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जीएस डामोर के इस्तीफे से बढ़ी कांग्रेस की उम्मीद, अभी से कर दिया जीत का दावा - भोपाल

सांसद जीएस डामोर के इस्तीफे को कांग्रेस एक बढ़े मौके के तौर पर देख रही है. पार्टी प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है डामोर के इस्तीफे से झाबुआ विधानसभा सीट खाली होगी. जिससे यहां उपचुनाव होगा और कांग्रेस इसमें जीत दर्ज करेंगी.

कांग्रेस कमेटी भोपाल
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Published : Jun 4, 2019, 5:52 PM IST

भोपाल। रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को हराकर सांसद बने बीजेपी विधायक जीएस डामोर ने विधायक पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है. यानि झाबुआ विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव होगा. डामोर के इस फैसले से उत्साहित कांग्रेसी अभी से जीत का दावा कर रहे है.

जीएस डामोर के इस्तीफे से बढ़ी कांग्रेस की उम्मीद

जीएस डामोर के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद विधानसभा में बीजेपी के विधायकों की संख्या 109 से घटकर 108 हो जाएगी. डामोर के इस्तीफे को कांग्रेस एक बड़ा सियासी मौका मान रही है. क्योंकि डामोर के इस्तीफे से अब झाबुआ सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना तय है. जिससे कांग्रेस को उम्मीद जगी है कि अगर वह यह उपचुनाव जीतने में कामयाब हुई तो उसके विधायकों की संख्या 114 से बढ़कर 115 हो सकती है. जिससे विधानसभा में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी.

कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है जीएस डामोर को विधायक और सांसद में किसी पद को छोड़ना ही था. उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि उनके इस फैसले से कांग्रेस को ही फायदा होगा. दुर्गेश शर्मा ने अभी से कांग्रेस के विधानसभा उपचुनाव जीतने का दावा कर दिया है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा जनता के प्रति काम किए जा रहे हैं, जनता तक हमें अपनी बात पहुंचाने का भरपूर समय मिलेगा और निश्चित ही जो उप चुनाव होगा, उसमें हम जीत का परचम लहराएंगे.

विधानसभा उपचुनाव में किसे मौका देगी कांग्रेस
इस पूरे सियासी घटनाक्रम की खास बात यह है कि जीएस डामोर ने लोकसभा चुनाव में कांतिलाल भूरिया को हराया है. जबकि विधानसभा में उनके बेटे विक्रांत भूरिया को हराया था. हालांकि इस हार की वजह कांग्रेस के बागी प्रत्याशी जेवियर मेडा माने जाते हैं, जो टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे. हालांकि लोकसभा चुनाव के पहले उनकी कांग्रेस में घर वापसी हो गई है. जबकि अभी-अभी लोकसभा चुनाव में हार झेल चुके कांतिलाल भूरिया अचानक से फिर से सक्रिय हो गए हैं. माना जा रहा है कि वो विधानसभा उपचुनाव के लिए अपनी दावेदारी कर सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस इस सीट पर किसे मौका देती है यह भी देखने वाली बात होगी. क्योंकि डामोर के इस्तीफे के कांग्रेस मौके की तरह देख रही है. पार्टी को लग रहा है कि अगर वह यहां जीत दर्ज करने में कामयाब हुई तो विधानसभा में उसे मजबूती मिलेगी.

भोपाल। रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को हराकर सांसद बने बीजेपी विधायक जीएस डामोर ने विधायक पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है. यानि झाबुआ विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव होगा. डामोर के इस फैसले से उत्साहित कांग्रेसी अभी से जीत का दावा कर रहे है.

जीएस डामोर के इस्तीफे से बढ़ी कांग्रेस की उम्मीद

जीएस डामोर के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद विधानसभा में बीजेपी के विधायकों की संख्या 109 से घटकर 108 हो जाएगी. डामोर के इस्तीफे को कांग्रेस एक बड़ा सियासी मौका मान रही है. क्योंकि डामोर के इस्तीफे से अब झाबुआ सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना तय है. जिससे कांग्रेस को उम्मीद जगी है कि अगर वह यह उपचुनाव जीतने में कामयाब हुई तो उसके विधायकों की संख्या 114 से बढ़कर 115 हो सकती है. जिससे विधानसभा में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी.

कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है जीएस डामोर को विधायक और सांसद में किसी पद को छोड़ना ही था. उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि उनके इस फैसले से कांग्रेस को ही फायदा होगा. दुर्गेश शर्मा ने अभी से कांग्रेस के विधानसभा उपचुनाव जीतने का दावा कर दिया है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा जनता के प्रति काम किए जा रहे हैं, जनता तक हमें अपनी बात पहुंचाने का भरपूर समय मिलेगा और निश्चित ही जो उप चुनाव होगा, उसमें हम जीत का परचम लहराएंगे.

