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साधना सिंह के नाम की चर्चा से कांग्रेसी नाखुश कहां गिरेगा कार्यकर्ताओं का मनोबल

मतदान से पहले पार्टियों को प्रत्याशी चयन पर माथा पच्ची करनी पड़ रही है, एक-एक सीट पर कई दावा कर रहे हैं, ऐसे में किसी एक का नाम तय करना आसान नहीं है क्योंकि बाकी दावेदारों के बागी होने का भी डर रहता है. विदिशा से साधना सिंह का नाम भी चर्चा में है कि बीजेपी उन्हें टिकट दे सकती है, जिस पर कांग्रेस ने ऐतराज जताया है.

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Published : Mar 20, 2019, 5:59 PM IST

sadhna singh, priyadarshani

भोपाल। चुनावी बिगुल बजते ही सभी दल महारथियों की तलाश में जुट गये, किस मोर्चे पर किस महारथी को तैनात करना है या किस महारथी की काट कौन हो सकता है. इस पर माथापच्ची जारी है, जबकि पार्टी के अंदर जितना मंथन चल रहा है, उससे कहीं अधिक बाहर चल रहा है, नाम तय होने से पहले हर सीट पर कई दावेदारों के नाम हवा में तैर रहे हैं. विदिशा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह के नाम की खूब चर्चा है, जिस पर कांग्रेस नाराजगी भी जता रही है. कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने तो साफ कर दिया कि किसी भी कांग्रेसी नेता की पत्नी चुनाव नहीं लड़ रही है.

विदिशा लोकसा

राजनीतिक सक्रियता के सवाल पर रवि ने कहा कि साधना सिंह ने सड़क पर उतरकर कोई काम नहीं किया, सिर्फ कार्यक्रम में जाकर फोटो खिंचवाने से नहीं होता. सक्रिय रहने और सक्रिय होने में काफी अंतर है, इसे समझने की जरूरत है. यदि साधना सिंह लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में आ रही हैं तो आएं उसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कांग्रेस मेरिट के आधार पर ही टिकट तय करेगी.

कांग्रेस को लगता है कि साधना सिंह सक्रिय राजनीति में नहीं हैं, जबकि ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी अपने क्षेत्र में हमेशा सक्रिय रही हैं, इसलिए प्रियदर्शनी चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन साधना नहीं. हालांकि, ये फैसला पार्टी करेगी कि कौन प्रत्याशी होगा और जनता तय करेगी कि उनका सांसद कौन होगा.

भोपाल। चुनावी बिगुल बजते ही सभी दल महारथियों की तलाश में जुट गये, किस मोर्चे पर किस महारथी को तैनात करना है या किस महारथी की काट कौन हो सकता है. इस पर माथापच्ची जारी है, जबकि पार्टी के अंदर जितना मंथन चल रहा है, उससे कहीं अधिक बाहर चल रहा है, नाम तय होने से पहले हर सीट पर कई दावेदारों के नाम हवा में तैर रहे हैं. विदिशा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पत्नी साधना सिंह के नाम की खूब चर्चा है, जिस पर कांग्रेस नाराजगी भी जता रही है. कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना ने तो साफ कर दिया कि किसी भी कांग्रेसी नेता की पत्नी चुनाव नहीं लड़ रही है.

विदिशा लोकसा

राजनीतिक सक्रियता के सवाल पर रवि ने कहा कि साधना सिंह ने सड़क पर उतरकर कोई काम नहीं किया, सिर्फ कार्यक्रम में जाकर फोटो खिंचवाने से नहीं होता. सक्रिय रहने और सक्रिय होने में काफी अंतर है, इसे समझने की जरूरत है. यदि साधना सिंह लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में आ रही हैं तो आएं उसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कांग्रेस मेरिट के आधार पर ही टिकट तय करेगी.

कांग्रेस को लगता है कि साधना सिंह सक्रिय राजनीति में नहीं हैं, जबकि ज्योतिरादित्य की पत्नी प्रियदर्शनी अपने क्षेत्र में हमेशा सक्रिय रही हैं, इसलिए प्रियदर्शनी चुनाव लड़ सकती हैं, लेकिन साधना नहीं. हालांकि, ये फैसला पार्टी करेगी कि कौन प्रत्याशी होगा और जनता तय करेगी कि उनका सांसद कौन होगा.

Intro: ( स्पेशल स्टोरी )

साधना सिंह के नाम की चर्चा से कांग्रेसी नाखुश कहां गिरेगा कार्यकर्ताओं का मनोबल

भोपाल लोकसभा चुनाव की तैयारियों में सभी राजनीतिक दल प्रत्याशियों की सूची बनाने में जुटे हुए हैं लेकिन इस सूची से पहले ही कई लोगों के नाम अभी से चर्चा का केंद्र बने हुए हैं प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह का नाम विदिशा लोकसभा संसदीय क्षेत्र से चर्चा में बना हुआ है माना जा रहा है कि इस संसदीय क्षेत्र से साधना सिंह चुनाव लड़ने की प्रबल दावेदार है बता दें कि साधना सिंह किरार धाकड़ समाज की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है साधना सिंह का नाम विदिशा लोकसभा से इसलिए भी चर्चा में बना हुआ है क्योंकि इस सीट से सांसद चुनी गई केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का यहां पर काफी विरोध है क्योंकि उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र को समय नहीं दिया है यही वजह है कि भारतीय जनता पार्टी नए चेहरे की तलाश में जुटी हुई है और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विदिशा संसदीय क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं साधना सिंह की लोकसभा चुनाव को लेकर शिवराज सिंह चौहान पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पार्टी टिकट देगी तो वह चुनाव लड़ेंगी लेकिन इससे पहले ही कांग्रेस ने इसका विरोध भी शुरू कर दिया है कांग्रेस का मानना है कि यदि साधना सिंह को विदिशा से टिकट मिलता है तो इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरेगा वहीं उन्होंने साफ कर दिया है कि कांग्रेस के नेता अपनी पत्नियों को चुनाव नहीं लड़वा रहे हैं


