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प्रज्ञा ठाकुर ने जो कहा वह यातना से पीड़ित स्वर, बीजेपी हेमंत करकरे की शहादत का सम्मान करती हैः प्रभात झा - साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने हेमंत करकरे पर जो बयान दिया था, वह यातना से पीड़ित स्वर था. बीजेपी हमेशा शहीदों का सम्मान करती है. उनके प्रणाम करती है.

प्रभात झा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीजेपी
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Published : Apr 20, 2019, 8:20 PM IST

भोपाल। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा मुबंई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे पर दिए बयान पर बीजेपी की मुश्किले बढ़ती जा रही है. बीजेपी को राष्ट्रवाद और शहीदों पर अपनी विचारधारा का जवाब देना पड़ रहा है. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने जो कुछ कहा वह उन्हें मिली यातनाओं से पीड़ित होकर कहा था. जिस पर उन्होंने खेद भी व्यक्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शहीदों का सम्मान करना जानती है.

प्रभात झा ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर जो कुछ घटा है वह इस समय वह वो सब व्यक्त कर रही हैं. जो कुछ भी उन्होंने कहा वह यातनाओं से पीड़ित स्वर था. वो भावनाओं में बह गई थी. लेकिन जैसे ही संभली तो उन्होंने खेद भी व्यक्त करते हुए कहा कि शहीदों के प्रति मेरे मन में सम्मान है. हम सब शहीदों के प्रति समर्पित है. उन्होंने कहा कि शहीदों के प्रति हमारी और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की नियत पर शंका नहीं की जा सकती है. प्रभात झा ने कहा कि यह मामला समाप्त हो चुका है, किसी शहीद का समर्पण और उस की शहादत को बीजेपी हमेशा सेल्यूट करती है. हेमंत करकरे शहीद हुए हम उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनको प्रणाम करते हैं.

प्रभात झा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर दी सफाई

प्रभात झा ने कहा कि बीजेपी सेना के नाम पर चुनाव नहीं लड़ती है. सैना देश के शोर्य और सरहद के लिए है, ना की राजनीति के लिए. उन्होंने कहा कि जो इच्छा शक्ति हमारी सरकार के निर्णयों ने दिखाई है. जिस पर हम कह सकते हैं कि मोदी जी ने निर्णय लिया और जैसे को तैसा जवाब दिया, घर में घुसकर मारना और अभिनंदन की वापसी हमारी कूटनीतिक सफलता है. प्रभात झा ने कहा कि एक तरफ राष्ट्रवाद है और एक तरफ आतंकवाद, एक तरफ वंदे मातरम है तो दूसरी तरफ भारत माता को डायन कहने वाले लोग हैं.

बीजेपी के नेता भले ही कुछ भी कहे, फिलहाल भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा हेमंत करकरे पर दिया गया बयान पार्टी के लिए मुश्किले खड़ी करता नजर आ रहा है. बीजेपी इस पूरे मामले में जहां डेमेज कंट्रोल में जुटी है, तो वही विपक्षी पार्टियां लगातार हमलावर है.

भोपाल। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा मुबंई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे पर दिए बयान पर बीजेपी की मुश्किले बढ़ती जा रही है. बीजेपी को राष्ट्रवाद और शहीदों पर अपनी विचारधारा का जवाब देना पड़ रहा है. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने जो कुछ कहा वह उन्हें मिली यातनाओं से पीड़ित होकर कहा था. जिस पर उन्होंने खेद भी व्यक्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी शहीदों का सम्मान करना जानती है.

प्रभात झा ने कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर जो कुछ घटा है वह इस समय वह वो सब व्यक्त कर रही हैं. जो कुछ भी उन्होंने कहा वह यातनाओं से पीड़ित स्वर था. वो भावनाओं में बह गई थी. लेकिन जैसे ही संभली तो उन्होंने खेद भी व्यक्त करते हुए कहा कि शहीदों के प्रति मेरे मन में सम्मान है. हम सब शहीदों के प्रति समर्पित है. उन्होंने कहा कि शहीदों के प्रति हमारी और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की नियत पर शंका नहीं की जा सकती है. प्रभात झा ने कहा कि यह मामला समाप्त हो चुका है, किसी शहीद का समर्पण और उस की शहादत को बीजेपी हमेशा सेल्यूट करती है. हेमंत करकरे शहीद हुए हम उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनको प्रणाम करते हैं.

प्रभात झा साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर दी सफाई

प्रभात झा ने कहा कि बीजेपी सेना के नाम पर चुनाव नहीं लड़ती है. सैना देश के शोर्य और सरहद के लिए है, ना की राजनीति के लिए. उन्होंने कहा कि जो इच्छा शक्ति हमारी सरकार के निर्णयों ने दिखाई है. जिस पर हम कह सकते हैं कि मोदी जी ने निर्णय लिया और जैसे को तैसा जवाब दिया, घर में घुसकर मारना और अभिनंदन की वापसी हमारी कूटनीतिक सफलता है. प्रभात झा ने कहा कि एक तरफ राष्ट्रवाद है और एक तरफ आतंकवाद, एक तरफ वंदे मातरम है तो दूसरी तरफ भारत माता को डायन कहने वाले लोग हैं.

