भोपाल। वरिष्ठ नेता रामकृष्ण कुसमरिया को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. कुसमरिया कांग्रेस में शामिल होने के बाद दमोह लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे थे, लेकिन कांग्रेस द्वारा जारी की गई सूची में उनका नाम कहीं भी नजर नहीं आया, जिसके बाद वह शिकायत करने के लिए कंप्यूटर बाबा के पास पहुंचे हैं.
देर रात कम्प्यूटर बाबा से उनके निजी निवास पर मिलने पहुंचे कुसमरिया ने खुद को टिकट नहीं मिलने की जानकारी दी. जिस पर कमप्यूटर बाबा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस विषय में चर्चा करने की बात कही है. दमोह से कुसमरिया का नाम सामने आ रहा था, लेकिन ऐन वक्त पर पार्टी ने प्रताप सिंह लोधी को प्रत्याशी बना दिया. कम्प्यूटर बाबा का कहना है कि रामकृष्ण कुसमरिया मध्यप्रदेश के वरिष्ठ नेताओं में आते हैं. वे जिस भी पार्टी में रहे, उस पार्टी के लिए उन्होंने पूरी निष्ठा के साथ काम किया है.
कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि रामकृष्ण कुसमरिया को पार्टी जो भी जिम्मेदारी देगी, उसे वे पूरी निष्ठा से निभाएंगे. टिकट नहीं मिलने पर कुसमरिया का कहना है कि इस बात से उन्हें कोई गिला-शिकवा नहीं है. पार्टी का निर्णय ठीक है. इसलिए दमोह लोकसभा सीट को निकालने में वह प्रताप सिंह का पूरा साथ देंगे. खुद को ठगा महसूस करने वाले सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैंने कभी टिकट नहीं मांगा.
इससे पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा टिकट नहीं दिए जाने पर उन्होंने दमोह और पथरिया विधानसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, हालांकि उन्हें दोनों सीटों पर हार मिली थी, जिसके बाद वह बीजेपी पर ये आरोप लगाते हुए कांग्रेस में शामिल हुए थे कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं का सम्मान नहीं होता.