विधानसभा उपचुनाव में किसे मौका देगी कांग्रेस
इस पूरे सियासी घटनाक्रम की खास बात यह है कि जीएस डामोर ने लोकसभा चुनाव में कांतिलाल भूरिया को हराया है. जबकि विधानसभा में उनके बेटे विक्रांत भूरिया को हराया था. हालांकि इस हार की वजह कांग्रेस के बागी प्रत्याशी जेवियर मेडा माने जाते हैं, जो टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे. हालांकि लोकसभा चुनाव के पहले उनकी कांग्रेस में घर वापसी हो गई है. जबकि अभी-अभी लोकसभा चुनाव में हार झेल चुके कांतिलाल भूरिया अचानक से फिर से सक्रिय हो गए हैं. माना जा रहा है कि वो विधानसभा उपचुनाव के लिए अपनी दावेदारी कर सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस इस सीट पर किसे मौका देती है यह भी देखने वाली बात होगी. क्योंकि डामोर के इस्तीफे के कांग्रेस मौके की तरह देख रही है. पार्टी को लग रहा है कि अगर वह यहां जीत दर्ज करने में कामयाब हुई तो विधानसभा में उसे मजबूती मिलेगी.

Intro:भोपाल। रतलाम झाबुआ सीट से कांग्रेस के दिग्गज कांतिलाल भूरिया को हराकर सांसद बने जी एस डामोर मप्र विधानसभा से इस्तीफा देंगे। मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने इस बात की पुष्टि कर दी है। जी एस डामोर विधानसभा चुनाव कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया से विधानसभा चुनाव जीते थे। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और तत्कालीन सांसद कांतिलाल भूरिया के खिलाफ बीजेपी ने अपने विधायक जी एस डामोर को चुनाव मैदान में उतारा था। विधानसभा चुनाव में बेटे को शिकस्त देने के बाद जी एस डामोर ने लोकसभा चुनाव में पिता को शिकस्त दी और कांतिलाल भूरिया को करीब 90 हजार वोटों से हराया। विधायक होते हुए सांसद चुने जाने के बाद बीजेपी असमंजस में थी, कि जी एस डामोर को विधायक पद से इस्तीफा दिलाया जाए या फिर सांसद पद से इस्तीफा दिलाया जाए। क्योंकि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार निर्दलीय और सहयोगी दलों के भरोसे चल रही है. ऐसे में दबाव बनाने के लिए बीजेपी लगातार कांग्रेस की सरकार गिराने की बात करती है। लेकिन इस फैसले से मध्यप्रदेश विधानसभा में बीजेपी के सदस्यों की संख्या 109 से 108 हो जाएगी और उपचुनाव में सत्ताधारी दल कांग्रेस की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा। बीजेपी के इस फैसले से कांग्रेस की एक सीट बढ़ने की उम्मीद जग गई है और कांग्रेस अगर चुनाव जीतती है, तो लगातार सरकार गिराने की धमकी दे रही बीजेपी का संख्या बल जहां 108 हो जाएगा। वहीं कांग्रेस 115 सीटे हो जाएंगी और कमलनाथ सरकार को मजबूती मिलेगी।


Body:जहां तक मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की बात करें तो मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को जी एस डामोर ने करीब 10 हजार मतों से हराया था। हालांकि इस हार की वजह कांग्रेस के बागी प्रत्याशी जेवियर मेडा माने जाते हैं, जो टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे।हालांकि लोकसभा चुनाव के पहले उनकी कांग्रेस में घर वापसी हो गई थी। लेकिन उनकी वापसी का लाभ लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को नहीं मिला और कांग्रेसी दिग्गज कांतिलाल भूरिया लोकसभा चुनाव में जी एस डामोर से करीब 90 हजार मतों से हार गए। अब ऐसा माना जा रहा है कि विधानसभा में अपने आप को मजबूती प्रदान करने के लिए झाबुआ सीट पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारी में कांग्रेस अभी से जुट गई है। वैसे भी मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार है और सरकार को मजबूती प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ पूरी ताकत झोंक देंगे।ऐसे में इस चुनाव में कांग्रेस की जीत के आसार नजर आते हैं। माना जा रहा है की दामोर को विधायक पद से इस्तीफा दिला कर बीजेपी ने खुद कमलनाथ सरकार को मजबूत होने का एक शानदार मौका दिया है।


Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि यदि कोई विधायक और सांसद दोनों पद पर है।तो उन्हें एक पद छोड़ना ही पड़ेगा। यह ठीक है कि उन्होंने विधानसभा का पद छोड़ने की बात की है, तो हमारा एक विधायक बढ़ेगा और अगर वह लोकसभा का पद छोड़ते हैं, तो हमारा एक सांसद बढ़ेगा। यह हमारा भरोसा है। जो मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा जनता के प्रति काम किए जा रहे हैं, जनता तक हमें अपनी बात पहुंचाने का भरपूर समय मिलेगा और निश्चित ही जो उप चुनाव होगा, उसमें हम जीत का परचम लहराएंगे।
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