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बुरहानपुर : नेपा लिमिटेड रहेगा चुनावी मुद्दा, कांग्रेस बीजेपी पर हावी

बुरहानपुर जिले के नेपानगर सीट पर जब-जब चुनाव करीब आता हैं, एशिया का सबसे बड़ा कागज कारखाना नेपा लिमिटेड चुनावी मुद्दा होता है. इस बार भी उपचुनाव को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर हावी है, जिसके चलते दोनों ही आरोप प्रत्यारोप कर रहे है.

Nepa Limited Company
नेपा लिमिटेड कंपनी
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Published : Aug 20, 2020, 5:08 PM IST

Updated : Aug 20, 2020, 9:05 PM IST

बुरहानपुर। जिले के नेपानगर सीट पर जब-जब चुनाव करीब आता हैं, एशिया का सबसे बड़ा कागज कारखाना नेपा लिमिटेड चुनावी मुद्दा होता है. नेपानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी के इस्तीफे के बाद उपचुनाव की स्थिति निर्मित हुई है, इस उपचुनाव में नेपा लिमिटेड शुरू नहीं होना बड़ा मुद्दा रहेगा.

चुनावी मुद्दा

कारखाने बंद करने की नीति

नेपा लिमिटेड के कर्मचारी कहते हैं, सब कुछ ठीक चल रहा है, लेकिन कांग्रेस नेता नेपा लिमिटेड के सालों से बंद होने और कर्मचारियों को वीआरएस दिलाने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार कारखाने बंद करने की नीति और क्षेत्रीय सांसद नंदकुमार सिंह की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं बीजेपी नेता अपनी पार्टी और सांसद का बचाव करते हुए नेता लिमिटेड का नवीनीकरण धीमी गति से होने पर ठेकेदार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं जल्द नेपा लिमिटेड शुरू करने के वादे भी किए जा रहे हैं.

Employees of NEPA Limited
नेपा लिमिटेड के कर्मचारी

विदेशी अखबारी कागज सस्ता और अच्छी क्वालिटी का मिलने के चलते अखबारों ने नेपानगर से अखबार लेना बंद कर दिया, जिससे नेपा लिमिटेड की माली हालत खराब होना शुरू हो गई. 2009 में खंडवा बुरहानपुर के सांसद और तत्कालीन भारी उद्योग राज्यमंत्री अरुण यादव ने 1200 करोड़ का नेपा लिमिटेड को रिवाइवल पैकेज स्वीकृत कराया.

Napnagar
नेपानगर

दिसंबर तक हो सकता है कागज उत्पादन शुरू

इस बीच 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आई, सरकार ने अपनी नीति में परिवर्तन कर बीमार उद्योगों को बंद करके या निजीकरण करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन नेपानगर के नागरिकों, कर्मचारियों और राजनीतिक दलों ने नील को बचाने के लिए बड़ा आंदोलन शुरू किया. दबाव में आई सरकार ने नेपा लिमिटेड को दोबारा शुरू करने के लिए 469 करोड़ का अतिरिक्त पैकेज स्वीकृत किया, लेकिन नवीनीकरण का कार्य धीमा चल रहा है. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सब कुछ ठीक है और दिसंबर तक कारखाने में कागज उत्पादन शुरू हो जाएगा. जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.

कांग्रेस और बीजेपी का आरोप-प्रत्यारोप

कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार ने नेपा लिमिटेड को बेचने और निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली थी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा नवीनीकरण का धीमी गति से होना मोदी सरकार की लापरवाही है. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए कहा कि नेपा लिमिटेड के लिए पीएम मोदी ने सहायता दी है, उसी का नतीजा है कि आज नेपा लिमिटेड में नवीनीकरण कार्य शुरू हो पाया है. बीजेपी ने आश्वस्त किया है कि नेपा लिमिटेड के नवीनीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर कराया जाएगा.

बुरहानपुर। जिले के नेपानगर सीट पर जब-जब चुनाव करीब आता हैं, एशिया का सबसे बड़ा कागज कारखाना नेपा लिमिटेड चुनावी मुद्दा होता है. नेपानगर विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सुमित्रा देवी के इस्तीफे के बाद उपचुनाव की स्थिति निर्मित हुई है, इस उपचुनाव में नेपा लिमिटेड शुरू नहीं होना बड़ा मुद्दा रहेगा.

चुनावी मुद्दा

कारखाने बंद करने की नीति

नेपा लिमिटेड के कर्मचारी कहते हैं, सब कुछ ठीक चल रहा है, लेकिन कांग्रेस नेता नेपा लिमिटेड के सालों से बंद होने और कर्मचारियों को वीआरएस दिलाने के लिए केंद्र की बीजेपी सरकार कारखाने बंद करने की नीति और क्षेत्रीय सांसद नंदकुमार सिंह की निष्क्रियता को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं बीजेपी नेता अपनी पार्टी और सांसद का बचाव करते हुए नेता लिमिटेड का नवीनीकरण धीमी गति से होने पर ठेकेदार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. वहीं जल्द नेपा लिमिटेड शुरू करने के वादे भी किए जा रहे हैं.

Employees of NEPA Limited
नेपा लिमिटेड के कर्मचारी

विदेशी अखबारी कागज सस्ता और अच्छी क्वालिटी का मिलने के चलते अखबारों ने नेपानगर से अखबार लेना बंद कर दिया, जिससे नेपा लिमिटेड की माली हालत खराब होना शुरू हो गई. 2009 में खंडवा बुरहानपुर के सांसद और तत्कालीन भारी उद्योग राज्यमंत्री अरुण यादव ने 1200 करोड़ का नेपा लिमिटेड को रिवाइवल पैकेज स्वीकृत कराया.

Napnagar
नेपानगर

दिसंबर तक हो सकता है कागज उत्पादन शुरू

इस बीच 2014 में केंद्र में मोदी सरकार आई, सरकार ने अपनी नीति में परिवर्तन कर बीमार उद्योगों को बंद करके या निजीकरण करने की तैयारी कर ली थी, लेकिन नेपानगर के नागरिकों, कर्मचारियों और राजनीतिक दलों ने नील को बचाने के लिए बड़ा आंदोलन शुरू किया. दबाव में आई सरकार ने नेपा लिमिटेड को दोबारा शुरू करने के लिए 469 करोड़ का अतिरिक्त पैकेज स्वीकृत किया, लेकिन नवीनीकरण का कार्य धीमा चल रहा है. कर्मचारी नेताओं का कहना है कि सब कुछ ठीक है और दिसंबर तक कारखाने में कागज उत्पादन शुरू हो जाएगा. जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.

कांग्रेस और बीजेपी का आरोप-प्रत्यारोप

कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार ने नेपा लिमिटेड को बेचने और निजी हाथों में देने की तैयारी कर ली थी, कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने कहा नवीनीकरण का धीमी गति से होना मोदी सरकार की लापरवाही है. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए कहा कि नेपा लिमिटेड के लिए पीएम मोदी ने सहायता दी है, उसी का नतीजा है कि आज नेपा लिमिटेड में नवीनीकरण कार्य शुरू हो पाया है. बीजेपी ने आश्वस्त किया है कि नेपा लिमिटेड के नवीनीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर कराया जाएगा.

Last Updated : Aug 20, 2020, 9:05 PM IST
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