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बंधुआ मजदूर: एमपी के 13 मजदूरों को महाराष्ट्र में बनाया बंधक, 15 दिन बाद पुलिस ने छुड़ाया

महाराष्ट्र में बंधक बनाए गए मध्य प्रदेश के मजदूरों को 21 दिसंबर को अकलुज पुलिस के माध्यम से छुड़वाया. वफेगांव में गन्ना किसानों ने आर्थिक कारणों से इन मजदूरों के गांव जाने पर रोक लगा दी थी. पुलिस ने कहा कि, अकलुज पुलिस ने मध्य प्रदेश प्रशासन की एक टीम के साथ मध्यस्थता की और मजदूरों को छुड़ाया. (Madhya Pradesh Workers Hostage in Maharashtra)

Police rescued bonded laborers
बंधुआ मजदूरों को पुलिस ने छुड़ाया
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Published : Dec 26, 2021, 7:39 PM IST

Updated : Dec 26, 2021, 7:45 PM IST

पंढरपुर/भोपाल। महाराष्ट्र पुलिस ने बुरहानपुर के 13 बंधुआ मजदूरों को छुड़वाया है. यह मजदूर मालशिरस तहसिल के वाफेगांव में मजदूरी कर रहे थे. मजदूरों को 21 दिसंबर को अकलुज पुलिस ने छुड़वाया था. वफेगांव में गन्ना किसानों ने आर्थिक कारणों से इन मजदूरों के गांव जाने पर रोक लगा दी थी. पुलिस ने कहा कि, अकलुज पुलिस ने मध्य प्रदेश प्रशासन की एक टीम के साथ मध्यस्थता की और किसानों को रिहा कर दिया. (Madhya Pradesh Workers Hostage in Maharashtra)

पैसों के लेन-देन के कारण किसानों ने बनाया था बंधुआ

दरअसल बुरहानपुर से कुछ मजदूर 15 दिन पहले गन्ने की कटाई के लिए मालशीरस तहसील के वफेगांव आए थे. इस दौरान गांव के गन्ना किसानों ने मजदूरों को पैसों की मदद की थी. इसलिए यह मजदूर इतनी दूर गन्ने की कटाई के लिए आए थे. हालांकि इनमें से कुछ मजदूर काम किए बिना गांव से चले गए. उसी तरह यह 15 मजदूर भी गांव छोड़कर जा रहे थे. किसानों ने बताया कि काम नहीं हुआ था इसलिए इन मजदूरों को गांव से नहीं जाने दिया.

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महाराष्ट्र पुलिस की मदद से मजदूरों को छुड़ाया

बंधक बनाए गए मजदूरों ने अपनी परेशानी गांव से जा चुके मजदूरों को फोन पर बताई. इसके बाद साथी मजदूरों ने इसकी शिकायत स्थानिय प्रशासन से की. शिकायत मिलने पर स्थानिय अदालत ने पुलिस को टीम गठीत कर मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया था. सहायक निरीक्षक जाधव ने बताया कि टीम ने अकलुज पुलिस की मदद से वफेगांव से 13 मजदूरों को छुड़ाया.

भोपाल में बड़ा हादसा: सीवेज में सफाई करते वक्त गड्ढे में गिरे मजदूर, इंजीनियर सहित 2 की मौत

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पैसों के लेन-देन के कारण किसानों ने बनाया था बंधुआ

दरअसल बुरहानपुर से कुछ मजदूर 15 दिन पहले गन्ने की कटाई के लिए मालशीरस तहसील के वफेगांव आए थे. इस दौरान गांव के गन्ना किसानों ने मजदूरों को पैसों की मदद की थी. इसलिए यह मजदूर इतनी दूर गन्ने की कटाई के लिए आए थे. हालांकि इनमें से कुछ मजदूर काम किए बिना गांव से चले गए. उसी तरह यह 15 मजदूर भी गांव छोड़कर जा रहे थे. किसानों ने बताया कि काम नहीं हुआ था इसलिए इन मजदूरों को गांव से नहीं जाने दिया.

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महाराष्ट्र पुलिस की मदद से मजदूरों को छुड़ाया

बंधक बनाए गए मजदूरों ने अपनी परेशानी गांव से जा चुके मजदूरों को फोन पर बताई. इसके बाद साथी मजदूरों ने इसकी शिकायत स्थानिय प्रशासन से की. शिकायत मिलने पर स्थानिय अदालत ने पुलिस को टीम गठीत कर मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया था. सहायक निरीक्षक जाधव ने बताया कि टीम ने अकलुज पुलिस की मदद से वफेगांव से 13 मजदूरों को छुड़ाया.

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Last Updated : Dec 26, 2021, 7:45 PM IST
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