मासूम बच्ची को बीमारी के चलते गर्म सलाखों से जलाने का मामला सामने आया है! अंधविश्वास के चलते 6 माह की मासूम बच्ची को उसके पेट में गर्म सलाखों से दागा गया जब उसकी बीमारी ठीक नहीं हुई तो उसके माता-पिता जिला अस्पताल ले आए जहां उसका इलाज किया जा रहा है!


Body:छतरपुर जिले के शासकीय अस्पताल में इलाज कराने पहुंची एक मासूम बच्ची के शरीर पर जलने के दाग देखकर डॉक्टर हैरान रह गए पूछने पर परिजनों ने जो जवाब दिया उससे सुनकर जिला अस्पताल के डॉक्टर दंग रह गए परिजन ने बताया कि उसकी 6 माह की बेटी को निमोनिया हुआ था जिसके चलते गांव के ही एक झोलाछाप डॉक्टर के पास गए सर्दी पिछले कई दिनों से ठीक नहीं हो रही थी और इसी के चलते परिवार के लोग बेटी को उस डॉक्टर के पास ले गए और डॉक्टर ने गर्म सरिया से उसके पेट में दो जगह दाग दिए जिससे मासूम के पेट में 6 निशान पड़ गए!

जिस वक्त मासूम बच्ची को जिला अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया उस वक्त बच्ची निमोनिया से पीड़ित तो थी ही साथ में जो उसके पेट में जलाया गया था उससे भी उसको काफी दर्द हो रहा था डॉक्टरों ने जब यह सब देखा तो पहले तो परिजनों को जमकर फटकार लगाई और तुरंत बच्ची का इलाज शुरू कर दिया!

मिली जानकारी के अनुसार ईशा नगर क्षेत्र के निवरिया गांव से 6 माह की मासूम निहारिका यादव बच्ची की हालत बिगड़ने के बाद परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे थे जहां शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर लखन तिवारी ने चेकअप के दौरान बच्ची के पेट में गर्म सरिया के दाग को देखा इसके बाद माता-पिता को जमकर फटकार लगाई बच्ची की मां ने बताया कि उसकी बेटी की तबीयत लगातार बिगड़ रही थी परिवार के कहने पर बेटी को लेकर एक झोलाछाप डॉक्टर के पास गई और जिसने गर्म सरिया से उसकी बेटी को जला दिया सरिया से जलाने के बाद भी जब वह ठीक नहीं हुई तो परिवार के लोग उसे जिला अस्पताल ले आए!

बाइट_आरती पीड़िता की माँ

वहीं जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर का कहना है कि आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में अंधविश्वास को लेकर इस प्रकार के मामले सामने आ जाते हैं जिसको लेकर हम लोग लगातार गांव से आने वाले लोगों को समझाते हैं कि अंधविश्वास में ना पढ़ते हुए बच्चों की बीमारी में सबसे पहले डॉक्टरों से इलाज कराएं लेकिन इसके बाद भी इस प्रकार के कुछ मामले देखने को मिलते हैं जो कि बेहद चौंकाने वाले होते हैं!

बाइट_डॉ• सुसील शर्मा


Conclusion:बच्ची के साथ हुई क्रूरता को लेकर जिला अस्पताल में पदस्थ डॉक्टर बेहद हैरान है तो वहीं अब उसकी मां आरती यादव भी बेहद दुखी है की अंधविश्वास के चलते उसने अपनी मासूम बेटी को गर्म शरीर से जलवा दिया और आखिरकार उसे आराम नहीं मिला फिलहाल बच्ची जिला अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज किया जा रहा है!
Last Updated : Jan 12, 2020, 11:53 AM IST
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