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तुलसी सिलावट के प्रभारी जिले में स्वास्थ्य का हाल बेहाल, टपकती छत के नीचे हो रहा मरीजों का इलाज

नेपानगर में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधा दिन-प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है.आलम ये है कि टपकती छत के नीचे डॉक्टर मरीजों का इलाक करने को मजबूर है.

टपकती छत के नीचे हो रहा मरीजों का इलाज
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Published : Sep 1, 2019, 2:07 PM IST

बुरहानपुर। नेपानगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे चल रही है. हालात यह है कि इस अस्पताल में ना तो पर्याप्त डॉक्टर है और ना ही तकनीकी संसाधन. यहां तक कि कई बार मरीजों को दूसरे शहर जाकर निजी अस्पतालों में महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. हैरानी की बात ये है इस जिले का प्रभार स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के कंधों पर है.

टपकती छत के नीचे हो रहा मरीजों का इलाज

नेपानगर में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधा दिन-प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है. नेपानगर की जनता के पास उपचार के लिए दो अस्पताल है. एक नेपा लिमिटेड द्वारा बनाया गया अस्पताल और दूसरा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र. लेकिन जनता को दोनों ही अस्पतालों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

नेपा लिमिटेड के अस्तपाल की बात करे तो यह पिछले दो सालों से कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई है. इसके अलावा शासकीय अस्पताल में कई साल पुरान है तो इसकी इमारत जर्जर हो चुकी है. आलम ये है कि यहां छतों से पानी टपकता है. टपकते हुए पानी में छत की उपर पन्नी लगाकर पानी की निकासी रोकी जा रही है तब जाकर उसमें ओपीडी चलाई जा रही है. यहां तक की अस्पताल का महिला प्रसव कक्ष भी बेहद जर्जर हो चुका, यहां पर भी छत में से पानी टपकता है और छत से छोटे-छोटे टूकडे टूटकर नीचे गिर रहे है. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन को किसी बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहा है.

इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से नेपानगर क्षेत्र के आसपास के करीब 80 गांव जुडे हुए है, लेकिन यहां पर आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है. इतना हीं नहीं दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए मरीज को उपचार के लिए प्राथमिक उपचार देकर इन्हें बुरहानपुर जिला चिकित्सालय रैफर करना पडता है. कई बार तो सही तरीके से उपचार न मिलने के कारण अपनी जान तक गंवानी पडती है.

बता दें कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार द्वारा ने नेपानगर की जनता को 60 लाख रूपयें की लागत से अस्पताल की सौगात दी थी, यह अस्पताल नेपानगर के तहसील कार्यालय के पास बीड गांव में बनाया जा रहा था, लेकिन कुछ कारणों के चलते इस अस्पताल के निर्माण का कार्य पिछले तीन सालों से बंद पडा हुआ है.

बुरहानपुर। नेपानगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे चल रही है. हालात यह है कि इस अस्पताल में ना तो पर्याप्त डॉक्टर है और ना ही तकनीकी संसाधन. यहां तक कि कई बार मरीजों को दूसरे शहर जाकर निजी अस्पतालों में महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. हैरानी की बात ये है इस जिले का प्रभार स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के कंधों पर है.

टपकती छत के नीचे हो रहा मरीजों का इलाज

नेपानगर में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधा दिन-प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है. नेपानगर की जनता के पास उपचार के लिए दो अस्पताल है. एक नेपा लिमिटेड द्वारा बनाया गया अस्पताल और दूसरा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र. लेकिन जनता को दोनों ही अस्पतालों में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

नेपा लिमिटेड के अस्तपाल की बात करे तो यह पिछले दो सालों से कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई है. इसके अलावा शासकीय अस्पताल में कई साल पुरान है तो इसकी इमारत जर्जर हो चुकी है. आलम ये है कि यहां छतों से पानी टपकता है. टपकते हुए पानी में छत की उपर पन्नी लगाकर पानी की निकासी रोकी जा रही है तब जाकर उसमें ओपीडी चलाई जा रही है. यहां तक की अस्पताल का महिला प्रसव कक्ष भी बेहद जर्जर हो चुका, यहां पर भी छत में से पानी टपकता है और छत से छोटे-छोटे टूकडे टूटकर नीचे गिर रहे है. ऐसे में अस्पताल प्रबंधन को किसी बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहा है.

इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से नेपानगर क्षेत्र के आसपास के करीब 80 गांव जुडे हुए है, लेकिन यहां पर आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है. इतना हीं नहीं दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए मरीज को उपचार के लिए प्राथमिक उपचार देकर इन्हें बुरहानपुर जिला चिकित्सालय रैफर करना पडता है. कई बार तो सही तरीके से उपचार न मिलने के कारण अपनी जान तक गंवानी पडती है.

