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कड़कड़ाती ठंड में आदिवासियों का धरना जारी, खारक डैम प्रभावितों के समर्थन में प्रदर्शन

खरगोन-बड़वानी के खारक डैम के डूब प्रभावितों की मांगों के समर्थन में बुरहानपुर जिले के नेपानगर में भी आदिवासियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है.

Tribals continue to protest in the bitter cold in nepanager burhanpur
कड़कड़ाती ठंड में आदिवासियों का धरना जारी
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Published : Dec 22, 2019, 10:53 AM IST

Updated : Dec 22, 2019, 12:15 PM IST

बुरहानपुर। प्रदेश में पारा लगातार गिर रहा है, ठंड ऐसी की हड्डियां भी गल जाएं. लेकिन ऐसी ठंड के बीच भी नेपानगर में बीते 19 दिसंबर से बड़ी संख्या में आदिवासी थाने का घेराव कर धरने पर बैठे हुए हैं. जहां वे खारक डैम डूब प्रभावितों के समर्थन में जेल भरो आंदोलन की बात पर अड़ गए हैं और अपने साथ लाए पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बजा कर गीत संगीत के साथ अपना विरोध जता रहे हैं.

कड़कड़ाती ठंड में आदिवासियों का धरना जारी

वाद्य यंत्रों के जरिए विरोध
आदिवासी अपने साथ दो बड़े ढोल लेकर प्रदर्शन में पहुंचे हैं और ढोल बजाकर पारंपरिक आदिवासी भाषा मे गीत गाते हैं, मदल के ढोल की थाप पर नृत्य कर प्रशासन और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं, इन आदिवासियों का कहना है कि जबतक उनकी मांगे सरकार पूरी नही करेंगी तब तक आंदोलन पर रहेंगे.

तीन दिन से बैठे हैं खुले आसमान के नीचे
खरगोन और बड़वानी में बन रहे खारक डैम के डूब प्रभावितों की मांगों के समर्थन में नेपानगर के आदिवासी तीन दिन से नेपानगर थाने के सामने धरने पर बैठे हैं. वे थाने के सामने ही खाना बनाते और खाते हैं. विरोध करने वालों के साथ छोटे बच्चे भी हैं जिन्हें लेकर रात में इस खुले आसमान के नीचे सो जाते हैं.

जनप्रतिनिधि नहीं ले रहे सुध
आदिवासियों ने अपनी मांगों को लेकर नेपानगर थाने का घेराव कर रखा है, बावजूद इसके नेपानगर क्षेत्र से आदिवासी विधायक सुमित्रा देवी एक बार भी हाल जानने अब तक नहीं पहुंची, इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधायक महोदय आदिवासियों की मांगों को लेकर कितनी सजग है.

बुरहानपुर। प्रदेश में पारा लगातार गिर रहा है, ठंड ऐसी की हड्डियां भी गल जाएं. लेकिन ऐसी ठंड के बीच भी नेपानगर में बीते 19 दिसंबर से बड़ी संख्या में आदिवासी थाने का घेराव कर धरने पर बैठे हुए हैं. जहां वे खारक डैम डूब प्रभावितों के समर्थन में जेल भरो आंदोलन की बात पर अड़ गए हैं और अपने साथ लाए पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बजा कर गीत संगीत के साथ अपना विरोध जता रहे हैं.

कड़कड़ाती ठंड में आदिवासियों का धरना जारी

वाद्य यंत्रों के जरिए विरोध
आदिवासी अपने साथ दो बड़े ढोल लेकर प्रदर्शन में पहुंचे हैं और ढोल बजाकर पारंपरिक आदिवासी भाषा मे गीत गाते हैं, मदल के ढोल की थाप पर नृत्य कर प्रशासन और सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश में जुटे हैं, इन आदिवासियों का कहना है कि जबतक उनकी मांगे सरकार पूरी नही करेंगी तब तक आंदोलन पर रहेंगे.

तीन दिन से बैठे हैं खुले आसमान के नीचे
खरगोन और बड़वानी में बन रहे खारक डैम के डूब प्रभावितों की मांगों के समर्थन में नेपानगर के आदिवासी तीन दिन से नेपानगर थाने के सामने धरने पर बैठे हैं. वे थाने के सामने ही खाना बनाते और खाते हैं. विरोध करने वालों के साथ छोटे बच्चे भी हैं जिन्हें लेकर रात में इस खुले आसमान के नीचे सो जाते हैं.

जनप्रतिनिधि नहीं ले रहे सुध
आदिवासियों ने अपनी मांगों को लेकर नेपानगर थाने का घेराव कर रखा है, बावजूद इसके नेपानगर क्षेत्र से आदिवासी विधायक सुमित्रा देवी एक बार भी हाल जानने अब तक नहीं पहुंची, इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधायक महोदय आदिवासियों की मांगों को लेकर कितनी सजग है.

Intro:बुरहानपुर। जिलें के नेपानगर में बीते 19 दिसंबर से बड़ी संख्या में आदिवासी नेपा थाना का घेराव कर बैठे हैं, जहां वे खारक डेम डूब प्रभावितों के समर्थन में जेल भरो आंदोलन की बात पर अड़ गए है, आदिवासी अपने साथ दो बड़े ढोल लेकर प्रदर्शन में पहुंचे है, अब ढोल बजाकर पारंपरिक आदिवासी भाषा मे गीत गाकर, मदल के ढोल की थाप पर नाच गाकर प्रशासन और सरकार तक अपनी आवाज पहुचाने की कोशिश में जुटे हैं, इन आदिवासी का कहना है कि उनकी मांगे सरकार पूरी नही करेंगीं तब तक आंदोलन पर रहेंगे।
Body:बता दें कि खरगोन-बड़वानी के खारक डेम के डूब प्रभावितों के मांगों के समर्थन में बुरहानपुर जिले के नेपानगर में भी आदिवासियों द्वारा जेल भरो आंदोलन की मुहिम छिड़ी हुई है, यह दिन रात एक जैसा प्रदर्शन कर रहे हैं। धरने के तीसरे दिन रात में कड़कड़ाती ठंड में भी खुले आसमान में आदिवासियों का यह आंदोलन जारी है, ज्ञात हो कि इस दरमियान आदिवासी लगातार तीन दिनों से थाने के सामने अपनी मांगों को लेकर बैठे हैं, यह थाने के सामने ही भोजन बनाकर वही बैठाकर खा रहे है और खुले आसमान के नीचे कडकती ठंड में अपने साथ लाये छोटे-छोटे बच्चों को लेकर वही सो रहे हैं। Conclusion:हैरत की बात तो यह है कि आदिवासियों ने अपनी मांगों को लेकर नेपानगर थाना का घेराव कर रखा है, बावजूद इसके नेपानगर विधानसभा क्षेत्र से आदिवासी विधायक सुमित्रा देवी कास्डेकर इन आदिवासियों का हाल जानने अब तक नहीं पहुंची, इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विधायक महोदया आदिवासियों की मांगों को लेकर कितनी सजग है।
Last Updated : Dec 22, 2019, 12:15 PM IST
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