भोपाल। रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट से कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को हराकर सांसद बने बीजेपी विधायक जीएस डामोर ने विधायक पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है. यानि झाबुआ विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव होगा. डामोर के इस फैसले से उत्साहित कांग्रेसी अभी से जीत का दावा कर रहे है.
जीएस डामोर के विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद विधानसभा में बीजेपी के विधायकों की संख्या 109 से घटकर 108 हो जाएगी. डामोर के इस्तीफे को कांग्रेस एक बड़ा सियासी मौका मान रही है. क्योंकि डामोर के इस्तीफे से अब झाबुआ सीट पर विधानसभा उपचुनाव होना तय है. जिससे कांग्रेस को उम्मीद जगी है कि अगर वह यह उपचुनाव जीतने में कामयाब हुई तो उसके विधायकों की संख्या 114 से बढ़कर 115 हो सकती है. जिससे विधानसभा में कांग्रेस को मजबूती मिलेगी.
कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है जीएस डामोर को विधायक और सांसद में किसी पद को छोड़ना ही था. उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दिया है. उन्होंने कहा कि उनके इस फैसले से कांग्रेस को ही फायदा होगा. दुर्गेश शर्मा ने अभी से कांग्रेस के विधानसभा उपचुनाव जीतने का दावा कर दिया है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा जनता के प्रति काम किए जा रहे हैं, जनता तक हमें अपनी बात पहुंचाने का भरपूर समय मिलेगा और निश्चित ही जो उप चुनाव होगा, उसमें हम जीत का परचम लहराएंगे.
विधानसभा उपचुनाव में किसे मौका देगी कांग्रेस
इस पूरे सियासी घटनाक्रम की खास बात यह है कि जीएस डामोर ने लोकसभा चुनाव में कांतिलाल भूरिया को हराया है. जबकि विधानसभा में उनके बेटे विक्रांत भूरिया को हराया था. हालांकि इस हार की वजह कांग्रेस के बागी प्रत्याशी जेवियर मेडा माने जाते हैं, जो टिकट न मिलने से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ गए थे. हालांकि लोकसभा चुनाव के पहले उनकी कांग्रेस में घर वापसी हो गई है. जबकि अभी-अभी लोकसभा चुनाव में हार झेल चुके कांतिलाल भूरिया अचानक से फिर से सक्रिय हो गए हैं. माना जा रहा है कि वो विधानसभा उपचुनाव के लिए अपनी दावेदारी कर सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस इस सीट पर किसे मौका देती है यह भी देखने वाली बात होगी. क्योंकि डामोर के इस्तीफे के कांग्रेस मौके की तरह देख रही है. पार्टी को लग रहा है कि अगर वह यहां जीत दर्ज करने में कामयाब हुई तो विधानसभा में उसे मजबूती मिलेगी.