पंढरपुर/भोपाल। महाराष्ट्र पुलिस ने बुरहानपुर के 13 बंधुआ मजदूरों को छुड़वाया है. यह मजदूर मालशिरस तहसिल के वाफेगांव में मजदूरी कर रहे थे. मजदूरों को 21 दिसंबर को अकलुज पुलिस ने छुड़वाया था. वफेगांव में गन्ना किसानों ने आर्थिक कारणों से इन मजदूरों के गांव जाने पर रोक लगा दी थी. पुलिस ने कहा कि, अकलुज पुलिस ने मध्य प्रदेश प्रशासन की एक टीम के साथ मध्यस्थता की और किसानों को रिहा कर दिया. (Madhya Pradesh Workers Hostage in Maharashtra)
पैसों के लेन-देन के कारण किसानों ने बनाया था बंधुआ
दरअसल बुरहानपुर से कुछ मजदूर 15 दिन पहले गन्ने की कटाई के लिए मालशीरस तहसील के वफेगांव आए थे. इस दौरान गांव के गन्ना किसानों ने मजदूरों को पैसों की मदद की थी. इसलिए यह मजदूर इतनी दूर गन्ने की कटाई के लिए आए थे. हालांकि इनमें से कुछ मजदूर काम किए बिना गांव से चले गए. उसी तरह यह 15 मजदूर भी गांव छोड़कर जा रहे थे. किसानों ने बताया कि काम नहीं हुआ था इसलिए इन मजदूरों को गांव से नहीं जाने दिया.
महाराष्ट्र पुलिस की मदद से मजदूरों को छुड़ाया
बंधक बनाए गए मजदूरों ने अपनी परेशानी गांव से जा चुके मजदूरों को फोन पर बताई. इसके बाद साथी मजदूरों ने इसकी शिकायत स्थानिय प्रशासन से की. शिकायत मिलने पर स्थानिय अदालत ने पुलिस को टीम गठीत कर मामले में कार्रवाई करने का आदेश दिया था. सहायक निरीक्षक जाधव ने बताया कि टीम ने अकलुज पुलिस की मदद से वफेगांव से 13 मजदूरों को छुड़ाया.
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