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एकता की मिशाल पेश करता है भोपाल का 'साथ-साथ रोजा इफ्तार', यहां धर्म-जाति का नहीं कोई बंधन - रमजान का महीना

60 लोगों ने मिलकर तीन साल पहले 'साथ-साथ रोजा इफ्तार' की शुरूआत की थी. आज इकबाल मैदान पर करीब 1500 लोग एक साथ रोजा इफ्तार करते हैं.

रोजा इफ्तार की तस्वीर
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Published : May 21, 2019, 8:03 AM IST

भोपाल। झीलों की नगरी भोपाल में अलग-अलग रंग दिखते हैं. उन्ही में से एक 'साथ-साथ रोजा इफ्तार' भी है. राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में रमजान के महीने में सामूहिक रोजा इफ्तार का आयोजन किया जाता है, जो एकता की मिसाल पेश करता है. यहां जाति, धर्म, अमीर, गरीब का कोई बंधन नहीं है.

भोपाल का 'साथ-साथ रोजा इफ्तार' है खास

इकबाल मैदान में फिलहाल रोजाना 15 सौ से 2 हजार लोग एक साथ बैठकर एक साथ रोजा इफ्तार करते हैं. इसे एक समूह आयोजित करता है. रोजा इफ्तार के दौरान खाने-पीने और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है. संचालक ग्रुप के मुमताज ने बताया कि यहां हर साल रमजान के महीने में रोजा इफ्तार का आयोजन होता है.

प्रतिदिन शाम को इकबाल मैदान में 1500-2000 लोग पहुंचते हैं. इस ग्रुप ने ये कार्यक्रम तीन साल पहले शुरू किया था. मुमताज ने बताया कि जो लोग घर से दूर रहते हैं, ट्रैफिक में फंस जाते हैं. जिनके यहां खाने की व्यवस्था नहीं होती. उनके लिये इकबाल मैदान में रोजा इफ्तार की व्यवस्था की जाती है.

भोपाल। झीलों की नगरी भोपाल में अलग-अलग रंग दिखते हैं. उन्ही में से एक 'साथ-साथ रोजा इफ्तार' भी है. राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में रमजान के महीने में सामूहिक रोजा इफ्तार का आयोजन किया जाता है, जो एकता की मिसाल पेश करता है. यहां जाति, धर्म, अमीर, गरीब का कोई बंधन नहीं है.

भोपाल का 'साथ-साथ रोजा इफ्तार' है खास

इकबाल मैदान में फिलहाल रोजाना 15 सौ से 2 हजार लोग एक साथ बैठकर एक साथ रोजा इफ्तार करते हैं. इसे एक समूह आयोजित करता है. रोजा इफ्तार के दौरान खाने-पीने और साफ सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है. संचालक ग्रुप के मुमताज ने बताया कि यहां हर साल रमजान के महीने में रोजा इफ्तार का आयोजन होता है.

प्रतिदिन शाम को इकबाल मैदान में 1500-2000 लोग पहुंचते हैं. इस ग्रुप ने ये कार्यक्रम तीन साल पहले शुरू किया था. मुमताज ने बताया कि जो लोग घर से दूर रहते हैं, ट्रैफिक में फंस जाते हैं. जिनके यहां खाने की व्यवस्था नहीं होती. उनके लिये इकबाल मैदान में रोजा इफ्तार की व्यवस्था की जाती है.

Intro:भोपाल- राजधानी भोपाल को झीलों की नगरी के अलावा यहां की तहजीब और एकता के लिए भी जाना जाता है और इसी एकता की मिसाल पेश करता है साथ-साथ रोजा इफ्तार,जिसे शहर के ही कुछ लोगों ने मिलकर शुरू किया था और जहां रमजान के महीने में हर शाम करीब 1500-2000 लोग एकसाथ बैठकर इफ्तार करते है।


Body:60 लोगों का यह समूह इफ्तार की पूरी तैयारी करता है जिसमें साफ-सफाई से लेकर खाने-पीने का पूरा ध्यान रखा जाता है। ग्रुप के मुमताज़ भाई ने इस बारे में बताया कि शहर के इक़बाल मैदान में पिछले 3 सालों से यह आयोजन किया जा रहा है। साथ-साथ रोज इफ्तार का यह कार्यक्रम उन लोगों के लिए है जो घर से दूर है या जो समय पर इफ्तार के लिए घर नही पहुँच सकते वह यहां पर आकर इफ्तार कर सकते है।
इस आयोजन की खास बात यह है कि यहां पर धर्म- जात का कोई भेदभाव नहीं है,हर कोई यहां आ सकता हैं।


Conclusion:इस आयोजन में पूरे 30 दिन हर शाम करीब 1500-2000 लोग आते है और यह भोपाल की गंगा-जमुनी तहजीब की बहुत अच्छी मिसाल पेश कर रहा हैं।
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