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वारिसों को बचाने के लिए दिग्गजों ने कांग्रेस को दांव पर लगा दिया?

लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस सदमे में है, राहुल गांधी के इस्तीफे की पेशकश के बाद कमलनाथ के इस्तीफे की चर्चा जोरों पर है, जबकि वारिसों को पार्टी से ऊपर रखने के लिए राहुल गांधी ने दिग्गज नेताओं को फटकार लगाई है, जिस पर कांग्रेसी सवाल सुनकर तिलमिला रहे हैं.

कमलनाथ व जीतू पटवारी
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Published : May 26, 2019, 4:41 PM IST

Updated : May 26, 2019, 6:53 PM IST

भोपाल। हार के बाद कांग्रेस में हाहाकार मची है, कोई इस्तीफा दे रहा है तो किसी से इस्तीफा मांगा जा रहा है. राहुल गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अपने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन कमेटी ने खारिज कर दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे की बात सामने आयी, जिसे कांग्रेस प्रवक्ता ने ट्वीट कर अफवाह बता दिया. हालांकि, कमलनाथ ने खुद स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री पद से नहीं, बल्कि प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश उन्होंने ही की थी क्योंकि उनके पास काम का दबाव अधिक रहता है.

इस्तीफे पर कमलनाथ का जवाब

एक बात की सबसे अधिक चर्चा है कि बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि कमलनाथ, पी चिदंबरम और गहलोत ने अपने वारिसों को पार्टी से ऊपर रखा. जिसके बारे में मीडिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी सवाल किया, लेकिन उन्होंने सिरे से ये कहते हुए खारिज कर दिया कि राहुल गांधी ऐसा नहीं कह सकते और जल्द ही कांग्रेस पार्टी का बयान इस मुद्दे पर आ जायेगा.

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी मीडिया के इस सवाल पर तिलमिला गये कि कमलनाथ, चिदंबरम, गहलोत ने अपने वारिसों को पार्टी से ऊपर रखा, उन्होंने पूछा कि राहुल गांधी ने आपसे कहा था क्या?

इस्तीफा राहुल दें, या कमलनाथ, या कांग्रेस पूरी समिति भंग कर नये सिरे से गठित करे, लेकिन हार की समीक्षा जरूरी है, भले ही कांग्रेसी मीडिया को आंख दिखाकर निकल जायें, पर जनता की अदालत में क्या जवाब देंगे, यदि कांग्रेस को राजनीति का विकल्प बनना है तो अभी से जनता के बीच पैठ बनानी होगी और उनके मुद्दे को सड़क से संसद तक पहुंचाना होगा. नहीं तो उनका सियासी सूरज अस्त होने में समय नहीं लगेगा. इस पर कांग्रेस को गहन चिंतन-मंथन की जरूरत है.

भोपाल। हार के बाद कांग्रेस में हाहाकार मची है, कोई इस्तीफा दे रहा है तो किसी से इस्तीफा मांगा जा रहा है. राहुल गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में अपने इस्तीफे की पेशकश की, लेकिन कमेटी ने खारिज कर दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ के इस्तीफे की बात सामने आयी, जिसे कांग्रेस प्रवक्ता ने ट्वीट कर अफवाह बता दिया. हालांकि, कमलनाथ ने खुद स्वीकार किया कि मुख्यमंत्री पद से नहीं, बल्कि प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश उन्होंने ही की थी क्योंकि उनके पास काम का दबाव अधिक रहता है.

इस्तीफे पर कमलनाथ का जवाब

एक बात की सबसे अधिक चर्चा है कि बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि कमलनाथ, पी चिदंबरम और गहलोत ने अपने वारिसों को पार्टी से ऊपर रखा. जिसके बारे में मीडिया ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी सवाल किया, लेकिन उन्होंने सिरे से ये कहते हुए खारिज कर दिया कि राहुल गांधी ऐसा नहीं कह सकते और जल्द ही कांग्रेस पार्टी का बयान इस मुद्दे पर आ जायेगा.

प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी मीडिया के इस सवाल पर तिलमिला गये कि कमलनाथ, चिदंबरम, गहलोत ने अपने वारिसों को पार्टी से ऊपर रखा, उन्होंने पूछा कि राहुल गांधी ने आपसे कहा था क्या?

इस्तीफा राहुल दें, या कमलनाथ, या कांग्रेस पूरी समिति भंग कर नये सिरे से गठित करे, लेकिन हार की समीक्षा जरूरी है, भले ही कांग्रेसी मीडिया को आंख दिखाकर निकल जायें, पर जनता की अदालत में क्या जवाब देंगे, यदि कांग्रेस को राजनीति का विकल्प बनना है तो अभी से जनता के बीच पैठ बनानी होगी और उनके मुद्दे को सड़क से संसद तक पहुंचाना होगा. नहीं तो उनका सियासी सूरज अस्त होने में समय नहीं लगेगा. इस पर कांग्रेस को गहन चिंतन-मंथन की जरूरत है.

Intro:कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा पुत्र मोह को लेकर दिए बयान पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहां है कि इसको लेकर जल्द ही पार्टी द्वारा बयान जारी किया जाएगा कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी ने इस तरह का बयान ही नहीं दिया। प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़े जाने को लेकर उन्होंने कहा कि बावरिया ने जो बयान दिया है वह मैंने विधानसभा चुनाव के बाद ही कहा था कि उनके ऊपर काम का दबाव बहुत ज्यादा है।


Body:दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा था कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने पुत्रों को टिकट दिया जबकि वह इसके फेवर में नहीं थे नेताओं ने पार्टी से ज्यादा अपने हितों को प्राथमिकता में रखा। इसको लेकर जब मुख्यमंत्री कमलनाथ से सवाल किया गया दोनों ने कहा कि जल्द ही इसको लेकर पार्टी द्वारा बयान जारी किया जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि राहुल गांधी ने इस तरह का बयान ही नहीं दिया। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ की पहली जब यही सवाल कमलनाथ सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी से किया गया तो वह उखड़ पड़े उन्होंने उल्टा मीडिया कर्मियों से ही पूछ लिया कि क्या राहुल गांधी ने इस तरह का बयान आपको ही दिया है।


Conclusion:
Last Updated : May 26, 2019, 6:53 PM IST
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