बता दें कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार द्वारा ने नेपानगर की जनता को 60 लाख रूपयें की लागत से अस्पताल की सौगात दी थी, यह अस्पताल नेपानगर के तहसील कार्यालय के पास बीड गांव में बनाया जा रहा था, लेकिन कुछ कारणों के चलते इस अस्पताल के निर्माण का कार्य पिछले तीन सालों से बंद पडा हुआ है.

Intro: स्पेशल स्टोरी
जरा ध्यान से देखिए इस गैरेज से दिखने वाले नेपानगर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को, यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री तुलसीराम सिलावट के प्रभार वाले जिले बुरहानपुर के नेपानगर का है, वही नेपानगर जो एशिया के सबसे बड़े कागज कारखाना के नाम से देशभर ने प्रसिद्ध हैं, हालात यह है कि इस अस्पताल में ना तो पर्याप्त डॉक्टर है, ना ही तकनीकी संसाधन इतना ही नहीं यहां तो स्वास्थ्य सुविधाएं भगवान भरोसे चल रही हैं, कई बार मरीजों को अन्य शहरों में जाकर निजी अस्पतालों का महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है, दरअसल मध्यप्रदेश की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के कार्यकाल में नवीन अस्पताल भवन का निर्माण शुरू किया गया था लेकिन किसी कारण वश निर्माणाधीन अस्पताल के निर्माण पर रोक लगा दी गई, अब सवाल यह उठता है कि बीजेपी सरकार के कार्यकाल में शुरू हुए शासकीय चिकित्सालय का निर्माण अब क्या कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में पूरा हो जाऐंगा या फिर यू ही इस तरह नेपानगर की स्वास्थ्य सुविधाए भगवान भरोसे चलेंगी।


Body:आपकों बता दे कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार द्वारा ने नेपानगर की जनता को 60 लाख रूपयें की लागत से अस्पताल की सौगात दी थी, यह अस्पताल नेपानगर के तहसील कार्यालय के पास बीड गांव में बनाया जा रहा था, लेकिन कुछ कारणों के चलते इस अस्पताल के निर्माण का कार्य पिछले तीन सालों से बंद पडा हुआ।



नेपानगर में इन दिनो स्वास्थ्य सुविधा दिन-प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है, नेपानगर की जनता के पास उपचार के लिए दो अस्पताल है एक नेपा लिमिटेड द्वारा बनाया गया अस्पताल है और दूसरा मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बनाया गया सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र है, यह दोनो अस्पतालों के भगवान भरोसे नेपानगर की स्वास्थ्य सुविधाए चल रही है, यदि नेपा लिमिटेड के अस्तपाल की बात करे तो यह पिछले दो सालों से कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते यहा की स्वास्थ्य सुविधाए भी चरमरा गई है, इसके अलावा शासकीय चिकित्सालय की बात करे तो यह भवन कई वर्षो पहले बनाया गया था, जो अब पूरी तरह से जर्जर हो चुका है, बता दें कि इसमें तीन अलग-अलग भवन है यह सभी भवन काफी पुराने हो चुके है जिसके कारण इनकी छतों से पानी टपक रहा है, इस टपकते हुए पानी में छत की उपर पन्नी लगाकर पानी की निकासी रोककर उसमें मरीजों की ओपीडी और उपचार किया जा रहा है, इस अस्पताल का महिला प्रसव कक्ष भी काॅफी जर्जर हो चुका, यहा पर भी छत में से पानी टपकता है, और छत की सिलेब में से छोटे-छोटे टूकडे टूटकर नीचे गिर रहे है, यहा पर डिलवेरी के लिए आई हुई महिलाए अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पलंग पर लेटी हुई होती है ऐसे में से कभी भी कोई भी बडी दुर्घटना हो सकती है।

जबकि इस सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से नेपानगर क्षेत्र के आसपास के करीब 70 से 80 गांव जुडे हुए है। लेकिन यहा पर आने वाले मरीजों को बेहतर उपचार नहीं मिल पा रहा है। यहा दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हुए मरीज को उपचार के लिए ला जाता है लेकिन प्राथमिक उपचार देकर इन्हे बुरहानपुर जिला चिकित्सालय रैफर करना पडता है, कई बार तो सही तरीके से उपचार न मिलने के कारण अपनी जान तक गंवानी पडती है।
बाइट 01 महेश वर्मा, डॉक्टर
बाइट 02 संजय तोरानी, विधायक प्रतिनिधि नेपानगर
बाइट 03 सुनील मोरे, स्थानीय निवासी
Conclusion:नेपानगर से सागर चौरसिया की रिपोर्ट मो.8821919132
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