बीजेपी के नेता भले ही कुछ भी कहे, फिलहाल भोपाल से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा हेमंत करकरे पर दिया गया बयान पार्टी के लिए मुश्किले खड़ी करता नजर आ रहा है. बीजेपी इस पूरे मामले में जहां डेमेज कंट्रोल में जुटी है, तो वही विपक्षी पार्टियां लगातार हमलावर है.

Intro:भोपाल। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिया बयान उन्होंने भले वापस ले लिया है।लेकिन भाजपा के लिए यह बयान परेशानी का सबब बन गया है।भाजपा को अब अपने राष्ट्रवाद और शहीदों को लेकर उनकी विचारधारा पर जवाब देना पड़ रहा है। इसी सिलसिले में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर जो कुछ घटा हो, इस समय वह व्यक्त करती हैं। उनका स्वर यातना से पीड़ित है। उन्होंने जो कुछ भी कहा, वह भावनाओं में बह गई और जैसे ही संभली, तो उन्होंने खेद व्यक्त किया। वहीं साध्वी के बयान के बाद राष्ट्रवाद और सेना के शौर्य पर वोट मांग रही भाजपा के चुनाव अभियान पर असर के सवाल पर प्रभात झा का कहना है कि हम सेना के नाम पर चुनाव नहीं लड़ते हैं। सेना शौर्य और सरहद के लिए है, ना की राजनीति के लिए है। लेकिन जो इच्छा शक्ति हमारी सरकार के निर्णय से दिखाई, तो हम यह जरूर कहेंगे कि मोदी जी ने निर्णय लिया और जैसे को तैसा जवाब दिया। घुसकर मारना और अभिनंदन की वापसी हमारी कूटनीतिक सफलता है और यह कहने में हमें कोई संकोच नहीं है।


Body:साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के हेमंत करकरे पर बयान पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा का कहना है कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर जो कुछ घटा, इस समय वह वो व्यक्त करती है। वह यातनाओं से पीड़ित स्वर है। उसमें उन्होंने जो कुछ भी बात कही है, वह भावनाओं में बह गई, जो मनुष्य की स्वाभाविक प्रवृत्ति है। लेकिन जैसे ही वह संभली तो उन्होंने खेद व्यक्त करते हुए कहा कि शहीदों के प्रति मेरे मन में सम्मान है। हम सब शहीदों के प्रति समर्पित है। हमारी और साध्वी प्रज्ञा ठाकुर की नियत पर शंका नहीं की जा सकती है। इसलिए मामला कल शाम को ही समाप्त हो गया है। किसी शहीद के समर्पण और उस की शहादत पर भाजपा हमेशा सेल्यूट करती है और हम करते रहेंगे। हेमंत करकरे शहीद हुए हम उनके चरणों में श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनको प्रणाम करते हैं।


Conclusion:वहीं प्रज्ञा ठाकुर के बयान के बाद राष्ट्रवाद और सेना के शौर्य के नाम पर वोट मांग रही बीजेपी के चुनाव अभियान पर असर पड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम सेना के नाम पर चुनाव नहीं लड़ते हैं। सेना का शौर्य सरहद के लिए है, राजनीति के लिए नहीं है। लेकिन जो इच्छा शक्ति है और सरकार का निर्णय है। तो यह तो हम कहेंगे कि मोदी जी ने निर्णय लिया और जैसे को तैसा जवाब दिया। घुसकर मारना और अभिनंदन की वापसी हमारी कूटनीतिक सफलता है। यह कहने में हमें और सरकार को कोई संकोच नहीं है। सेना का शौर्य और उसका गुणगान करना निश्चित तौर पर अनिवार्य है, लेकिन चुनावी मुद्दा नहीं है। राष्ट्रवाद एक चुनावी मुद्दा जरूर है, क्योंकि एक तरफ आतंकवाद है और दूसरी तरफ राष्ट्रवाद है। एक तरफ वंदे मातरम है तो दूसरी तरफ भारत माता को डायन कहने वाले लोग हैं। भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह कहने वाले लोग हैं। एक तरफ अफजल के जनाजे में जाने के लिए आतुर देखते हैं, तो वहीं अब्दुल कलाम जब मरते हैं, तो उनके जनाजे में जाने के लिए होड़ नहीं लगती है। हमें भारत में अब्दुल कलाम जैसे लोग चाहिए, इसलिए जहां जहां अफजल होगा।वहां वहां हम ऐसे राष्ट्रदोही अफजल के खिलाफ खड़े होंगे।
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