भोपाल। बीजेपी लगातार मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर जाने या गिराये जाने के बयान देती रही है, लेकिन अचानक से बीजेपी नेताओं के इस तरह के बयान कम हो गए हैं, जबकि बचाव मुद्रा में नजर आ रही कांग्रेस अब बीजेपी पर हमला बोलती नजर आ रही है. कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी पहले एनडीए को बिखरने से बचाए जाने पर ध्यान दे क्योंकि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद ही एनडीए टूट की कगार पर खड़ा है.
बीजेपी प्रदेश की कमलनाथ सरकार को लगातार अल्पमत में बता रही है. लोकसभा चुनाव में तो बीजेपी नेताओं ने ये कहकर वोट मांगे कि आप एक वोट बीजेपी को दीजिए. जिससे मोदी तो प्रधानमंत्री बनेंगे ही, जबकि मध्यप्रदेश में फिर से बीजेपी की सरकार बन जाएगी. आलम ये था कि लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल आने के साथ ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राज्यपाल से विशेष सत्र बुलाने की मांग कर कमलनाथ सरकार से बहुमत साबित करने के लिए कह दिया था.
इस पूरे प्रकरण में अब अचानक से बीजेपी के सुर बदले नजर आ रहे हैं क्योंकि अब बीजेपी के नेता कमलनाथ सरकार के कमजोर होने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन सरकार गिराने का दावा नहीं कर रहे हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से भी जब ये सवाल किया गया कि कमलनाथ सरकार कब गिराई जा रही है तो उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस सरकार नहीं गिराएंगे, वह तो खुद-ब-खुद ही गिर जाएगी. सागर में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भी कहा कि कांग्रेस की सरकार रेंग-रेंग कर चल रही है, कभी भी गिर सकती है. यानि अब बीजेपी के नेता खुलकर कमलनाथ सरकार को गिराने की बात करने से बचते नजर आ रहे हैं.
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि बीजेपी समझ चुकी है कि किसी भी स्थिति में मध्यप्रदेश की सरकार को अस्थिर नहीं किया जा सकता है. जिस तरह जनता का मुख्यमंत्री कमलनाथ के कामों के प्रति रुझान बढ़ता जा रहा है. उससे जनता की सोच कांग्रेस के प्रति सकारात्मक हुई है. जिससे बीजेपी में घबराहट की स्थिति पैदा हुई है. बीजेपी को पता है कि उनके एक गलत कदम का खामियाजा उनको ही भुगतना पड़ेगा, लेकिन कांग्रेस की सरकार गिराने की बात करने वाले पहले अपने एनडीए को बिखरने से बचाएं.