Body:कांग्रेस प्रवक्ता रवि सक्सेना का कहना है कि यह पूरी तरह से मिथ्या बात है कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से नेताओं की पत्नियां चुनाव लड़ रही है जहां तक पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता सिंह का सवाल है तो उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि वह चुनाव नहीं लड़ रही है और जहां तक ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी माधुरी सिंधिया की बात की जा रही है तो वह अपने क्षेत्र में हमेशा ही जनता से मिलने के लिए जाती है और ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है कि वह अपने क्षेत्र में लोगों से मिलने के लिए पहुंची हो ऐसा उन्होंने कई बार किया है और उस क्षेत्र के लिए माधवी सिंधिया अपरिचित चेहरा नहीं है यदि कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें टिकट दिया भी जाता है तो इसे पत्नी के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए बल्कि यह देखना चाहिए कि वह स्वयं एक नेता है जो जनता की सेवा कर रही है जहां तक साधना सिंह चौहान की बात है तो यह बात सभी को मालूम है कि साधना सिंह शिवराज सिंह चौहान के पल्लू के साथ ही बंधी रही हैं जहां-जहां शिवराज सिंह चौहान पहुंचते हैं उनके साथ वह भी पहुंच जाती हैं यही उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि है मध्य प्रदेश के इतिहास में आज तक कोई ऐसा मुख्यमंत्री नहीं रहा होगा जिसकी पत्नी इस तरह से अपने पति के साथ राजनीति में फ्रंट में आकर उनको डिस्टर्ब करती हो


Conclusion:जब कांग्रेस प्रवक्ता से ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी माधवी सिंधिया को लेकर सवाल किया गया कि माधुरी कभी सक्रिय राजनीति में नहीं दिखाई दी है लेकिन साधना सिंह सक्रिय राजनीति में रहे हैं और कई वर्षों से लगातार महिला मोर्चा की पदाधिकारी के रूप में कार्य भी कर रही है इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि क्या साधना सिंह ने सड़क पर उतरकर कोई कार्य किया है या उन्होंने पार्टी के लिए कोई कार्य किया है या उन्होंने महिलाओं के कोई सम्मेलन किए हैं निश्चित रूप से इस प्रकार का कोई भी काम साधना सिंह के द्वारा नहीं किया गया है उन्होंने कहा कि महिला मोर्चा के कार्यक्रम में उपस्थित हो सकती हैं लेकिन रहना और सक्रिय होना इस में काफी अंतर है इस बात को समझने की जरूरत है


कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि साधना सिंह बीजेपी महिला मोर्चा के कार्यक्रम में उपस्थित हो जाएं और कुर्सी पर बैठ कर अपना फोटो खिंचवा ले इससे पार्टी के लिए किया गया कार्य प्रमाणित नहीं होता है और उन्होंने कभी पार्टी के लिए कोई ऐसा काम भी नहीं किया है उन्होंने कहा कि यदि साधना सिंह लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी के रूप में आ रही है तो आए उसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है वह केवल एक नेत्री के रूप में आए क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा गौर पहले राजधानी की महापौर बनी उसके बाद वह आज विधायक के रूप में कार्य कर रही है तो उसे लेकर कांग्रेस ने कभी कोई विरोध नहीं किया है क्योंकि वह सक्रिय राजनीति में कार्य कर रही थी इसलिए उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार भी है


कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यदि साधना सिंह चौहान को लोकसभा का टिकट दिया जाता है तो इससे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का भी मनोबल गिरेगा भारतीय जनता पार्टी जो भी निर्णय लेगी वह अपने स्वविवेक से लेगी जहां तक कांग्रेस का सवाल है तो कांग्रेस मेरिट के आधार पर ही निर्णय करेगी कि प्रदेश में कौन सा ऐसा उम्मीदवार है जो जीतने का प्रबल दावेदार है और हमारा फोकस केवल उसी प्रत्याशी पर होगा जो जीतने का दम रखता है


वहीं लोकसभा चुनाव में युवाओं को टिकट दिए जाने के सवाल पर कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी ने काफी युवाओं पर भरोसा जताया था और उन्हें टिकट दिया था जिसके परिणाम भी सबके सामने है और इसमें काफी संख्या में युवाओं ने जीत हासिल की है निश्चित रूप से पार्टी लोकसभा में भी युवाओं को मौका देगी क्योंकि कांग्रेस पार्टी ने पहले भी लोकसभा चुनाव में युवाओं को मौका दिया है और इस बार भी लोकसभा चुनाव में युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौका दिया जाएगा .
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