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बुरहानपुर: फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले का हुआ खुलासा, शिकायतकर्ता ही निकला आरोपी - भ्रष्टाचार

बुरहानपुर के बहुचर्चित फर्जी शिक्षक घोटाले में अब नया मोड़ आ गया है. मजेदार पहलू ये है कि इस मामले की शिकायत खुद आरोपी तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार ने की थी.

फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले का हुआ खुलासा
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Published : Mar 27, 2019, 2:55 PM IST

बुरहानपुर। बहुचर्चित फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला मामले का आज खुलासा हो गया है. मजेदार पहलू ये है कि इस मामले की शिकायत खुद आरोपी तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार ने की थी. पिछले 4 महीने से मामले की जांच की जा रही थी. पुलिस ने फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

बुरहानपुर के बहुचर्चित फर्जी शिक्षक घोटाले में अब नया मोड़ आ गया है. 150 शिक्षक फर्जी भर्ती मामले में संदेह के घेरे में थे, जिसमें करीब 67 शिक्षक पहले ही बर्खास्त किए जा चुके हैं. तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार द्वारा शिक्षकों की जांच कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था, जिसके बाद 3 शिक्षक गिरफ्तार हुए थे, लेकिन मास्टरमाइंड ज्योति कुमार खत्री जिला शिक्षा कार्यालय का मुख्य कलर्क था, वह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.

फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले का हुआ खुलासा

आरोपी अनिल पवार ने 28 दिसंबर 2018 को कोतवाली थाने में मामले की शिकायत दर्ज करवाई थी. इस घोटाले में जनपद के दो पूर्व सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है. दो दिन पहले से कोतवाली पुलिस तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार से पूछताछ कर रही थी. पूछताछ और जांच में अनियमितताएं पाए जाने के बाद 26 मार्च की देर रात तत्कालीन सीईओ को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया.

बुरहानपुर। बहुचर्चित फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला मामले का आज खुलासा हो गया है. मजेदार पहलू ये है कि इस मामले की शिकायत खुद आरोपी तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार ने की थी. पिछले 4 महीने से मामले की जांच की जा रही थी. पुलिस ने फिलहाल आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.

बुरहानपुर के बहुचर्चित फर्जी शिक्षक घोटाले में अब नया मोड़ आ गया है. 150 शिक्षक फर्जी भर्ती मामले में संदेह के घेरे में थे, जिसमें करीब 67 शिक्षक पहले ही बर्खास्त किए जा चुके हैं. तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार द्वारा शिक्षकों की जांच कर उनके खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था, जिसके बाद 3 शिक्षक गिरफ्तार हुए थे, लेकिन मास्टरमाइंड ज्योति कुमार खत्री जिला शिक्षा कार्यालय का मुख्य कलर्क था, वह अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.

फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले का हुआ खुलासा

आरोपी अनिल पवार ने 28 दिसंबर 2018 को कोतवाली थाने में मामले की शिकायत दर्ज करवाई थी. इस घोटाले में जनपद के दो पूर्व सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है. दो दिन पहले से कोतवाली पुलिस तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार से पूछताछ कर रही थी. पूछताछ और जांच में अनियमितताएं पाए जाने के बाद 26 मार्च की देर रात तत्कालीन सीईओ को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया.

Intro:बुरहानपुर के बहुचर्चित फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में तत्कालीन जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार को कोतवाली पुलिस ने किया गिरफ्तार, इस मामले में बीते 4 माह से पुलिस जांच कर रही थी मजेदार पहलू यह है कि इस मामले की शिकायत भी खुद आरोपित तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार ने 28 दिसंबर 2018 को कोतवाली थाना में की थी, इस घोटाले में जनपद के दो पूर्व सीईओ और जिला शिक्षा अधिकारी समेत अन्य अधिकारियों का नाम भी शामिल है, इनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हो सकती है।


Body:बुरहानपुर जिले का बहुचर्चित फर्जी शिक्षक घोटाला में अब नया मोड़ आ गया है, गौरतलब है कि पूर्व में 150 शिक्षक फर्जी भर्ती में संशयपथ थे, जिसमे करीब 67 शिक्षक पहले ही बर्खास्त किए जा चुके हैं और तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार द्वारा शिक्षकों की जांच कर उनके खिलाफ मामला भी दर्ज कराया गया था, जिसमें से 3 शिक्षक गिरफ्तार हुए थे लेकिन मास्टरमाइंड ज्योति कुमार खत्री जोकि जिला शिक्षा कार्यालय का मुख्य बाबू था अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है किंतु 2 दिन पूर्व से तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी अनिल पवार से कोतवाली पुलिस पूछताछ कर रही थी जिसमें अनियमितताएं पाए जाने पर 26 मार्च की देर रात द्वारा तत्कालीन सीईओ को गिरफ्तार कर लिया गया और धारा 420 तथा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया अब पुलिस रिमांड की मांग की जा रही है।


Conclusion:बाईट 01:- प्रदीप विश्वकर्मा, सीएसपी बुरहानपुर।
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